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चुनावी ड्यूटी में 135 शिक्षकों की मौत पर कोर्ट ने योगी सरकार को फटकारा, कहा 'EC पर क्यों न चले केस'

Janjwar Desk
28 April 2021 3:24 AM GMT
चुनावी ड्यूटी में 135 शिक्षकों की मौत पर कोर्ट ने योगी सरकार को फटकारा, कहा EC पर क्यों न चले केस
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उच्च न्यायालय ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद जब इतने बड़े-बड़े उद्योग लग चुके हैं, तब हम आज भी अपने नागरिकों को ऑक्सीजन मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं, यह शर्म की बात है...

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 के दौरान सेवास्थ सेवाओं की नाकामी पर स्वत: ही संज्ञान लेकर राज्य सरकार द्वारा पेश की गई महामारी से निपटने की कार्ययोजना को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सुनवाई की अगला तारीख 3 मई को मुकर्रर करते हुए सरकार को आदेश दिया है कि नई और लागू होने लायक कार्ययोजना पेश करें।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कड़े शब्दों में फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि जो लोग सत्ता में हैं वह 'मेरा कायदा मानो, वरना कोई फायदा नहीं' जैसा रवैया छोड़ दें। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार बहुत देर से कार्ययोजना बनाकर लाई है और इसके जरिे महामारी रोकने का दावा करती है। लेकिन जनस्वास्थ को लेकर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि उसे सरकार की नियत पर शक नहीं है लेकिन योजना को एक्शन में बदलने की जरूरत है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद जब इतने बड़े-बड़े उधोग लग चुके हैं, तब हम आज भी अपने नागरिकों को ऑक्सीजन मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं। यह शर्म की बात है। इसके साथ ही अदालत ने यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से मरे सरकारी कर्मचारियों को लेकर राज्य चुनाव आयोग की कड़े शब्दों में निंदा की है।

हाईकोर्ट ने कहा कि 135 शिछक, शिछामित्र व इन्वेस्टिगेटरों की मौत चुनाव ड्यूटी में कोरोना वायरस की चपेट में आने से हुई है। इस बात की पुष्टि भी की जा चुकी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में न्यास नोटिस लिया जा रहा है। बता दें कि पंचायत चुनाव के तीनो चरणों में कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन कराने में पुलिस व चुनाव आयोग विफल रहे हैं। इस बाबत चुनाव आयोग अगली तारीख में कोर्ट को बताएगा की वह विफल क्यों रहा।

अदालत ने आदेश देते हुए कहा कि आयोग के अधिकारी बताएंगे कि उनके उपर कार्यवाही क्यों ना की जाए। चुनाव आयोग को निर्देश दिए जाते हैं कि वह तत्काल बचाव के कदम पूरी संजीदगी से उठाए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग व इसके 27 अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

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