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कोरोना काल में HIL ने किया रिकॉर्ड उत्पादन, वहीं मोदी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों का करती जा रही विनिवेश

Janjwar Desk
23 Oct 2020 3:30 AM GMT
कोरोना काल में HIL ने किया रिकॉर्ड उत्पादन, वहीं मोदी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों का करती जा रही विनिवेश
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केंद्र की मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए विनिवेश नीति बनाई है और बाजाप्ता इसके लिए अलग विभाग का गठन भी किया गया है, जो सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और विनिवेश की संभावनाएं तलाशती है और उनके नियम-कायदे बनाती है...

नई दिल्ली। एक तरफ जहां सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को लगातार निजी हाथों में सौंपती जा रही है, दूसरी तरफ देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रम अपनी काबिलियत दिखा रहे हैं।

केंद्र की मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए विनिवेश नीति बनाई है और बाजाप्ता इसके लिए अलग विभाग का गठन भी किया गया है, जो सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और विनिवेश की संभावनाएं तलाशती है और उनके नियम-कायदे बनाती है।

कोरोना काल में जब देश-विदेश में उद्योग-धंधे ठप्प पड़े थे और उत्पादन कम थे या बंद थे, उस दौर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान इंसेस्टिसाइड्स लिमिटेड(HIL) ने अबतक का सर्वाधिक उत्पादन दर्ज कराया है और दिलचस्प बात यह है कि इसकी जानकारी खुद उस मंत्रालय ने दी है, जिसके अधीन यह कंपनी आती है।

कोरोना महामारी के कारण जहां कई उद्योग धंधे मंदी की चपेट में आये, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड ने अपने कारोबार में बढ़ोतरी करते हुये शानदार प्रदर्शन किया है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि एचआईएल ने वित्तवर्ष 2020-2021 की पहली दो तिमाहियों में मैलाथियान टेक्निकल का अबतक का सबसे अधिक उत्पादन दर्ज किया है।

मंत्रालय ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते लगे प्रतिबंधों के बावजूद कंपनी ने इस दौरान 530.10 मीट्रिक टन मैलाथियान टेक्निकल का उत्पादन किया। कंपनी ने पिछले वर्ष इसी अवधि में 375.50 मीट्रिक टन उत्पादन किया था। इस तरह उसने अपने ताजा उत्पादन में 41 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।

इतना ही नहीं कंपनी ने उक्त अवधि में मैलाथियान की अब तक की सबसे अधिक बिक्री भी दर्ज की है। इस उत्पादित माल की पूरी मात्रा को कृषि मंत्रालय के टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम और देश भर के नगर निगमों को कीट नियंत्रण कार्यक्रमों के लिये आपूर्ति की गयी। इसके अलावा ईरान को निर्यात भी किया गया।

बता दें कि एचआईएल विभिन्न तकनीकी और फार्मूलेशन ग्रेड के कीटनाशकों का उत्पादन करता है।

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