भ्रम में मत रहिए, मोदी जी सबको मुफ्त कोरोना टीका नहीं देंगे, फिलहाल 3 करोड़ लोगों का ही लक्ष्य
जनज्वार। स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने शनिवर, दो जनवरी को कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन के दौरान यह ऐलान किया कि देश में सभी को मुफ्त कोरोना टीका दिया जाएगा और लोगों ने इस बात के लिए राहत महसूस की कि उन्हें आगामी महीनों में इस महामारी की मुफृत दवा मिलेगी। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के ऐलान का यह पूरा सच नहीं है।
दरअसल, सरकार देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ फ्रंट लाइन वारियर्स को मुफ्त टीका देगी। इस श्रेणी में मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी को मुफ्त कोविड टीका दिया जाएगा। पहले चरण में देश के एक करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को मुफ्त कोरोना टीका दिया जाएगा और दूसरे फेज में शेष दो करोड़ फ्रंट लाइन वारियर्स को कोरोना का मुफ्त टीका लगाया जाएगा।
दरअसल, डाॅ हर्षवर्धन जब गुरुवार को ड्राई रन का जायजा लेने दिल्ली के गुरू तेग बहादुर अस्पताल पहुंचे थे तभी उन्होंने मुफ्त टीका वाला बयान दिया और इस खबर के मीडिया में बड़ी खबर बनने के बाद उन्होंने खुद ट्वीट कर इस मुद्दे पर पूरी बात बतायी।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और दूसरे चरण में दो करोड़ फ्रंट लाइन वारियर्स को कोरोना का मुफ्त टीका दिया जाएगा। उसके बाद जुलाई तक यह तय होगा कि 27 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों का वैक्सीन कैसे दिया जाएगा।
In 1st phase of #COVID19Vaccination free #vaccine shall be provided across the nation to most prioritised beneficiaries that incl 1 crore healthcare & 2 crore frontline workers
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 2, 2021
Details of how further 27 cr priority beneficiaries are to be vaccinated until July are being finalised pic.twitter.com/K7NrzGrgk3
स्वास्थ्य मंत्री के ट्वीट से ऐसा प्रतीत होता है कि अभी अगले छह महीने फ्रंट लाइन वारियर्स के टीकाकरण में ही लगेगा और उसके बाद अगले चरण में साल के मध्य तक प्राथमिकता वाले 27 करोड़ लोगों को टीका देने की रणनीति तय होगी। यानी 135 करोड़ की आबादी वाले देश में अबतक 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण को लेकर सरकार ने अपनी बात कही है और उसमें भी शेष 27 करोड़ के लिए अभी कार्ययोजना तय होनी है।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने रविवार को भी ट्वीट कर वैक्सीन दिए जाने को लेकर सरकार के रुख को और स्पष्ट किया है। उन्होंने खुद इस सवाल का जवाब दिया है कि क्या वैक्सीन सभी को एक साथ दी जाएगी? इसके जवाब में उन्होंने लिखा सरकार ने उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चुना है। उन्होंने लिखा है कि लार्ज ब्लू डायमंड पहले समूह में हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं। लार्ज आरेंज डायमंड उसके बाद 50 साल से अधिक के व्यक्ति और वे लोग शामिल होंगे जो किसी रोग से पीड़ित हैं।
क्या #vaccine सभी को एक साथ दी जाएगी ?
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
सरकार ने उच्च जोख़िम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर #vaccination के लिए चुना है।
🔷 पहले समूह में health workers व frontline workers शामिल हैं।
🔶 उसके बाद 50 साल से अधिक के व्यक्ति और वे लोग शामिल होंगे जो किसी रोग से पीड़ित हैं। pic.twitter.com/zZFABd2i6u
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में यह भी स्पष्ट किया है कि कोरोना का वैक्सीन स्वैच्छिक है। यानी जिसे इच्छा हो वही इसे लगवाए जिसे लगवाने का मन न हो तो उसे इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
क्या यह #vaccine सुरक्षित है ?
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
सुरक्षा और प्रभाव के data की जांच के आधार पर ही नियामक निकायों द्वारा vaccine को मंज़ूरी दी गई है।
और हां, कोरोना के लिए #vaccination स्वैच्छिक है।@PMOIndia @MoHFW_INDIA #Unite2FightCorona pic.twitter.com/LF3E9Nm4HT