Uterine Cancer Vaccine : गर्भाशय के कैंसर से सुरक्षा देने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन नवंबर में होगी लॉन्च, कम कीमतों में होगी उपलब्ध
Uterine Cancer Vaccine : गर्भाशय के कैंसर से सुरक्षा देने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन नवंबर में होगी लॉन्च, कम कीमतों में होगी उपलब्ध
Uterine Cancer Vaccine : भारत में हर साल 1.2 लाख महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर (Uterus Cancer) होता है और लगभग 77000 महिलाओं की इस कैंसर के कारण मौत हो जाती है। इन कैंसर से सुरक्षा के लिए बाजार में एचपीवी से बचाव का टीका मौजूद है। हालांकि अभी इस टीके की कीमत 2 हजार रुपए से 9 हजार रुपए तक है।
स्वदेशी वैक्सीन नवंबर में होगी लॉन्च
बता दें कि भारत में इस साल के नवंबर तक पहली स्वदेशी वैक्सीन 'सर्वा वेक' बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। इसकी कीमत ढाई सौ से 400 रुपये के बीच में होने की संभावना है। यह जानकारी एम्स में सोमवार को आयोजित स्त्री रोग विशेषज्ञ की संस्था फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (फोग्सी) के डॉक्टरों ने दी।
9 से 15 साल तक की लड़कियों को लगाया जा सकता है टीका
वहीं इस दौरान फोग्सी की अध्यक्ष डॉक्टर शांता कुमारी ने बताया कि गर्भाशय के कैंसर की सबसे बड़ी वजह एचपीवी वायरस है। इस दौरान उन्होंने 2030 तक गर्भाशय के कैंसर के खात्मे का लक्ष्य भी रखा है। गर्भाशय के कैंसर से बचाव के लिए 9 से 15 साल तक की लड़कियों को टीका लगाया जा सकता है। इसके लिए 15 साल तक की 90 फीसदी लड़कियों को साल 2030 तक एचपीवी वायरस का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस उम्र के बाद महिलाओं को गर्भाशय कैंसर की करवानी चाहिए जांच
वहीं एम्स के स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर नीरजा भाटला का कहना है कि 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को एक बार गर्भाशय के कैंसर की जांच जरूर करानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि 30 से 35 साल की उम्र की महिलाओं में यह सर्वाधिक होने वाला कैंसर है। इसकी जांच में प्री-कैंसर स्टेज का भी पता चलता है। यानी कैंसर होने के 5-10 साल पहले ही जांच से इसका पता लगाया जा सकता है, इसलिए जांच की बेहतर सुविधा कई जिंदगियां बचा सकती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि आंकड़े यह बताते हैं कि 70 में से एक महिला को गर्भाशय का कैंसर होता है। इसका मुख्य कारण समय पर बीमारी का पता न चलना है।