दिल्ली में 300 डॉक्टरों ने दी सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी, कहा 3 महीने से नहीं मिली सैलरी
जनज्वार ब्यूरो। कोरोना काल में एक तरफ डॉक्टरों को फ्रंटलाइन वॉरियर कहा जा रहा है,दूसरी तरफ उत्तरी दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अधीन अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। कोरोना संकट के बीच तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से दिल्ली के म्युनिसिपल अस्पतालों के डॉक्टरों का सब्र जबाब देने लगा है।दिल्ली के दो प्रमुख अस्पतालों के 3 सौ से ज्यादा डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है।
म्युनिसिपल ऑथोरिटी को लिखे पत्र में डॉक्टरों ने कहा है कि विगत तीन माह से वेतन नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। मकान का किराया, आवागमन खर्च और आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है, जब दिल्ली में कोरोना के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं और संक्रमितों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे।
Unbelievable!!
— Dr Jawahar Singh MD ☬ (@DrJawahars) June 11, 2020
Here frontline resident #Doctors of HRH are not getting their salaries from last 4-months! #COVID19
Kindly intervene 🙏@LtGovDelhi @ArvindKejriwal@SatyendarJain @drharshvardhan @Sardana29 #NDMC @ANI pic.twitter.com/bQWDyHtPdZ
हफिंग्टन पोस्ट में प्रकाशित खबर के मुताबिक कस्तूरबा गांधी अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिएशन द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है 'हम बिना वेतन के काम नहीं कर सकते। कोरोना के फ्रंटलाइन वॉरियर होने के नाते शीघातिशीघ्र बकाया वेतन का भुगतान किया जाय और आगे नियमित रूप से वेतन देना सुनिश्चित किया जाय। अगर 16 जून के पूर्व भुगतान नहीं किया गया रुओ हम सामूहिक इस्तीफा देने को विवश हो जाएंगे।'
यह पत्र उत्तरी दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, जो इन अस्पतालों का प्रशासक भी है,उसे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखा गया है। एसोसिएशन ने पत्र में यह भी याद दिलाया है कि कोविड19 के इस आपदा के दौर में वे अपनी तथा अपने परिजनों की जान को जोखिम में डाल कर भी लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।दिल्ली के ही दूसरे अस्पताल हिंदूराव हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर भी आक्रोश में हैं।
Doctors of Hindu Rao Hospital are not getting paid from last 4 months. This is 2nd hospital under NDMC whose doctors threatened to go for mass resignation. Forget about award/appreciation/special allowances for risking our lives in pandemic, Govt don't even wants to pay salaries pic.twitter.com/yxjGB5hunq
— Harjit Singh Bhatti (@DrHarjitBhatti) June 11, 2020
कस्तूरबा गांधी और हिंदूराव,दोनों अस्पताल बीजेपी शासित नार्थ देल्ही म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अंतर्गत आते हैं।रेजिडेंट डॉक्टरों का आरोप है की अस्पताल प्रशासन से शिकायत करने पर बताया गया है कि म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा फंड निर्गत नहीं किए जाने के कारण यह स्थिति बनी है।
वैसे बीजेपी प्रशासित म्युनिसिपल कॉर्पोरेशनों में कर्मियों के लिए हालिया वर्षों में फंड की कमी के कई मामले सामने आ चुके हैं और ये मामले दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और और भाजपानीत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशनों के बीच राजनैतिक घमासान की वजह रहे हैं।