Begin typing your search above and press return to search.
स्वास्थ्य

AIIMS की हालत : OPD शुरू होने के 10 साल बाद भी फैकल्टी के 55 फीसदी और नॉन फैकल्टी के 64 फीसदी से ज्यादा पद अब भी खाली

Janjwar Desk
4 April 2022 7:08 PM IST
AIIMS की हालत : OPD शुरू होने के 10 साल बाद भी फैकल्टी के 55 फीसदी और नॉन फैकल्टी के 64 फीसदी से ज्यादा पद अब भी खाली
x

AIIMS की हालत : OPD शुरू होने के 10 साल बाद भी फैकल्टी के 55 फीसदी और नॉन फैकल्टी के 64 फीसदी से ज्यादा पद अब भी खाली

AIIMS : वर्ष-2012 में पटना, भोपाल, रायपुर, जोधपुर, भुवनेश्वर और ऋषिकेश एम्स में ओपीडी की शुरुआत हुई थी, दिल्ली एम्स में भी फैकल्टी के 400 और रेजिडेंट डॉक्टर्स के 878 पद खाली पड़े हैं....

प्रिति भारद्वाज की रिपोर्ट

AIIMS : दिल्ली एम्स के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के नेतृत्व में चली नेशनल डेमोक्रेटिक एलाइंस (NDA) की सरकार के समय देश के हर राज्य में एक-एक एम्स शुरू करने की घोषणा हुई और इस पर काम भी शुरू हुआ। इसी कड़ी में वर्ष-2012 में देश में दिल्ली एम्स के अलावा छह अन्य एम्स में मरीजों के इलाज के लिए ओपीडी सेवा की शुरूआत कर दी गई। 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन एम्स (AIIMS) में फैकल्टी के आधे पद जबकि अन्य कर्मियों के 60 फीसदी से भी ज्यादा पद खाली पड़े हैं। इसकी वजह से मरीजों को आज भी इलाज के लिए इन प्रदेशों से मरीज देश की राजधानी में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं।

पटना, भोपाल, रायपुर, जोधपुर, भुवनेश्वर और ऋषिकेश एम्स में ओपीडी की शुरूआत वर्ष-2012 में हुई थी उस समय हर एम्स में फैकल्टी के 305-305 पद सृजित किये गए थे। उस समय से आज तक 10 वर्षों में एक सीट की संख्या तो नहीं हीं बढ़ाई गई जो पद सृजित किये गए थे उनमें भी कुछ एम्स में 55 फीसदी से ज्यादा वरिष्ठ डॉक्टर्स के पद खाली पड़े हैं।

छह एम्स में फैकल्टी के अलावा रेजिडेंट डॉक्टर्स (Resident Doctors) और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा अन्य कर्मियों के 3876-3876 पद सृजित किये गए थे लेकिन कुछ एम्स में इस श्रेणी के कर्मियों के 62 फीसदी से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।

इस संबंध में सरकार का कहना है कि फैकल्टी के खाली पड़े पदों को भरने के लिए कई तरह के प्रयास किये गए। डॉक्टर्स भर्ती की उम्र सीमा बढ़ाई गई। विदेशों में काम करने वाले भारतीय डाॅक्टर्स जो सेवा निवृत हो गए हैं उन्हें भी काम करने का ऑफर दिया गया, बावजूद डॉक्टर्स के पद खाली पड़े हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि एम्स की गुणवत्ता का ध्यान में रखते हुए एक अच्छी गुणवत्ता व योग्यता वाले डॉक्टर्स को ही रखा जाएगा। यही नहीं पहले देश में स्पेशलिस्ट कोर्स में डॉक्टर्स की सीट कम थी इस वजह से ज्यादा डॉक्टर तैयार ही नहीं हो पाते थे अब स्पेशलिस्ट डॉक्टर पढ़ाई पूरी करके निकल रहे हैं जल्द ही खाली पड़ी सीटों को भर लिया जाएगा।

दिल्ली एम्स

दिल्ली एम्स में फैकल्टी के 1131 पद हैं जिसमें से 400 पद खाली पड़े हैं। सीनियर रेजिडेंट के 1926 पद हैं जिसमें से 545 पद और जूनियर रेजिडेंट के 1428 में से 433 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के 12550 पदों में से 2512 पद खाली पड़े हैं। यह एक बड़ी वजह है एम्स में इलाज से जांच के लिए मरीजों को लंबी-लंबी तारीख मिलती है।




TagsAIIMS
Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध