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Ground Report: पहले विरोध अब अग्निपरीक्षा के सवाल पर बोले युवा- कुछ नहीं तो भागते हुए भूत की लंगोटी ही सही
Ground Report: पहले विरोध अब अग्निपरीक्षा के सवाल पर बोले युवा- कुछ नहीं तो भागते भूत की लंगोटी ही सही (Image : Janjwar)
मनीष दुबे की रिपोर्ट
Ground Report: कानपुर में अर्मापुर के सैफ पवेलियन ग्राउण्ड में मेले सा माहौल है। कारण, यहां अग्निवीरों की अग्निपरीक्षा चल रही है। कानपुर समेत 13 जिलों के अभ्यर्थी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। पुलिस ने 3 किलोमीटर पहले यानी विजयनगर चौराहे से रास्ता बंद कर रखा है। भर्तीस्थल से थोड़ी दूर छठ पूजा का आयोजन चल रहा है, जहां सांसद, विधायक से लगाकर जिले के तमाम प्रशासनिक अमले का तांता और आना-जाना लगा हुआ है।
कल रविवार को बांदा जिले से आये युवाओं ने भर्ती परीक्षा में अपना दमखम दिखाया था वहीं, आज सोमवार महोबा के लड़ाके अग्निपरीक्षा देंगे। बांदा के युवक जो परीक्षा देकर घर को वापसी कर रहे थे, वे हमें विजयनगर चौराहे की तरफ जाते मिले। उनसे हमने सवाल किया कि, पहले अग्निवीर का विरोध किया जा रहा था, और अब भारी तादाद में युवा भर्ती होने पहुँच रहे हैं, जिसपर सुधीर यादव, भोला सिंह, जगत पाल व अन्य युवकों ने हमसे एक सुर में कहा- 'अब क्या करें, इस सरकार में कुछ नहीं तो भागते हुए भूत की लंगोटी ही सही।
'कालपी रोड पर पुलिसिया ओवरटेक पार करने के बाद हम अर्मापुर के सैफ पवेलियन पहुँचे। ग्राउण्ड के एक तरफ बना स्टेडियम जिसमें अभ्यर्थी अपनी-अपनी बोरिया बिस्तर लेकर डटे हुए थे। तो दूसरी तरफ व्यापार चालू था। व्यापार- पानी, फल, दूध, चाय-नाश्ता, अण्डा, भोजन व अन्य का। लेकिन ये सबकुछ फ्री नहीं था। बल्कि ये अभ्यर्थियों द्वारा पैसे देने पर उपलब्ध करवाया जा रहा था। भारी तादाद में अभ्यर्थियों का आना-जाना लगा हुआ था।
ग्राउण्ड के भीतर पहुँचने पर हमने यहां मौजूद युवाओं से वही सवाल किया कि, अब से पहले आपलोग विरोध कर रहे थे..अब इतनी भारी तादाद में भर्ती देखने आ रहे हैं क्या कारण है? जिसपर इनने भी हमसे वही बात कही जो जाते हुए बांदा के अभ्यर्थी कह गये थे। चार साल देश की सेवा कर लेंगे और बाकी के बचे साल मां-बाप घर परिवार के बीच रहकर कोई दूसरी नौकरी करेंगे। नौकरी नहीं मिली तो घर, खेती का कामकाज संभाल लेंगे।
माइक निकालर कैमरा चालू करते ही अभ्यर्थियों ने हमें घेर लिया। सभी की अपनी-अपनी समस्यायें थीं। साफ-सफाई को लेकर, बदइंतजामी को लेकर पानी इत्यादि की उपलब्धता ना होने को लेकर तमाम तरह की शिकायतें सामने आईं। ये शिकायतें तब थीं जब हमारे पहुँचने से थोड़ी ही देर पहले यहां जिले भर का प्रशासन और नेताओं का भारी अमला पहुँचा था। सांसद सत्यदेव पचौरी, विधायक सुरेंद्र मैथानी, कमिश्नर समेत भारी तादाद में प्रशासन अपनी हाउं-हाउं करती गाड़ियों से व्यवस्था देखने गया था।
राठ, हमीरपुर, महोबा जिले से आये अभ्यर्थी यहां जमा थे। ग्राउण्ड में छुट्टा गाय, कुत्ते इस तरह टहल रहे थे, जैसे वह भी अग्निवीर बनने आये हों। हमने सवाल किया कि रात को सोते समय जानवर आपको कचर भी सकते हैं? अभ्यर्थियों ने कहा, जानवर तो जानवर यहां जानवरों से भी बदतर इंसान दिख रहा है। ना पानी की व्यवस्था है, ना शौचालय इत्यादि की सुविधा है, ऐसे में कैसे भर्ती करवाई जा रही कुछ समझ में नहीं आ रहा है?
यूपी के जनपद महोबा से अपने बेटे को लेकर पहुँचे गोरेलाल ने जनज्वार से बात करते हुए कहा कि, यहां जो भी खाने पीने का सामान मिल रहा है वह बहुत महंगा है। इसके बाद तमाम अभ्यर्थियों ने भी हमसे यही शिकायत की कि, जो सामान हमें स्टेशन पर 50 रूपये का मिला वो यहां सौ रूपये का मिल रहा है। जैसे केला, सेब व अन्य खाने पीने का सामान जरूरत से ज्यादा महंगा है। युवाओं ने ये भी कहा कि ये लोग जिस पंप से पानी भरकर हमें बेच रहे हैं, उसी पंप में हमें पानी की बोतल तक भरने नहीं दी जा रही हैं।
अभ्यर्थियों द्वारा महंगाई के लिए उठाये गये सवालों को लेकर हम यहां दुकाने सजाये लोगों के पास पहुँचे। हमें बताया गया कि यह दुकानें आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड की तरफ से लगवाई गईं हैं। लेकिन महंगी वस्तुए देने के सवाल पर यह खामोश हो गये। इनकी खामोशी ने हमें उत्तर दे दिया था, जिस मुताबिक इन सभी को दूसरे जनपदों से आये युवाओं की जेब जितनी हो सके काटने के लिए खड़ा किया गया था। और यही कारण रहा कि, ये बेशर्म उन्हें बिना पैसे पानी भी मुहैया नहीं करा सके।
हमने इन्हें बेशर्म इसलिए कहा क्योंकि, कई जनपदों से आये युवाओं की क्या कंडीशन होगी ये वही जानते होंगे, ना कि ये जो यहां बैठकर लूट रहे हैं। हमें यहां आये कुछ अभ्यर्थियों ने बताया भी कि किसी तरह कुछ रूपये जुटाकर वे यहां अग्निवीर बनने का सपना लेकर आये हैं। 130 रूपये महोबा से कानपुर पहुँचने में खर्च हो चुके हैं। अब यहां 10 का सामान 20 में मिलेगा तो हम वापस कैसे जाएंगे? ऐसे में कम से कम पानी तो फ्री का देना ही चाहिये था।
ग्राउण्ड के बाहर हमें एक अभ्यर्थी मिला जो एक नल की टोंटी के नीचे बैठकर नहा रहा था। इसके बाद उसने वही गीली जांघिया पहन ली। गीली जांघिया पहनते देख हमने उससे पूछा तो उसने बताया कि उसके पास एक ही जांघिया है। घर में वह इसे सुखाकर पहन लेता है, लेकिन यहां कहां सुखायेगा..इसलिये गीली ही पहन ली..शरीर की गर्मी से थोड़ी देर में सूख जाएगी। इस लड़के को सुनने के बाद हमें यहां महंगे दामों पर सामान बेच रहे लोगों से और घृणा हो गई।
कुल मिलाकर नेता-खूंटा और स्थानीय प्रशासन ने यहां जो व्यवस्था कर रखी है वह ढ़ाक के तीन पात से ज्यादा कुछ भी नहीं है। सरकार अपने चुनावों में व्यस्त है। कहां से सत्ता गिरानी है, कहां उठानी है और कहां से हथियानी है। हमारे देश का जो भविष्य है वो धक्के खाता घूम रहा है। और धक्के खाता इसलिये घूम रहा है क्योंकि जो मौजूदा सरकार है वह हमारे युवाओं को धक्के खाने के लिए मजबूर कर रही है।
इन 13 जिलों के अभ्यर्थी दिखायेंगे दम
कानपुर के अर्मापुर स्थित आर्मरीना ग्राउण्ड में जिन 13 जिलों के अभ्यर्थी हिस्सा ले रहे उनमें कानपुर नगर, कानपुर देहात, लखनऊ, गोंडा, उन्नाव, बाराबंकी, कन्नौज, औरैया, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महौबा और फतेहपुर के के युवा शामिल हैं। इस भर्ती में तकरीबन एक लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है। जिसमें रविवार को सदर, बबेरू, अतर्रा व नरैनी तहसील के युवाओं को मिला था। सोमवार को महोबा के अग्निवीरों की परीक्षा होगी।