Begin typing your search above and press return to search.
जनज्वार विशेष

Infiltration of Chinese Citizens: दिल्ली के आसपास के शहरों में चीनी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ी, 726 संदिग्ध अबतक हुए चिन्हित

Janjwar Desk
28 Oct 2022 1:03 PM GMT
Infiltration of Chinese Citizens: दिल्ली के आसपास के शहरों में चीनी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ी, 726 संदिग्ध अबतक हुए चिन्हित
x

Infiltration of Chinese Citizens: दिल्ली के आसपास के शहरों में चीनी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ी, 726 संदिग्ध अबतक हुए चिन्हित

Infiltration of Chinese Citizens in Delhi: चीनी प्रोडक्ट काफी हद तक भारत को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है तो कई चीनी नागरिक खुफिया तरीके से आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।

मोना सिंह की रिपोर्ट

Infiltration of Chinese Citizens in Delhi: चीनी प्रोडक्ट काफी हद तक भारत को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है तो कई चीनी नागरिक खुफिया तरीके से आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। खासतौर पर चीनी नागरिकों की घुसपैठ इन दिनों ज्यादा बढ़ गई है। हाल में ही एक चीनी महिला को दिल्ली से पकड़ा गया था। ये महिला नेपाल की नागरिक बताकर काफी समय से दिल्ली में रह रही थी। लेकिन उसकी पोल खुली तो भारत की खुफिया एजेंसियां भी चौकन्नी हो गईं हैं।

जैसा जानते हैं कि चीन और भारत के बीच हमेशा से ही कुछ ना कुछ विवाद होता रहता है। चीन से भारत की सीमा 5 राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से जुड़ती है। चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किलोमीटर के हिस्से पर अपना अधिकार जमा लिया है। लद्दाख के 38 हजार वर्ग किलोमीटर के हिस्से को भी चीन ने अपने कब्जे में ले रखा है। इन कब्जों के साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों में चीनी नागरिकों द्वारा अवैध गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा है जो भारत सरकार और भारतीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। आइए जानते हैं कि चीनी नागरिक भारत में किस तरह की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।

चीनी नागरिकों द्वारा भारत में किए गए अपराध

29 सितंबर 2022 को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को 56 चीनी नागरिकों के खिलाफ धोखाधड़ी से भारतीय कंपनियों के निदेशक बनने का लुक आउट सर्कुलर प्राप्त हुआ। इनमें से कुछ शेल कंपनियां भी थीं। इन 56 चीनी नागरिकों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई।

21 अक्टूबर 2022 काई रुओ नाम की चीनी महिला को भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिला के पास डोलमा लामा नाम का फर्जी नेपाली नागरिकता प्रमाण पत्र भी बरामद किया गया था। 50 वर्षीय का काई रुओ भारत में नेपाल की नागरिक बनकर पिछले 3 सालों से रह रही थी। 20 अक्टूबर 2022 को काई रुओ को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। काई रुओ 2019 से बौद्ध भिक्षु बनकर भारत में रह रही थी। उसने 2019 में चीनी पासपोर्ट का उपयोग करके भारत की यात्रा की थी। महिला के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। महिला शातिर जासूस थी। महिला ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा कि उसे चीनी कम्युनिस्ट नेता मारना चाहते थे। उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए यह भी बताया कि वह नेपाल के काठमांडू की निवासी है। उस महिला ने नेपाली पहचान पत्र भी दिखाया था। वह पुलिस से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रही थी। लेकिन नेपाली में बात नहीं कर पा रही थी। यहीं से पुलिस को उस पर शक हुआ और जांच के बाद पता चला कि महिला फर्राटेदार चीनी भाषा बोलती है। क्रॉस चेकिंग के बाद उसके पास चीनी पासपोर्ट हासिल किया गया। वह चीन के हेनान प्रांत की निवासी थी और आतंकी गतिविधियों के जरिए पूरे भारत में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही थी।

अब तक कहां से और कितने चीनी नागरिक हुए गिरफ्तार

22 अगस्त 2022 को भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में 15 चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया गया। 26 मई से 14 सितंबर के बीच भी करीब 50 नागरिकों को हिरासत में लिया गया। यह लोग वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी दिल्ली से सटे नोएडा में अवैध रूप से रह रहे थे। इसके अलावा चार और चीनी नागरिकों को यूपी के गौतमबुध नगर की पुलिस ने अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी साल अगस्त और जून में अवैध रूप से नेपाल के रास्ते भारत से भागते हुए तीन चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया गया था। ये वीजा खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। यह कंपनी में नौकरी भी कर रहे थे। अब तक एक महिला समेत 15 चीनी नागरिकों को पकड़कर डिटेंशन सेंटर भेजा जा चुका है। जहां से इन्हें वापस चीन भेज दिया जाएगा। नोएडा में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट(LIU) को अलर्ट भेज दिया गया था। इसके बाद 11 जून को भी जासूसी के शक में नेपाल बॉर्डर से चीन भागते वक्त दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। नोएडा चाइनीज क्लब में भी चीनी नागरिकों को कुछ संदिग्ध सामान और कागजात के साथ गिरफ्तार किया गया था।

चीन से कैसे भारत पहुंचते हैं चीनी संदिग्ध नागरिक

सबसे ज्यादा नेपाल और बांग्लादेश के जरिए आरोपी भारत पहुंचते हैं। नेपाली नागरिकों जैसा रंगरूप होने की वजह से आसानी से नेपाल में फर्जी पहचान पत्र और वीजा भी बनवा लेते हैं। इसी तरह से एक चीनी महिला जासूस नेपाल से फर्जी पहचान पत्र बनाकर भारत में दाखिल हुई थी।

सबसे ज्यादा भारत के इस राज्य में है चीनी अपराधी

देश में सबसे ज्यादा अवैध रूप से चीनी नागरिक दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में रह रहे हैं। और यह अपराधिक गतिविधियों गतिविधियों में लिप्त हैं। ये चाहे आर्थिक स्तर पर हो या फिर सामाजिक स्तर पर हो। अगस्त 2022 में 30 अवैध चीनी अवैध रूप से रह रहे चीनी नागरिकों को दिल्ली नोएडा से गिरफ्तार कर डिटेंशन सेंटर भेजा गया था। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर से 5 चीनी नागरिकों को पकड़ा गया था। जुलाई 2022 में भी एक महिला समेत 14 चीनी नागरिकों को पुलिस पकड़ चुकी है। इन पर जासूस होने का शक है। सूत्रों के मुताबिक, भारत के अलग-अलग हिस्सों में खासतौर पर महानगरीय इलाकों में चीनी नागरिकों के अवैध रूप से रहने के मामले सामने आए हैं। इनमें से कई लोगों के पास नकली भारतीय पहचान पत्र भी जप्त किए गए हैं।

81 चीनी नागरिकों को भारत छोड़ने का नोटिस

2019 से 2021 के दौरान चीन के 81 नागरिकों को वीजा संबंधित शर्तों का उल्लंघन करने के कारण भारत छोड़ने का नोटिस दिया गया है। इसके अलावा अवैध गतिविधियों में शामिल रहे 117 चीनी नागरिकों को भारत से निर्वासित किया गया है। इन लोगों को दोबारा भारत आने पर प्रतिबंध लगाया गया है। देश की सभी खुफिया एजेंसियां खासकर चीनी विदेशी नागरिकों के वीजा और उसकी अवधि पर नजर रख रही हैं।

प्रतिकूल सूची में 726 चीनी नागरिक

726 नागरिकों को वीजा शर्तों और अन्य कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के कारण प्रतिकूल सूची में डाला गया है। वीजा अवधि से ज्यादा रुकने और अनुचित गतिविधियों में शामिल होने पर दोषियों पर विदेशी अधिनियम 1946 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें भारत छोड़ो नोटिस और जुर्माना या वीजा शुल्क भी शामिल है।

हवाला कारोबार से जुड़े तीन चीनी नागरिक गिरफ्तार

नोएडा स्पेशल टास्क फोर्स ने हवाला कारोबार से जुड़े तीन चीनी नागरिकों को हाल ही में गिरफ्तार किया था। इन पर हवाला के जरिए चीन में करोड़ों रुपये भेजने का भी आरोप है। इनके पास फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए थे तीन आरोपी नेपाल बॉर्डर से भारत से बाहर भागने की कोशिश कर रहे थे। तीनों चीनी नागरिकों पर जासूसी का भी आरोप है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन आरोपियों ने भारतीय नागरिकों का डाटा भी अपने देश चीन भेजा है। हालांकि भारतीय नागरिकों का डाटा भेजने का उद्देश्य अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। इन आरोपियों के नाम चेंन जुनफेंग, लियू फेंग फियाई और झांग कुशाओ के रूप में हुई है।

Next Story

विविध