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राजनीति

MCD Election 2022 : भ्रष्टाचार के पहाड़ का नहीं है जवाब, जनता की अदालत में फंसी BJP सरकार

Janjwar Desk
17 Nov 2022 5:16 PM IST
जनहित और भागदारी के दम पर दिल्ली में केजरीवाल का जलवा बरकरार, भाजपा एमसीडी से बेदखल
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जनहित और भागदारी के दम पर दिल्ली में केजरीवाल का जलवा बरकरार, भाजपा एमसीडी से बेदखल

MCD Election 2022 : आप का आरोप है कि एमसीडी में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से भाजपा नेतृत्व ने 2017 की तरह इस बार अपने मौजूदा पार्षदों को मैदान में नहीं उतारने का फैसला लिया है। साफ है कि भाजपा हार के डर से भयभीत है।

MCD Election 2022 : पिछले 15 साल से भाजपा ( BJP ) दिल्ली नगर निगम ( MCD ) पर काबिज है, लेकिन इस बार भाजपा भ्रष्टाचार ( Corruption ) के पहाड़ के मुद्दे पर फंसती नजर आ रही है। इस बार आम आदमी पार्टी ( AAP ) एमसीडी ( MCD Chunav 2022 ) में वर्षों से जारी लूट और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूरी तरह से आक्रामक है तो इसके जवाब में भाजपा भी केजरीवाल सरकार को घेरने में जुटी है।दोनों के बीच भ्रष्टाचार के मसले पर जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप को लेकर फिलहाल दिल्ली की जनता मौन है, लेकिन इतना तय है कि इस बार भाजपा के लिए एमसीडी चुनाव जीतना आसान नहीें है। ऐसा इसलिए कि पहले के चुनावों में जनता मुखर दिखाई देती थी, वैसा माहौल इस बार नहीं है।

आप का दावा - हम दिलाएंगे एमसीडी में जारी भ्रष्टाचार से मुक्ति

फिर, एमसीडी में चौथी बार भाजपा को मौका देने के मसले पर दिल्ली के मतदाता भ्रम की स्थिति में है। जनता की इस भ्रम की स्थिति का लाभ आम आदमी पार्टी उठाना चाहती है। यही वजह है कि प्रापर्टी टैक्स, पार्किंग सुविधा, साफ सफाई, प्राइमरी स्कूल एजुकेशन, स्वास्थ्य विभाग में जारी भ्रष्टाचार से लोगों को मुक्ति दिलाने के साथ आप बेहतर ट्रैफिक सिस्टम, प्रदूषणमुक्त दिल्ली, कूड़े के पहाड़ से मुक्ति सहित 10 समस्याओं से निजात दिलाने के नाम पर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुटी है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार (11 नवंबर) को 'केजरीवाल की 10 गारंटी' को लॉन्च किया था।

भाजपा के पार्षद गटक गए हजारों करोड़

आप नेताओं का दावा है कि भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के कारण ही इस बार एमसीडी चुनावों में भाजपा ने 2017 की तरह ही अपने मौजूदा पार्षदों को मैदान में नहीं उतारने का फैसला लिया है। दिल्ली आप प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भाजपा पार्षदों पर 35000 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। आप का आरोप है कि भाजपा ने कहा था कि वो दिल्ली से कूड़े के पहाड़ खत्म कर देंगे और हर दिल्ली की हर गली कचरा मुक्त होगी, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इसके अलावा एमसीडी की पार्किंग और कन्वर्जन फीस एस्क्रो से 6,760 करोड़ रुपये घोटाला करने का आरोप लगाया है। पिछले 12 वर्षों में तीन पूर्ववर्ती नगर पालिकाओं द्वारा अपने पार्किंग और रूपांतरण शुल्क एस्क्रो खाते में एकत्र किए गए 6,800 करोड़ में से केवल 40 करोड़ पार्किंग पर खर्च किए गए थे, जिसका मतलब है कि एस्क्रो खाते में 6,760 करोड़ होने चाहिए। इसमें केवल 1.5 करोड़ रुपये बचे हैं।

BJP ने AAP को बताया भ्रष्टाचार का दीमक

इसके जवाब में भाजपा नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी है। सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया इसके उदाहरण है। सिसोदिया शराब घोटाले में लिप्त हैं तो सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं। महाठग सुकेष चंद्रशेखर मामले में भाजपा का दावा है कि इसमें तो केजरीवाल खुद संलिप्त हैं। बीजेपी दिल्ली सरकार पर प्रदूषण और उनके मंत्रियों के भ्रष्टाचार को लेकर भी हमलावर है। दिल्ली सरकार पर गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने में कोई प्रशासनिक रुचि नहीं दिखाने,एमसीडी को जरूरी आर्थिक सहयोग नहीं देने और पिछले 8 साल से नगर निगम के सामान्य सेनिटेशन फंड में कटौती करने का आरोप है। लैंडफिल साइट सफाई का बजट भी दिल्ली सरकार ने जारी नहीं किया। बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कि सत्तारूढ़ आप भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, भाजपा ने एक पोस्टर ट्वीट किया जिसमें दीमक (आप) को पत्ते (दिल्ली) खाते हुए दिखाया है। फोटो के कैप्शन में लिखा है एमसीडी चुनाव में जनता करेगी भ्रष्टाचार के दीमक पर वार। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आप सरकार के शासन में दिल्ली भ्रष्टाचार की दीमक से पीड़ित है जो प्रगति और विकास को खा रही है। लोगों के लिए निर्धारित संसाधनों को उनके जेब में डालने के बदले बिचौलियों और माफियाओं के जेब में डाल रही है।

4 दिसंबर को वोटिंग, 7 को आयेगा परिणाम

बता दें कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के लिए चार दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि वोटों की गिनती सात दिसंबर को होगी। ये चुनाव अप्रैल में होने थे लेकिन तीनों निगमों के एकीकरण के फैसले के कारण देरी हुई।

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