Mobile Addiction : स्मार्टफोन से दूर रखने के लिए खुलीं कंपनियां, मोबाइल की लत लोगों को बना रही बीमार, बन रही सुसाइड की वजह
Mobile Addiction : स्मार्ट फोन कब जरूरत से आदत बन गए, हमें पता ही नहीं चला। हम जहां कहीं भी हो, अकेले या भीड़ में, स्मार्टफोन से घिरे हुए हैं। मानसिक और शारीरिक तौर पर भी यह हमें बीमार बना रहे हैं। स्मार्टफोन का साथ इस्तेमाल हमें थका रहा है। डिप्रेशन और चिंता की वजह बन रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि हमें हमारे ही स्मार्ट फोन से दूर रखने के लिए कंपनियां खुल गई हैं। ऐसे डिवाइस बन रहे हैं, जो हमें फोन से दूर रखने में मदद करते हैं।
ये लोग कर रहे हैं डिवाइस का इस्तेमाल
ऐसी ही एक कंपनी योंडर है। यह ऐसा मोबाइल बैग बनाती है, जिसमें मोबाइल रखकर निश्चित समय के लिए लॉक किया जा सकता है। किसी कॉन्फ्रेंस या कंसर्ट, स्कूल, कॉलेज, मीटिंग या फिर परिवार और दोस्तों के साथ समय गुजारने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। क्रिएटिव काम करने वाले लोगों जैसे, लेखक, संगीतकार, शिक्षक आदि के लिए मोबाइल से दूरी बनाना और ज्यादा जरूरी है। वे भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
मोबाइल से दूर रहकर महसूस किया तरोताजा
अमेरिका में यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। कंपनी के संस्थापक ग्राहम डुगोनीका कहना है कि इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को शुरू शुरू में नेटवर्क से दूर होने में मुश्किल महसूस होती थी लेकिन फिर मोबाइल से आजाद होकर किसी संगीत समारोह, फिल्में देखने में ज्यादा मजा आने लगा है। ऐसी जगहें जहां कोई भी मोबाइल इस्तेमाल ना कर रहा हो, लोगों को जोड़ती है। लोगों ने बताया कि मोबाइल से कुछ देर के लिए दूर रहने के लिए इसको उपयोग किया और फोन से दूर रहकर उन्होंने खुद को तरोताजा महसूस किया।
मोबाइल के लत से खुद को कैसे बचाएं
स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल थका रहा है और डिप्रेशन-चिंता की बड़ी वजह भी बन रहा है। ये छोटे-छोटे बदलाव हमें स्मार्टफोन की गिरफ्त में जाने से बचा सकते हैं
- सबसे पहले अपने मोबाइल के सारे नोटिफिकेशन बंद कर दें।
- सोते या फिर काम करते वक्त जब संभव हो मोबाइल दूर रखें।
- सोशल मीडिया एप्स का इस्तेमाल मोबाइल की बजाय लैपटॉप में करें।
- फेस अनलॉक या फिंगर लॉक के बजाय लंबा पासवर्ड डालें।
- स्मार्टफोन पर जो काम करने हैं उनकी लिस्ट बना लें, काम खत्म करने के बाद फोन को रख दें।
- फोन की स्क्रीन को ग्रे स्केल में सेट कर देंगे तो हम सूचनाओं को लेकर बहुत ज्यादा आकर्षित नहीं हो पाएंगे।
- स्मार्टफोन लॉन्च होते ही खरीदने की रेस में न पड़ें। पुराने फोन में ज्यादा एप नहीं आ पाते, इससे भी रुचि घटती है।