ग्राउंड रिपोर्ट

Gujarat Election 2022 : गुजरात में भाजपा के 27 साल के शासन में खौफ में मुसलमान, कहा हमारे समुदाय को हर जगह बनाया जाता है निशाना

Janjwar Desk
23 Sep 2022 7:28 AM GMT
Gujarat Election 2022 : गुजरात में भाजपा के 27 साल के शासन में खौफ में मुसलमान, कहा हमारे समुदाय को हर जगह बनाया जाता है निशाना
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Gujarat Election 2022 Ground Report : भाजपा के 27 साल के गुजरात मॉडल पर मुस्लिम समुदाय से सवाल पूछा गया तो केवल कुछ ही लोग बात करने के लिए तैयार हुए, ज्यादातर लोगों में राजनीति का खौफ दिखाई दिया, 27 साल से भाजपा सत्तासीन है और ऐसे में मुसलमान समुदाय डर के साये में जी रहे हैं...

Gujrat election 2022 : गुजरात में इस साल चुनाव होने वाले हैं, जल्द ही तारीख भी घोषित कर दी जायेगी इस राज्य में पिछले 27 साल से भाजपा सत्तासीन है। केंद्र की मोदी सरकार जब तब गुजरात माॅडल का जगह जगह जिक्र करती रहती है, खुद प्रधानमंत्री मोदी भी गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

इन सबके बीच जब पार्टियों द्वारा किये गये काम का आकलन जनता से जानने की कोशिश करते हैं तो जहां हिंदू मतदाता खुलकर अपनी राय रखते नजर आते हैं, वहीं माइक के सामने मुस्लिम मतदाता अच्छा-बुरा कुछ भी कहने से बचते हैं। खौफ में दिख रहे मुस्लिमों को देखकर लगता है कि कहीं न कहीं उनके दिमाग पर गोधरा कांड की नृशंसता पैठी है, जिसमें हजारों मुस्लिमों का कत्लेआम कर दिया गया था। जब गोधरा कांड हुआ था, तब गुजरात में नरेंद्र मोदी सत्तासीन थे।

गुजरात मॉडल पर गुजराती जनता का क्या मत है और उनका चुनावी मूड क्या है, यह जानने के लिए जनज्वार की चुनावी यात्रा चल रही है। अलग अलग जिलों में जनता का मिजाज जानने के बाद जब जनज्वार की चुनावी यात्रा गुजरात के जूनागढ़ पहुंची। यह जूनागढ़ जिले की मांगरोड विधानसभा का हाल है, जहां से फिलहाल कांग्रेस के बाबू भाई वाझा विधायक हैं। यहां जूनागढ़ के चौराहे पर जब जनज्वार टीम ने मुस्लिम समुदाय से बात करने की कोशिश की,तो ज्यादातर लोग क्या जवान क्या बुजुर्ग सभी माइक को देखते ही भागते नजर आये। भाजपा के 27 साल के गुजरात मॉडल पर सवाल पूछा तो केवल कुछ ही लोग बात करने के लिए तैयार हुए।

हमने जब उनसे जानना चाहा कि गुजरात में 27 साल से भाजपा का शासन है, ऐसे में उन्हें क्या फायदा हुआ है, क्या तकलीफ है? तो चौराहे पर मौजूद एक व्यक्ति का जवाब था कि क्या फर्क पड़ता है। मतलब साफ है कि वह 27 साल के भाजपा शासन के हाल के बारे में कुछ भी बोलना नहीं चाहते हैं। शायद इसलिए कि बोलकर कुछ फायदा नहीं होने वाला है। उनको लगता है कि बात करने या ना करने से कुछ नहीं होगा। हालात वैसे ही रहेंगे जैसे की है।

भाजपा सरकार में मुसलमान परेशान

माइक पर बात करने को तैयार एक बुजुर्ग मुस्लिम बातचीत के दौरान बताते हैं, भाजपा सरकार ने पिछले 27 सालों में कोई विकास नहीं किया है। कांग्रेस के विधायक ने यहां पर विकास किया है और इस बार उनका मत कांग्रेस को ही जाने वाला है। साथ ही बुजुर्ग ने यह भी कि 27 साल के भाजपा के शासन में गुजरात में मुसलमान समुदाय को कोई फायदा नहीं हुआ है। उनका कोई विकास नहीं हुआ है। केवल हमारे वोट लेने के लिए आते हैं और वोट मांग कर चले जाते हैं, फिर मुसलमानों का कोई फायदा नहीं करते हैं। राज्य में मुसलमान समुदाय को खौफ है, क्योंकि भाजपा सरकार मुसलमान को परेशान करती है। वहीं एक अन्य बुजुर्ग ने बताया कि यहां के युवा चुनाव पर इसलिए नहीं बोलना चाहते हैं, क्योंकि ये राजनीतिक रूप से बुरी तरह खौफजदा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब एक पूरा समुदाय ही खौफ में जी रहा है तो फिर भला ऐसे चुनावों का क्या फायदा।

माइक हटाने पर एक युवा बात करने को तैयार होता है। कहता है, भाजपा राज में हमें महसूस होता है कि मुस्लिम पैदा होकर जैसे कोई गुनाह कर दिया हो। राष्ट्रवाद और धर्म संप्रदाय की राजनीति के सबसे पहले शिकार हम होते हैं। जब भी कहीं कोई दंगा फसाद हो, या फिर गुंडई सबसे पहले हमारे ही समुदाय के युवा निशाने पर लिये जाते हैं। आतंकवादी बताकर मुस्लिम युवाओं को फर्जी तरीके से पुलिस गिरफ्तार करती आयी है, और बीजेपी के शासन में तो यह इतना ज्यादा बढ़ गया है कि हमें किसी भी गलत के खिलाफ बोलने से डर लगता है कि पता नहीं कब गौहत्या, आतंकी या फिर कुछ और बताकर एनकाउंटर कर दिया जाये या फिर जेल की सलाखों के पीछे सड़ने के लिए छोड़ दिया जाये।

मुसलमानों को भाजपा सरकार में बनाया जाता है निशाना

एक अन्य युवा कहता है, भाजपा के राज में गुजरात में खौफ का माहौल है, मुस्लिमों को सभी जगहों पर निशाना बनाया जाता है। जैसे कि कोरोना महामारी के दौरान हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बुलाया था। उस दौरान लाखों की संख्या में लोग एकजुट हुए थे, तब कोरोना नहीं आया, मगर निजामुद्दीन मरकज में सालों से लोग जमा हो रहे हैं। उसमें से 1500-2000 लोग निकले तो कहा गया कि इनकी वजह से कोरोना आया है। इस बीमारी के लिए भी मुसलमान समुदाय को निशाना बनाया गया, एक तरह से कोरोना फैलाने के लिए हमें ही जिम्मेदार ठहराया गया। हमें कोरोना बम तक कहा गया।

गुजरात में सत्ता पलट होने का दावा

एक युवा चुनावी माहौल पर बात करते हुए कहता है, यहां पर लोग इस बार क्लियर हैं कि उन्हें किसे वोट देना है। 27 साल से यहां भाजपा की सरकार है, लेकिन जब लोगों को पता चलेगा कि क्या हकीकत है तो उनको अपने आप समझ आ जाएगा कि किसके साथ जाना है और किसे वोट देना है। जूनागढ़ के अधिकतर लोगों ने गुजरात में इस बार सत्ता पलट होने का दावा किया। कुछ लोग कांग्रेस को समर्थन देने हुए नजर आए तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।

भाजपा सरकार में ही हुआ था मुसलमानों का नरसंहार

बता दें कि 27 फरवरी 2002 को कानून व्यवस्था बहाल करने में भाजपा की सरकार असमर्थ रही थी। 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन के पास ही फैजाबाद से आ रही साबरमती ट्रेन में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में सभी के सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता पदाधिकारी थे, जो फैजाबाद से संघ के कार्यक्रम से लौट रहे थे। अगले दिन से इसकी प्रतिक्रिया में गुजरात नरसंहार हुआ, जिसमें तकरीबन एक हजार से ज्यादा मुस्लिमों की मौत हुई थी। शायद भाजपा के शासनकाल में 2002 में हुआ यह मुस्लिमों का नरसंहार ही है जो मुसलमान समुदायों के दिल में राजनीतिक खौफ पैदा किए हुए है।

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