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स्वास्थ्य

Study Report : रेडी टू ईट मील और फ्रोजन पिज्जा खाकर लोग तेजी से बढ़ रहे हैं मौत की ओर

Janjwar Desk
8 Nov 2022 1:39 PM GMT
Study Report : रेडी टू ईट मील और फ्रोजन पिज्जा लोगों को तेजी से धकेल रही है मौत की ओर
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Study Report : रेडी टू ईट मील और फ्रोजन पिज्जा लोगों को तेजी से धकेल रही है मौत की ओर

अगर आप पिज्जा, बर्गर, मोमो, रोल, चाउमीन, पैक सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा, हॉट डॉग, सोडा, आइसक्रीम और स्टोर से खरीदे गए कुकीज, केक, कैंडी और डोनट्स के आदी हैं तो आप समय से पहले मौत की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

नई दिल्ली। भागमभाग की जिदंगी में अधिकांश लोग रेडी टू ईट मील ( ready to eat meal ) के शिकार हो गए हैं। खासकर युवाओं में फ्रोजन पिज्जा ( frozen pizza ) और रेडी टू ईट मील किसी और चीज का स्वाद ही समझ नहीं आता। अगर आप भी इसके आदी हैं, तो इससे बचिए। ऐसा इसलिए कि एक स्टडी ( Study report ) में खुलासा हुआ है कि प्री-पैकेज्ड सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा और रेडी-टू-ईट भोजन जैसे अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का रोजाना सेवन आपको तेजी से मौत की ओर धकेल रहा है।

साल 2019 में ब्राजील में समय से पहले रोके जा सकने वाली 10 प्रतिशत से अधिक मौतों के सिलसिले में किए गए मौतों को लेकर किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा है कि अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में से कोई संपूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं होता है। बता दें कि 2019 में ब्राजील में 57 हजार लोगों की समय से पहले मौत हुई थी।

रेडी टू ईट मील क्यों होते हैं खतरनाक

दरअसल, रेडी-टू-ईट-या-हीट औद्योगिक फॉर्मूलेशन जो खाद्य पदार्थों से निकाले गए कंपोनेंट से बने होते हैं। यह कई देशों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों और ताजा व न्यूनतम संसाधित सामग्री से बने भोजन की जगह ले चुके हैं। साओ पाउलो विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता एडुआडरे एएफ निल्सन के मुताबिक पिछले मॉडलिंग अध्ययनों ने सोडियम, चीनी और ट्रांस फैट और विशिष्ट खाद्य पदार्थ या पेय जैसे चीनी मीठे पेय पदार्थों के स्वास्थ्य और आर्थिक बोझ का अनुमान लगाया है। शोधकर्ता एडुआडरे एएफ निल्सन की मानें तो आज तक किसी भी शोध में समय से पहले होने वाली मौतों के कारण के तौर पर अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया गया है। यही वजह है कि इन खाद्य पदार्थों की खपत के कारण होने वाली मौतों के बारे में जानना जरूरी है। इस तरह की मौतों को खान—पान में बदलाव लाकर बचा जा सकता है।

ये हैं ओवर प्रोसेस्ड फूड

जिनकी वजह से लोग समय पूर्व मौत के करीब जा रहे है उनमें ओवर प्रोसेस्ड फूड मुख्य हैं। जैसे पैक सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा, पहले से तैयार भोजन, हॉट डॉग, सॉसेज, सोडा, आइसक्रीम और स्टोर से खरीदे गए कुकीज, केक, कैंडी और डोनट्स आदि शामिल हैं। शोध की अवधि के दौरान सभी आयु वर्गों और लिंग वर्गों में अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत ब्राजील में कुल भोजन सेवन का 13 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक थी। 2019 में 30 से 69 वर्ष की आयु के कुल 5 लाख, 41 हजार, 260 वयस्कों की समय से पहले मौत हुई। इनमें से 2 लाख 61 हजार 61 रोके जाने योग्य मौतें थीं। शोध में पाया गया कि 2019 में लगभग 57 हजार मौतों को अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो सभी समय से पहले होने वाली मौतों का 10.5 प्रतिशत और 30 से 69 वर्ष की आयु के वयस्कों में रोकथाम योग्य गैर-संक्रामक रोगों से होने वाली सभी मौतों का 21.8 प्रतिशत है।

शोधकर्ताओं के सुझाव

Health News : अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे उच्च आय वाले देशों में जहां अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ कुल कैलोरी सेवन के आधे से अधिक खाते हैं, अनुमानित प्रभाव और भी अधिक हो सकता है। अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने और स्वस्थ भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को अपने खान—पान और लाइफ स्टाइल पर को नये सिरे से निर्धारित करने की जरूरत है। शोधकर्ता निल्सन का कहना है कि अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन मोटापे, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कुछ कैंसर और अन्य बीमारियों जैसे कई रोग परिणामों से जुड़ा है।

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