Railway News : भई ये तो मोदी के तंगदिली की हद है, अब 1 साल के बच्चों का भी टिकट जारी कर रहा है रेलवे
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Railway News : सीरियर सिटीजन के बाद मोदी सरकार ( Modi Government ) की कुदृष्टि अब भारतीय रेल ( Indian Railway News ) में सफर करने वाले बच्चों पर पड़ गई है। रेलवे ने चोर दरवाजे से यात्रियों को जोर का झटका देते हुए अब एक साल के बच्चे का भी फुल टिकट जारी करने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक पांच से 11 साल के बच्चों को आधा किराया लगता था। मोदी सरकार की तंगदिली इतनी हो गई है कि वो इस बात की सूचना अब पब्लिक को देना भी जरूरी नहीं समझती। जबकि ऐसा करने से पहले यात्रियों को इस बात की जानकारी देना जरूरी है।
इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब लखनऊ निवासी मयंक ने 13 अगस्त को परिवार के साथ गुजरात के टूर पर जाने के टिकट बुक कराया। उन्हें राजकोट से सोमनाथ जाना था। ओखा-सोमनाथ एक्सप्रेस की एसी फर्स्ट में उन्होंने रिजर्वेशन कराया। उन्होंने चार यात्रियों में पहला नाम अपने एक वर्ष के बेटे का भरा। रेलवे के सिस्टम ने कम उम्र होने के बावजूद आवेदन पर आपत्ति नहीं की। एक वर्ष के छोटे बच्चे को आम यात्रियों की तरह ही पूरी सीट आवंटित करते हुए पूरा किराया ले लिया। अगर आप भी मयंक की तरह अपने परिवार के साथ यात्रा करने वाले हैं और साथ में एक से चार वर्ष तक की उम्र के बच्चे हैं तो रिजर्वेशन फार्म संभलकर भरें।
रेलवे ने बच्चों को भी नहीं छोड़ा, पर्दे के पीछे से कर दिया ये खेल
पर्दे के पीछे से समाप्त की ऐसा इसलिए कि रेलवे ने गुपचुप तरीके से एक चार साल के बच्चों की रिजर्वेशन की बुकिंग ( Ticket booking for Child ) शुरू कर दी है। अभी तक इस उम्र के बच्चे रेलवे में निशुल्क यात्रा करते आये हैं। पिछले दिनों लखनऊ मेल की एसी थर्ड बोगी में बेबी बर्थ तैयार करने के बाद अब रेलवे ने चार साल से कम उम्र के बच्चों का भी टिकट बनाकर उनको सीट देने की व्यवस्था लागू कर दी है। अब तक केवल पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के टिकट रेल आरक्षण केंद्र के काउंटरों और आईआरसीटीसी ( IRCTC ) की वेबसाइट पर बनते थे।
सावधानी से भरें टिकट
Railway News : यात्रियों को 5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का टिकट बनाते समय यह विकल्प देना होता है कि पूरी बर्थ लेंगे या बर्थ नहीं लेंगे। बर्थ लेने पर ही 5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का पूरा किराया देना पड़ता है। बर्थ न लेने पर किराया आधा ही देना होता है। अब एक से चार वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए भी रेलवे ने टिकट बुकिंग शुरू कर दी है। पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम ने एक से चार वर्ष तक की उम्र के बच्चों के नाम भरने के बाद बर्थ न लेने का कोई विकल्प ही नहीं रखा है। कम उम्र के बावजूद सिस्टम कोई आपत्ति नहीं करता है। यानि रेलवे टिकट के लिए फार्म भरते समय एक से चार साल के बच्चे का नाम न डालें।