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कानपुर के हैलट अस्पताल में डॉक्टर और मरीजों की मारपीट मामले में कौन बोल रहा सच, हाॅस्पिटल प्रशासन है सच्चा या फिर वायरल वीडियो
हैलट अस्पताल में मरीजों के साथ डाॅक्टरों द्वारा मारपीट का वीडियो हुआ था वायरल
Kanpur news : कानपुर के मशहूर लाला लाजपतराय हाॅस्पिटल यानी हैलट के डॉक्टरों पर कल शुक्रवार 2 सितंबर को कुछ मरीजों ने गंभीर आरोप लगाये थे। आरोपों के मुताबिक मरीजों व उनके तीमारदारों की तरफ से कहा गया कि डॉक्टरों ने इलाज की बजाय उनके साथ मारपीट की है। बहरहाल इस मसले पर जब आज जनज्वार की टीम ने जाकर अस्पताल प्रबंधन से बात की तो मामला कुछ और ही सामने आया।
जनज्वार की पड़ताल में जो बात सामने आयी उसके मुताबिक मरीज ने डॉक्टर पर पहले हाथ छोड़ा था। इससे पहले कल शुक्रवार 2 सितंबर की रात सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर की गई थीं। इन वीडियोज में बताया गया कि हैलट अस्पताल में डॉक्टर्स ने मरीजों की पिटाई की है। मरीजों की यह पिटाई समुचित इलाज न मिलने को लेकर की गई है। ऐसा इन ट्वीटस में बताया गया है।
इस मामले को लेकर जनज्वार टीम हैलट अस्पताल पहुँची तो वहां लोगों से बात करने पर मामला अलग ही निकला। इस मसले में वहां भर्ती कुछ मरीजों ने भी बताया कि पहले मरीज शालिनी के साथ आयी महिला ने इलाज कर रहे डॉक्टर पर हाथ छोड़ा था, जिसके बाद डॉक्टर ने उनके साथ हाथापाई की।
इस मामले को लेकर GSVM प्रिंसिपल डाॅ. संजय काला ने जनज्वार से बातचीत करते हुए बताया कि कल यह जो मामला हुआ था, उसकी पूरी सच्चाई अब तक आपके पास भी आ गई होगी। अस्पताल में मरीज शालिनी ने हमारे अटेंडेंट पर हाथ छोड़ा था, जिसके बाद उसकी तरफ से भी पलटवार किया गया। मैने इस बात से प्रबंधन को भी अवगत कराया था, लेकिन बिना सच्चाई की पड़ताल किये जो सोशल मीडिया पर लोग पोस्ट कर रहे हैं, वह हैरान करने वाला है।
GSVM प्रिंसिपल डाॅ. संजय काला आगे कहते हैं, 'तीमारदारों के साथ जूनियर डॉक्टरों की मारपीट के आरोप का वीडियो वायरल होने के बाद हमारे प्रशासन ने भी एक वीडियो जारी किया है, जिसमें घायल महिला शालिनी कबूल कर रही है कि उसने घायल हाथों से डाॅक्टर को थप्पड़ मारा था।'
गौरतलब है कि कल 2 सितंबर को कानपुर के हैलट अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मरीजों के साथ मार-पिटायी करने की खबर और वीडियो वायरल हुआ था। कहा गया कि 2 सितंबर की देर रात करीब सवा दस बजे एक महिला का एक्सीडेंटल केस हैलट पहुंचा था और परिजनों का आरोप था कि लगभग एक घंटे तक मरीज दर्द से तड़पती रही, लेकिन उसका इलाज नहीं किया गया। जब ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टरों को परिजनों ने जब इलाज के लिए कहा तो वे मारपीट पर आमादा हो गये। आरोप लगाये गये कि मरीज शालिनी श्रीवास्तव के तीमारदारों कों बंधक बनाकर डाॅक्टरों और अन्य स्टाफ ने बुरी तरह पीटा। मगर इस प्रकरण में अब प्राचार्य डॉ संजय काला ने दावा किया है कि तीमारदारों ने पहले थप्पड़ मारा था, जिसके बाद प्रतिक्रिया में डाॅक्टर हाथापाई पर उतरे।
मरीज शालिनी श्रीवास्तव के परिजनों ने मीडिया को बताया कि महिला दर्द से तड़प रही थी, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसके इलाज के लिए आगे नहीं आया। जब साथ में आयी महिला तीमारदार ने इलाज के लिए कई बार कहा तो हैलट का इमरजेंसी स्टाफ मारपीट पर उतारू हो गया। इस घटना के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची थी।
इस बीच घंटों की जद्दोजहद और जिम्मेदारों की खोज में हमारी मुलाकात हैलट के नोडल ऑफिसर डाॅ. एसके सिंह से हुई। एसके सिंह ने हमें कुछ अलग ही कहानी बताई। उनके मुताबिक अस्पतालों में आने वाली सरकारी दवाइयों में बहुत झोल किया जा रहा। यहां तक की डाॅ. एसके सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को भी कठघरे में खड़ा किया और दावा किया कि वह कुछ भी काम नहीं कर रहे। कुछ काम कर रहे होते तो अब तक जितनी शिकायतें मिलीं, उन पर कार्रवाई हो रही होती।
डाॅ. एसके सिंह के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक सभी नियमों को ताक पर रखकर सभी शिकायतें दबा लेते हैं। क्यों दबा हैं, सवाल करने पर डॉ. एसके सिंह ने उल्टा हमसे ही सवाल दाग दिया कि 'ये 'अब आप समझिये कि क्यों दबा देते हैं। कोई तो बात होगी न भाई।'
हालांकि यह बात एसके सिंह ने हमसे कैमरे में रिकॉर्ड करने से मना कर दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि यह आप मेरी तरफ से लिख दीजियेगा।'