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Adani Port News : केरल में जारी है अडानी पोर्ट का विरोध, मछुआरों की मांग - पहले सरकार ये बताए कि उनकी आजीविका का क्या होगा?

Janjwar Desk
29 Nov 2022 3:59 AM GMT
Adani Port News : केरल में जारी है अडानी पोर्ट का विरोध, मछुआरों की मांग - पहले सरकार ये बताए कि उनकी आजीविका का क्या होगा?
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Adani Port News : मछुआरों का आरोप है कि अडानी पोर्ट निर्माण से उनकी आजीविका को खतरा उत्पन्न हो गया है। पोर्ट का निर्माण उनकी सुरक्षा चिंताओं को दूर किए बगैर किया जा रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। पहले सरकार हमारी रोजी-रोटी की चिंता करे।

Adani Port News : केरल ( Kerala ) में तिरुवनंतपुरम के विझिंजम ( Vizhinjam ) इलाके में निर्माणाधीन अडानी पोर्ट ( Adani Port ) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों लोग अचानक हिंसक हो गए और पुलिस थाने में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद थाना पुलिस ने 3,000 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज ( FIR ) करने के बाद पुलिस आरोपियों की पहचान में जुट गई है। हिंसक घटना में 36 पुलिसकर्मी सहित 80 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है।

इन लोगों को छोड़ने की मांग कर रहे थे प्रदर्शनकारी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 26 दिसंबर की घटना के बाद रविवार रात को 3,000 लोगों ने थाने का घेराव गिरफ्तार किए गए पांच मछुआरों ( Fishermens protest ) को रिहा कराना के मकसद से किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने मछुआरों को रिहा न करने पर पुलिसकर्मियों को जिंदा जला देने की धमकी भी दी थी। प्रदर्शनकारी जिन लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे उनमें तिरुवनंतपुरम के आर्कबिशप थॉमस नेट्टो, सहायक बिशप आर क्रिस्तुदास और लातिन कैथोलिक गिरजाघर के कम से कम 15 पादरियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। एफआईआर में कहा गया है कि हमले से पुलिस विभाग को 85 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

लोगों पर दंगा और सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप

थाना पुलिस ने पादरियों व अन्य खिलाफ शनिवार की हिंसक घटना को लेकर आपराधिक साजिश (धारा 120बी), दंगा (धारा 147), आपराधिक अत्याचार (धारा 447) और आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए लोक सेवकों पर हमला करना (धारा 353) के आरोप मे मामला दर्ज किया था।

ये है भीड़ के हिसंक होने की वजह

तिरुवनंतपुरम में जिला प्रशासन ने रविवार रात को बंदरगाह परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे लातिन गिरजाघर के प्राधिकारियों के साथ एक बैठक की। प्रदर्शनकारियों की ओर से सुलह बैठक में शामिल हुए फादर यूजीन पेरेरा ने मीडिया से कहा कि जनता को कोई नुकसान पहुंचाए बिना प्रदर्शनकारी हट जाएंगे। परेरा का कहा कि स्थानीय लोगों का आरोप है कि पांच स्थानीय लोगों को हिरासत में लेने की वजह बताए बिना पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था, जिसने स्थानीय लोगों को उकसा दिया।

पुलिस ने नहीं की थी उकसावे की कार्रवाई : एडीजी

इस घटना को लेकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एमआर अजित कुमार ने मीडिया को बताया कि भीड़ ने रविवार शाम को पुलिस थाने में तोड़फोड की और पुलिसकर्मियों पर हमला किया, जिसमें करीब 36 पुलिसकर्मियों को चोटें आने के बाद विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि रविवार शाम को पुलिस थाने में भीड़ एकत्रित हो गई और एक अन्य मामले में गिरफ्तार कुछ लोगों को रिहा करने की मांग की। उन्होंने पुलिस थाने में तोड़फोड़ की और अधिकारियों पर हमला किया। 36 पुलिस वाले घालय हुए हैं। पुलिस की ओर से उकसावे वाली कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। यह प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।फिलहाल स्थिति पर काबू पाने के लिए 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है तथा लगभग 300 और पुलिसकर्मियों को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि (शनिवार को) हिरासत में लिए गए पांच मछुआरों में से चार को थाने से जमानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि एक अन्य व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

लोगों ने किया अदालती आदेशों का उल्ल्ंघन

इस बीच केरल के बंदरगाह विकास मंत्री अहमद देवरकोविल ने रविवार को कहा कि यह मामला सोमवार को हाईकोर्ट के सामने आ रहा है। सरकार आगे की कार्रवाई तय करने से पहले हाईकोर्ट के फैसले पर भी विचार करेगी। आंदोलनकारियों ने हाईकोर्ट में आश्वासन दिया था कि वे निर्माण में बाधा नहीं डालेंगे। अदालत को दिए गए उस आश्वासन का उल्लंघन किया गया है।

मछुआरे लगा रहे आजीविका खत्म करने का आरोप



Adani Port : दरअसल, मछुआरे पिछले चार महीनों से 7500 करोड़ रुपये की अडाणी समूह की इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इसके निर्माण से बड़े पैमाने पर समुद्री कटाव हुआ और मछुआरों की आजीविका और आवासों को नुकसान पहुंचा है। बता दें कि अडाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने 05 दिसंबर, 2015 को 7,525 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना का निर्माण शुरू किया था। राज्य सरकार ने हाल ही में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, लेकिन इसमें मछुआरों के प्रतिनिधि को शामिल करने की उनकी मांग को खारिज कर दिया गया। मछुआरे चाहते हैं कि अध्ययन रिपोर्ट आने तक बंदरगाह के निर्माण को रोक दिया जाए, जिसे सरकार पहले ही खारिज कर चुकी है।

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