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Expose : विशेषज्ञ समिति ने उत्तराखंड विधानसभा की 396 तदर्थ नियुक्तियों को माना असंवैधानिक, 2001 से 2015 तक की गयी 168 नियुक्तियों पर उठा सवाल

Janjwar Desk
28 Jan 2023 10:43 AM GMT
Uttarakhand Bharti Ghotala: हाई कोर्ट पहुंचा उत्तराखंड का भर्ती घोटाला, भुवन कापड़ी ने मिलाए युवाओं के सुर में सुर
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Uttarakhand Bharti Ghotala: हाई कोर्ट पहुंचा उत्तराखंड का भर्ती घोटाला, भुवन कापड़ी ने मिलाए युवाओं के सुर में सुर

विशेषज्ञ समिति ने उत्तराखंड विधानसभा की 396 तदर्थ नियुक्तियों को असंवैधानिक माना, 2001 से 2015 तक की गयी 168 नियुक्तियों पर भी सुप्रीम कोर्ट निर्णय के आधार पर परीक्षण कराकर निर्णय को कहा, नदीम उद्दीन के सूचना मांगने पर विधानसभा की बेवसाइट पर सार्वजनिक की गयी समिति की रिपोर्ट...

Uttarakhand Bharti Ghotala : राज्य स्थापना से लेकर आज तक की उत्तराखंड विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच के लिये बनायी गयी विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट 20 सितम्बर 22 में 2001 से लेकर 2021 तक की गयी सभी 396 तदर्थ नियुक्तियों को असंवैधानिक व गलत मानते हुए 228 नियुक्तियों को निरस्त करने योग्य माना है जबकि 2013 से 2016 तक विनियमित की गयी 2001 से 2015 तक की गयी 168 नियुक्तियों को भी गलत व असंवैधानिक तो माना है, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के उमा देवी के निर्णय के परिक्षेय में परीक्षण करके निर्णय लिये जाने को कहा है। यह खुलासा सूचना अधिकार अपील के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक होने से हुआ है।

बता दे कि उत्तराखंड विधानसभा में हुई इन नियुक्तियों का बवाल सामने आने के बाद कई पूर्व विधानसभा अध्यक्ष युवाओं के निशाने पर थे। बाद की कई नियुक्तियां निरस्त होने के बाद पहले की नियुक्तियों को लेकर लगातार उठते सवालों के बीच इन नियुक्तियों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई थी, लेकिन जांच के लिए बनी कमेटी के विशेषज्ञों की इस रिपोर्ट को सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया था जिसके बाद काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अपने सूचना प्रार्थना पत्र से विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से विधानसभा में नियुक्तियों के परीक्षक के सम्बन्ध में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट व इस पर कार्यवाही की सूचना मांगी थी।

पहले तो इस सूचना प्रार्थना पत्र का उत्तर ही नहीं मिला, जब सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम द्वारा प्रथम अपील की गयी तो विशेषज्ञ समिति की 217 पृष्ठों की रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट पर सार्वजनिक करके लोक सूचनाधिकारी/अनुसचिव मनोज कुमार द्वारा अपने पत्रांक 28 दिनांक 6 जनवरी 2023 से उत्तर उपलब्ध कराया है। नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार अध्यक्ष विधानसभा द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा सचिवालय की वेबसाइट की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

नदीम द्वारा वेबसाइट से रिपोर्ट डाउन लोड करके अध्ययन करने से यह सनसनीखेज बात प्रकाश में आयी कि इसके विधानसभा सचिवालय में काार्मिकों की नियुक्तियों के विधि विरूद्ध होने न होने सम्बन्धी आख्या के पैरा 12 में सभी 396 तदर्थ नियुक्तियों को असंवैधानिक माना है। इसमें स्पष्ट उल्लेख किया है कि विधानसभा सचिवालय में वर्ष 2001 से 2022 तक की गयी तदर्थ नियुक्तियों हेतु सभी पात्र एवं इच्छुक अभ्यर्थियों को समानता का अवसर प्रदान नहीं करके भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 तथा अनुच्छेद 16 का उल्लंघन किया गया है।

पैरा 11 में इन सभी नियुक्तियों को नियमावलियों के प्रावधानों के उल्लंघन में होने का भी उल्लेख है। जिन प्रावधानों का उल्लंघन रिपोर्ट में दर्शाया गया है उसमें चयन समिति का गठन नहीं करना, तदर्थ नियुक्ति हेतु विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना नहीं देना और न ही नाम रोजगार कार्यालयों से प्राप्त करना, आवेदन पत्र मांगे बिना व्यक्तिगत आवेदनों पर नियुक्ति प्रदान करना, कोई प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित नहीं करना, नियमावलियों के प्रावधानों के अनुसार उत्तराखंड राज्य की अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित न करना (आरक्षण लाभ) शामिल है।

आख्या के पैरा 3 में वर्षवार तदर्थ नियुक्तियों की संख्या का उल्लेख है। इसमें 2001 में 53, 2002 में 28, वर्ष 2003 में 5, वर्ष 2004 में 18, वर्ष 2005 में 08, वर्ष 2006 में 21, वर्ष 2007 में 27 तथा वर्ष 2008 में 1, वर्ष 2013 में 01, वर्ष 2014 में 7, वर्ष 2017 में 149, वर्ष 2020 में 6 तथा वर्ष 2021 में 72 नियुक्तियां शामिल है।

इसमें वर्ष 2009 से 2012, 2015, 2017 से 2019 तथा 2022 वर्षों में कोई तदर्थ नियुक्ति नहीं दर्शायी गयी है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस सूची में उत्तर प्रदेश से आये कार्मिक, सेवानिवृत कार्मिक, जिनका निधन हो चुका है, त्यागपत्र देने वाले, मृतक आश्रित तथा उपनल/आउटसोर्सिंग के आधार पर रखे काार्मिक शामिल नहीं है। आख्या के पैरा 4 में जिन पदों पर 396 तदर्थ नियुक्तियां की गयी है उन 24 पदों का उल्लेख है।

इसमें प्रतिवेदक के 20 पद, सम्पादक के 5, अनुभाग अधिकारी (शोध एवं संदर्भ) के 1, डिप्टी मार्शल का 1, सूचना अधिकारी का 1, अपर निजी सचिव के 40, समीक्षा अधिकारी के 13, सहायक समीक्षा अधिकारी के 78, सहायक समीक्षा अधिकारी (शोध एवं सदर्भ) के 14, सहायक समीक्षा अधिकारी (लेखा) के 20, उप प्रोटोकोल अधिकारी के 4, व्यवस्थापक के 3, सूचीकार के 8, कम्प्यूटर सहायक के 14, कम्प्यूटर आपरेटर के 3, स्वागती के 4, महिला रक्षक के 15, रक्षक पुरूष के 49, तकनीशियन के 2, हाउसकीपिंग सहायक के 2, चालक के 22, फोटोग्राफर का 1, डाक रनर का 1, तथा परिचारक के 75 पद शामिल है।

पूर्व आईएएस दिलीप कोटिया (अध्यक्ष), सुरेन्द्र सिंह रावत तथा अवनेन्द्र सिंह नयाल की समिति ने केवल नियुक्तियों की वैधता पर ही आख्या प्रस्तुत नहीं की है बल्कि मुकेश सिंघल की सचिव विधानसभा के रूप में प्रोन्नति की वैधता, सचिव के अतिरिक्त अन्य पदों पर प्रोन्नति की वैधता, विधानसभा सचिवालय में की गयी नियुक्तियों के सेवा नियमावलियों में निर्धारित योग्यता के अनुरूप होने /न होने के सम्बन्ध में भी आख्या प्रस्तुत की है।

इसके अतिरिक्त भविष्य में सुधार हेतु 15 सुझाव भी प्रस्तुत किये है। इस रिपोर्ट के संलग्नकों में सम्बन्धित नियमावलियां तथा सभी तदर्थ नियुक्त कार्मिैकों के नामों सहित व पदनाम सहित वर्ष वार सूची भी शामिल की गयी है।

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