Punjab : मुफ्त की योजनाओं पर चली मान सरकार तो कैसे होगा विकास?
पंजाब में भगत सिंह की पगड़ी की कलर को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भगवंत सिंह मान ( Bhagwant Singh man ) आज पंजाब ( Punjab ) के 17वें सीएम बन गए। इसी के साथ आम आदमी पार्टी ( AAP ) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की सियासी अग्निपरीक्षा भी शुरू हो गई है। अब सवाल यह है कि क्या पंजाब में भी आप की सरकार मुफ्त की योजनाओं ( Free Schemes ) यानि दिल्ली मॉडल ( Delhi Model ) पर चलेगी? अगर ऐसा हुआ तो पंजाब को विकास के ट्रैक पर लाना आसान नहीं होगा।
दिल्ली मॉडल पर चलेगी हमारी सरकार
पंजाब को चलाने की बात का जवाब तो आज नवनियुक्त हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ( Bhagwant Singh man ) दे दिया है। आज शहीदे आजम भगत के गांव खटकडत्र कलां में अपने पद का शपथ लेने के बाद ही उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि पंजाब की सरकार दिल्ली मॉडल पर ही चलेगी। केजरीवाल जी के तैयार मॉडल पर ही पंजाब का विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन से खड़ी हुई आम आदमी पार्टी देश में बदलाव ला रही है। हम उसी का अभिन्न हिस्सा हैं। हम पंजाब में स्कूल और कॉलेजों का स्तर सुधारेंगें। साथ ही अन्य क्षेत्रों में विकास किए जाएंगे।
सीएम भगवंत सिंह मान के बयान से साफ ही दिल्ली की तरफ बिजली और पानी वहां के लोगों को भी मुफ्त में मिलेगा। वृद्धावस्था, विकलांग ओर विधवाओं को पेंशन दिल्ली के तर्ज पर दिए जाएंगे। साथ चुनावी घोषणा पत्रों के मुताबिक गृहणियों को एक हजार रुपए प्रति माह दिए जाएंगे। सरकारी स्कूल के छात्रों को लैपटॉप, आवासीय संपत्ति कर पर छूट, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का वादा भी आप के घोषणा पत्र में शामिल है। सबडिवीजन और जिला स्तरों पर आम आदमी कैंटीन बनाने और एक वक्त का खाना पांच रुपए में लोगों को मिलेगा। बिजली की दर 400 यूनिट तक मुफ्त में मिलेगी। आप ने युवाओं से 25 लाख नए रोजगार मुहैया कराने का भी वादा कर रखा है। इसी तरह हरेक गांव में एक पिंड क्लीनिक और हरेक शहरी क्षेत्र में दिल्ली की तर्ज पर मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की जाएगी। ये सभी मामले तो वो हैं जो मुफ्त में दिए जाएंगे।
इसके अलावा पंजाब ( Punjab ) के लोगों के सबसे बड़ी समस्याओं में नशा उन्मूलन, भ्रष्टाचारमुक्त शासन, कारोबार को बढ़ावा और पंजाब में उद्योगों को विकास शामिल है। जबकि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पंजाब शीर्ष राज्यों की श्रेणी से पिछड़कर 14वें स्थान पर चला गया है। यानि आप सरकार के सामने पंजाब का आर्थिक विकास भी मुंह बाये खड़ी है।
दिल्ली और पंजाब के अंतर को समझना होगा
यहां पर एक सवाल यह भी है कि ये सारे काम भगवंत सिंह मान कैसे करेंगे। दिल्ली और पंजाब में बहुत अंतर है। दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है। देश की राजधानी में विकास के कई अहम मुद्दे केंद्र सरकार के जिम्मे हैं। दिल्ली के नगर निगमों को केंद्र से अलग से बजट मिलता है। रोजगार के मामले दिल्ली सरकार से ज्यादा केंद्र की योजनाएं ज्यादा कारगर हैं। निजी क्षेत्र यहां पर रोजगार के अहम जरिया हैं। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथ में है। इसलिए कानून और व्यवस्था में दिल्ली में केजरीवाल पल्ला झाड़ लेते हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा के मामले में केंद्रीय अस्पताल अहम भूमिका निभाते हैं।
ये है पंजाब का ताजा हाल
पंजाब पूर्ण राज्य है। सभी काम काज राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है। अच्छे-बुरे सभी की जिम्मेदारियों भी उसी की होती है। ऐसे में अगर पंजाब सरकार दिल्ली के मॉडल पर मुफ्त की योजनाओं पर अमल करती है तो विकास का क्या होगा। यह सबसे अहम सवाल है। औद्योगिक विकास के लिए पैसा कहां से आएंगे। पंजाब बॉर्डर राज्य होने की वजह से उसकी कुछ जिम्मेदारियां अलग से भी हैं। यानि वादों को पूरा करने और पंजाब का बजट के बीच तालमेल बिठना बहुत मुश्किल काम होगा। इसे पूरी तरह से दिल्ली मॉडल पर चलाना आसान नहीं होगा। फिलहाल भगवंत मान क्या कर पाएंगे ये तो वक्त ही बताएगा। ऐसा इसलिए कि अगर वो मुफ्त की योजनाएं चलाएंगे तो बड़ी-बड़ी परियोजनाओं पर काम रुक जाएगा। बड़ी-बड़ी योजना पर ध्यान देंगे तो मुफ्त की योजनाओं लगाम लगाना होगा।
फिलहाल, पंजाब में राजनीति का आज से नया अध्याय शुरू हो चुका है। भगवंत मान के सामने आप के चुनावी वादों को पूरा करने के साथ पंजाब को देश में फिर से अगुवा राज्य बनाने की जिम्मेदारी है। कोरोना महामारी का दौर भी चल रहा है। केजरीवाल ने खुद स्वीकार किया है कि COVID-19 ने AAP के सफल सरकार का स्कोर बिगाड़ दिया है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ताजा बजट भाषण में यह बात स्वीकार की है।
पंजाब ( Punjab ) में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने 2021-22 के लिए राज्य का 1,68,015 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। ताजा बजट भगवंत मान की सरकार पेश करेगी। पंजाब सरकार 2021-22 में राज्य के 1.13 लाख किसानों का 1,186 करोड़ रुपए और भूमिहीन किसानों का 526 करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ करने का भी ऐलान देना बाकी है। चन्नी सरकार ने बुजुर्ग पेंशन को 750 रुपए से बढ़ाकर 1,500 रुपए प्रति माह कर दिया था। शगुन योजना के तहत अनुदान 51,000 रुपए करने का प्रस्ताव है। आशीर्वाद स्कीम को 21 000 रुपये से बढ़ा कर 51000 रुपए किए जा चुके हैं। पंजाब सरकार ने अपने बजट में सरकारी कर्मचारियों को छठा वेतनमान देने की भी घोषणा की थी। यानि पंजाब सरकार खर्चे का भारी दबाव पहले से ही है।