Begin typing your search above and press return to search.
स्वास्थ्य

PM Narendra Modi In UP : नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में शुभारंभ किए 9 मेडिकल कॉलेजों की जानिए पूरी कुंडली, कहां क्या सुविधाएं और क्या खामियां

Janjwar Desk
26 Oct 2021 2:29 PM GMT
PM Narendra Modi In UP : नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में शुभारंभ किए  9 मेडिकल कॉलेजों की जानिए पूरी कुंडली, कहां क्या सुविधाएं और क्या खामियां
x
PM Narendra Modi In UP : इन 9 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में 2329 करोड़ की लागत आई है। इस योजना में पिछड़े और आकांक्षी जिलों को वरीयता प्रदान की गई है। योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों या डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि करना है ।

मोना सिंह की रिपोर्ट

PM Narendra Modi In UP : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 25 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर से 9 मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) का वर्चुअल उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई दी और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की, "एक जिला एक मेडिकल कॉलेज" योजना के तहत आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश उत्तर भारत का मेडिकल हब बन जाएगा। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर इन सभी मेडिकल कॉलेजों में क्या-क्या सुविधाएं अभी उपलब्ध हैं और कहां क्या खामियां हैं। इस बारे में जब सभी मेडिकल कॉलेजों की रिसर्च की तब कई तथ्य सामने आए. जिनमें ये साफ हुआ कि बेशक इनसे रोजगार के साथ कई सुविधाएं मिलेंगी लेकिन कई मेडिकल कॉलेजों में कुछ जरूरी उपकरण नहीं होने से परेशानियां भी उठानी पड़ रहीं हैं।

उद्घाटन किए गए मेडिकल कॉलेजों पर पहले एक नजर

9 मेडिकल कॉलेज खोलने से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 2500 से अधिक नए अस्पताल बेड जुड़े हैं। इसके साथ ही 5000 से अधिक रोजगार के अवसर बनेंगे। इस प्रयास से 900 मेडिकल सीटें भी जुडी हैं। उद्घाटन किए गए 9 मेडिकल कॉलेजों में सिद्धार्थ नगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, और जौनपुर जिले शामिल हैं। इनमें से आठ मेडिकल कॉलेज केंद्र की योजना के तहत स्वीकृत किए गए हैं। और जौनपुर में एक मेडिकल कॉलेज राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से बनाया है। उदघाटन किए गए सभी 9 मेडिकल कॉलेज, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से मान्यता प्राप्त है।

इन 9 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में 2329 करोड़ की लागत आई है। इस योजना में पिछड़े और आकांक्षी जिलों को वरीयता प्रदान की गई है। योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों या डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि करना है। जिला अस्पताल में मौजूदा बुनियादी ढांचे में प्रभावी परिवर्तन करना है योजना के तीन चरणों में देश भर में 157 नए कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें से 63 मेडिकल कॉलेज पहले से ही काम कर रहे हैं। यह मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PMASBY) के अंतर्गत आते हैं। यह भारत में स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ाने वाली सबसे बड़ी योजना है । यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अतिरिक्त दूसरी योजना है

आइए जानते हैं कि इन 9 मेडिकल कॉलेजों में किसके लिए कितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं:

डॉ सोनेलाल पटेल स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय प्रतापगढ़

इस मेडिकल कॉलेज की कुल लागत 213 करोड़ है। इसमें 500 बेड का हॉस्पिटल, और 30 डॉक्टर और प्रोफेसरों की नियुक्ति की जा चुकी है। मेडिकल कॉलेज में छात्रों के लिए 100 सीटें हैं जो कि NEET प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरी जाएंगी। मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक है, OT यानी ऑपरेशन थियेटर हैं पर ऑपरेशन के दौरान प्रयोग होने वाली CR मशीन की व्यवस्था नहीं है। इसलिए यहां पर सिर में चोट लगे मरीज, गोली से घायल और जले मरीजों की व्यवस्था नहीं है। प्रतापगढ़ में मारपीट केस रोज होते हैं। ऐसे में वहां रोज गोली से घायल मरीजों का चिकित्सा के लिए आना सामान्य बात है।

परंतु मेडिकल कॉलेज में उनके लिए पर्याप्त चिकित्सा संसाधन की अनुपलब्धता के चलते उन्हें लखनऊ या प्रयागराज इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में एम आर आई, सीटी स्कैन मशीन की व्यवस्था नहीं है मेडिकल कॉलेज में प्लास्टिक सर्जरी और बर्न यूनिट की स्थापना की गई है। लेकिन उनमें भी पर्याप्त सुविधा का अभाव है। सभी वार्डों में पहले AC लगे हुए थे। लेकिन वे AC धीरे-धीरे गायब हो गए। मेडिकल कॉलेज में एचआईवी की यूनिट संचालित है। जबकि सर्जरी की यूनिट संचालित अवस्था में नहीं है। प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी आम जनों को इलाज के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया

इस मेडिकल कॉलेज के कुल लागत 207 करोड़ है। इसमें मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल दोनों है । मेडिकल छात्रों के लिए 100 सीटें उपलब्ध हैं जो कि NEET-UG (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट) के माध्यम से भरी जाएंगी। यहां पर सीटी स्कैन, हड्डी रोग विभाग, स्त्री, पुरुष एवं बच्चों के वॉर्ड बने हुए हैं। RT-PCR एक्सरे, पैथोलॉजी इत्यादि की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस मेडिकल कॉलेज में 29 फैकेल्टी मेंबर अपना कार्यभार संभाल चुके हैं। यहां 120 लड़कियों के लिए गर्ल्स हॉस्टल और 180 लड़कों के लिए बॉयज हॉस्टल का निर्माण हो चुका है तथा मेडिकल की कक्षाएं नवंबर द्वितीय सप्ताह से चलने लगेंगी। चिकित्सकों की भर्ती अभी चल रही है। इसलिए हॉस्पिटल को कार्यशील होने में समय लगेगा।

मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, मिर्जापुर

इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कुल लागत 250 करोड़ रुपए है। जिले के मंडलीय अस्पताल और महिला अस्पताल भी अब मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित किए जाएंगे। यहां पर पढ़ाई और चिकित्सा के लिए अलग-अलग फैकिलिटी उपलब्ध है। इस मेडिकल कॉलेज में 350 बेड का हॉस्पिटल है। तथा 28 चिकित्सकों की भर्ती हो चुकी है। 100 और चिकित्सकों को नियुक्त किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज में 100 सीटें हैं जो NEET प्रारंभिक परीक्षा के द्वारा भरी जाएंगी। मेडिकल कॉलेज अभी संचालित अवस्था में नहीं है। मेडिकल की पढ़ाई भी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर से शुरू होने की उम्मीद है

उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर

इस मेडिकल कॉलेज की कुल लागत 554 करोड़ है जो राज्य सरकार द्वारा खर्च की गई है यहां पर 100 मेडिकल सीटें हैं ।जो NEET के माध्यम से भरी जाएगी ।तथा 300 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया है। यह हॉस्पिटल अभी कार्यशील नहीं है। डॉक्टरों और प्रोफेसरों की नियुक्तियां की जा रही है। डॉक्टर प्रोफेसर और छात्रों के रहने के लिए आवास और हॉस्टल का निर्माण कार्य चल रहा है ।मेडिकल की कक्षाएं नवंबर के द्वितीय सप्ताह से शुरू होंगी।

महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय गाजीपुर

यह चिकित्सा महाविद्यालय 24 एकड़ के क्षेत्रफल में स्थित है। तथा इसे बनाने में 273 करोड की लागत आई है। इसमें लाइब्रेरी, अकैडमी, कैफिटेरिया, लेक्चर हॉल ,ऑडिटोरियम ,100 छात्र छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविधा । नर्सों के लिए हॉस्टल की सुविधा ,डॉक्टरो के लिए आवास व्यवस्था ,इत्यादि का कार्य पूरा हो चुका है। 19 प्रोफेसर और डॉक्टरों को नियुक्त किया जा चुका है। यहां पर 300 बेड का हॉस्पिटल और ओपीडी की व्यवस्था है तथा मेडिकल की 100 सीटें हैं जिन्हें NEET के द्वारा भरा जाएगा।

माधव प्रसाद त्रिपाठी स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर

यह मेडिकल कॉलेज ,अटल बिहारी वाजपई मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, से मान्यता प्राप्त है। इसमें 350 बेड का हॉस्पिटल, ब्लड बैंक, इमरजेंसी, पेसेंट डे केयर, बीएसएल लैब सीटी स्कैन ,एमआरआई और सोमवार से शनिवार तक 24 घंटे ओपीडी की व्यवस्था है यहां पर भी मेडिकल छात्रों के लिए 100 सीटें उपलब्ध हैं जो कि नीट के द्वारा भरी जाएंगी।

अमर शहीद जोधा सिंह पटाया ठाकुर दरियाव सिंह राजकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज फतेहपुर

इस मेडिकल कॉलेज की कुल लागत 212 करोड़ है। मेडिकल छात्रों के लिए 100 सीटें उपलब्ध है। यहां पर 750 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया है। तथा 47 डॉक्टरों और प्रोफ़ेसरों की नियुक्ति हो चुकी है 100 छात्रों के रहने खाने की व्यवस्था भी हो चुकी है। मेडिकल की कक्षाएं अक्टूबर-नवंबर में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

वीरांगना अवंती बाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एटा

मेडिकल कॉलेज (Veerangana Avanti Bai Lodhi State Hospital) की कुल लागत 216 करोड रुपए है। मेडिकल कॉलेज में 330 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया है। जिसमें से 30 बेड इमरजेंसी के लिए हैं। मेडिकल कॉलेज में 6 विभाग है। तथा इसमें डीएनबी (डिप्लोमा नेशनल बोर्ड) की सुविधा भी उपलब्ध है। 10बेड आईसीयू यूनिट में है। तथा 15 वेंटिलेटर, ब्लड बैंक ऑक्सीजन प्लांट इत्यादि की सुविधा है। यहां भी 100 सीटें मेडिकल छात्रों के लिए उपलब्ध है।

स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज हरदोई

मेडिकल कॉलेज (Swashasi Rajya Medical College) की कुल लागत 206 करोड़ रुपए है। यहां पर मेडिकल छात्रों के लिए 100 सीटें उपलब्ध हैं। तथा 330 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया है। लेकिन ओपीडी के लिए मरीजों को 2 साल का इंतजार करना पड़ सकता है। फिलहाल चिकित्सकों और प्रोफेसरों की नियुक्तियों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है।

इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण और इन्हें सुविधाओं से परिपूर्ण बनाने के लिए 2329 करोड़ का बजट सैंक्शन किया गया था। इन मेडिकल कॉलेजों पर एक नजर डालने पर पता चलता है की यहां पर अभी भी बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। यह मेडिकल कॉलेज भारत की सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निर्माण किए गए हैं ।

Next Story

विविध