Begin typing your search above and press return to search.
जनज्वार विशेष

सत्ता की साजिश फेल हुई, भोजपुर के शिक्षा आंदोलन के नेता मनोज मंजिल की मिली जमानत

Janjwar Desk
12 Oct 2020 8:10 AM GMT
सत्ता की साजिश फेल हुई, भोजपुर के शिक्षा आंदोलन के नेता मनोज मंजिल की मिली जमानत
x
दो साल पहले मनोज मंजिल ने एक विलक्षण आंदोलन को आकार दिया' सड़क पर स्कूल', बिहार की प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा को बेनकाब करते हुए स्कूलों की जर्जर इमारत, स्कूल की जमीन पर दबंगो के कब्ज़े व शिक्षकों के खाली पड़े पदों का सवाल उठाते हुए पूरे भोजपुर में स्कूल के बच्चों को लेकर सड़क पर ही पाठशाला शुरू कर दी....

भोजपुर (बिहार)। भोजपुर के अगिआंव (सु.) से इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भोजपुर में शिक्षा आंदोलन के नेता मनोज मंजिल को तीन दिनों के बाद बेल मिल गयी। उपकारा दाउदनगर से मुक्त होकर जा रहे हैं।

अगिआंव के लोगों का कहना कि हमलोग मनोज मंजिल को काफी करीब से जानते हैं। वह एक अचछे इंसान भी है। उन्होंने हमेशा गरीब मजदूर, किसान, मेहनतकश, बेरोजगार आदि के लिए अवाज बुलंद करते हैं। सरकार इस आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। मनगढ़त तीस केस ठोंक दिये। मगर समाज सेवा करने का जुनून पालने वाले इंसानों की आवाज पर लगाम नहीं लगा लगा सकती।

अब तो लोग संकल्प ले लिये हैं वह अब गांवघर में नहीं गरजेंगे। अब वह आवाज बिहार विधानसभा मे गुंजेगी। भोजपुर के अगिआंव (सु।) क्षेत्र से मनोज मंजिल के तमाम लोग मनोज मंजिल को एक मौका जरुर देने के पक्षधर हैं।वह क्षेत्र की काया पलट देंगे।

बता दें कि 2015 के पिछले चुनाव में 31572 प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया था। इस बार फिर से मैदान में हैं। इस सीट पर राजद के साथ आने से माले इस बार काफी मजबूत दिख रही है। नामांकन के तुरंत बाद जिस तरह मनोज मंजिल को गिरफ्तार किया गया उससे जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और बढ़ गयी है।

मनोज मंजिल भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी के सदस्य और युवा संगठन इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कम्युनिस्ट पार्टी और युवा संगठन में केंद्रीय भूमिका में रहते हुए मनोज मंजिल ने आरा को अपनी राजनैतिक-वैचारिक सोच की प्रयोग स्थली बना रखा है। भोजपुर और अगिआंव विधानसभा क्षेत्र को उन्होंने दलितों गरीबों खेत मजदूरों की जन दावेदारी के मॉडल के रूप में विकसित किया है।

दो साल पहले मनोज मंजिल ने एक विलक्षण आंदोलन को आकार दिया' सड़क पर स्कूल'। बिहार की प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा को बेनकाब करते हुए स्कूलों की जर्जर इमारत, स्कूल की जमीन पर दबंगो के कब्ज़े व शिक्षकों के खाली पड़े पदों का सवाल उठाते हुए पूरे भोजपुर में स्कूल के बच्चों को लेकर सड़क पर ही पाठशाला शुरू कर दी।

मुख्य सड़कों और राजमार्गों पर स्कूली बच्चों का हुजूम बैठ कर पढाई करने लगा। इन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक मनोज के साथी ही होते थे। यह आंदोलन भी पूरे बिहार का मुद्दा बना और नीतीश सरकार को स्कूली शिक्षा को लेकर कई घोषणाएं करनी पड़ी।

संपूर्ण दास्तान यह है कि बिहार के भोजपुर जिले के अगिआंव से भाकपा माले प्रत्याशी मनोज मंजिल को नामांकन करने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मनोज मंजिल को पकड़ने के लिये पूरे दिन एसडीपीओ अशोक कुमार आजाद के नेतृत्व में गड़हनी, अगिआंव और नारायणपुर की पुलिस चौकस रही।

भाकपा माले और राजद समर्थक कार्यकर्ता और नेता भाकपा माले के पीरो कार्यालय से ड्राप गेट तक जुलूस के साथ आएं। प्लानिंग के तहत जुलूस के ड्राप गेट पर पहुंचने पर भाकपा माले के तरारी प्रत्याशी सुदामा प्रसाद के वाहन पर सवार होकर मनोज मंजिल आये और प्रस्ताव समर्थक के साथ नामांकन केन्द्र की ओर चले गये।

सैकड़ों राजद और भाकपा माले समर्थक नामांकन पत्र दाखिल कर लौटने का इंतजार करते रहे, लेकिन पुलिस गिरफ्तार कर अज्ञात वाहन से ले गयी। एसडीपीओ अशोक कुमार आजाद ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मनोज मंजिल की पुलिस को कुछ आपराधिक मामले में तलाश थी।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story