Begin typing your search above and press return to search.
गवर्नेंस

ह्यूमैन कैपिटल इंडेक्स में 174 देशों में भारत का 116वां नंबर, वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग पर सवाल उठा चुकी है मोदी सरकार

Janjwar Desk
17 Sep 2020 6:02 PM GMT
ह्यूमैन कैपिटल इंडेक्स में 174 देशों में भारत का 116वां नंबर, वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग पर सवाल उठा चुकी है मोदी सरकार
x

file photo

2019 में वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी इंडेक्स में भारत को 157 देशों में से 115वें स्थान पर था, जिस पर उपेक्षा का आरोप लगा केंद्र की मोदी सरकार ने घोर आपत्ति जताई थी

जनज्वार। वर्ल्ड बैंक के सालाना ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स में भारत को 116वां स्थान मिला है। इंडेक्स में भारत सहित 174 देशों को शामिल किया गया है। इंडेक्स को 174 देशों की शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति पर तय किया गया है। इससे पहले भारत ने साल 2019 में जारी वर्ल्ड बैंक के इंडेक्स पर आपत्ति जताई थी।

वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स के मुताबिक इस साल भारत का स्कोर 0.49 है, जबकि साल 2018 में यह स्कोर 0.44 था। इससे पहले 2019 में वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी इंडेक्स में भारत को 157 देशों में से 115वें स्थान पर था, जिस पर केंद्र की मोदी सरकार ने घोर आपत्ति जताई थी। सरकार का कहना था कि वर्ल्ड बैंक ने भारत में गरीबों के लिए किए जा रहे प्रयासों की उपेक्षा की है।

इस पर वर्ल्ड बैंक की ह्यूमन डेवलपमेंट की चीफ इकोनॉमिक रॉबर्टा गैटी ने कहा कि उनकी टीम डेटा के क्वालिटी को सुधारने के लिए देशों के साथ काम कर रही है। जिससे सभी के लिए एक बेहतर इंडेक्स तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमने अपने कुछ क्लाइंट देशों के साथ सीधे काम किया है। इससे इंडेक्स का उपयोग करके देश के सुधार कार्यों के मेजरमेंट को बेहतर करने में मदद मिल सकेगा और इसमें भारत भी शामिल है।

वर्ल्ड बैंक के 2020 ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स में 174 देशों की शिक्षा और स्वास्थ्य का डेटा लिया गया है, जिसमें दुनिया की 98 फीसदी आबादी कवर होती है। यह डेटा मार्च 2020 तक का है। इसमें बच्चों को मिलने वाले एजुकेशन और हेल्थ सुविधाओं पर तवज्जो दिया गया है।

ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स के मुताबिक ज्यादातर देशों ने सामान्य ग्रोथ किया है, जबकि लो-इनकम देशों में ग्रोथ की रफ्तार तेज रही है। हालांकि इस प्रगति के बावजूद एक औसत देश में शिक्षा और स्वास्थ्य मानकों के सापेक्ष कोई बच्चा अपनी संभावित मानव विकास क्षमता का केवल 56 प्रतिशत ही हासिल करने की उम्मीद कर सकता है।

इस दौरान वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपास ने कहा कि गरीबी और संकट को बढ़ाने के अलावा कोरोनावायरस ने वैश्विक स्तर पर असमानता को भी बढ़ाया है। इस महामारी में लोगों को प्रोटेक्ट करने के लिए वर्ल्ड बैंक देशों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि विकासशील देशों पर कोरोनावायरस का ज्यादा प्रभाव हुआ है इसके कारण फॉर्मल और इनफॉर्मल मार्केट लगभग तबाह हो गए हैं। वर्ल्ड बैंक ने बताया कि इस दौरान रोजगार में लगभग 12 फीसदी की कमी आई है।

इसके अलावा विदेश से भेजे जाने वाले पैसे और टोटल इनकम में भी 11-12 फीसदी की गिरावट आई है। मालापास ने आगे कहा कि वर्ल्ड बैंक उपकरणों की सुरक्षित पहुंच और डिस्टेंस लर्निंग को दोबारा शुरु करने में मदद कर रही है।

Next Story

विविध