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जनज्वार विशेष

Shortage of Judges in India: एक तिहाई जजों की कमी से जूझ रही है हमारी न्याय पालिका, हाई कोर्ट में 30 तो सुप्रीम कोर्ट में हैं 21 प्रतिशत जजों के पद रिक्त

Janjwar Desk
16 Nov 2022 11:33 AM GMT
Shortage of Judges in India: एक तिहाई जजों की कमी से जूझ रही है हमारी न्याय पालिका, हाई कोर्ट में 30 तो सुप्रीम कोर्ट में हैं 21 प्रतिशत जजों के पद रिक्त
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Shortage of Judges in India: एक तिहाई जजों की कमी से जूझ रही है हमारी न्याय पालिका, हाई कोर्ट में 30 तो सुप्रीम कोर्ट में हैं 21 प्रतिशत जजों के पद रिक्त

Shortage of Judges in India: न्याय की बेदी पर पहुंचे लोगों को एक शिकायत न्याय देरी से मिलने की अक्सर ही रहती है। जबकि देरी से मिलने वाले न्याय को "न्याय" न मानने की धारणा के साथ हम जी रहे हैं। न्याय में देरी की वजहों में केस का लंबे समय लटकाना, अदालतों पर काम के बढ़ते बोझ के साथ ही देश की अदालतों में न्यायाधीशों की कमी को भी एक बड़ी वजह के तौर पर चिन्हित किया जाता है।

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Shortage of Judges in India: न्याय की बेदी पर पहुंचे लोगों को एक शिकायत न्याय देरी से मिलने की अक्सर ही रहती है। जबकि देरी से मिलने वाले न्याय को "न्याय" न मानने की धारणा के साथ हम जी रहे हैं। न्याय में देरी की वजहों में केस का लंबे समय लटकाना, अदालतों पर काम के बढ़ते बोझ के साथ ही देश की अदालतों में न्यायाधीशों की कमी को भी एक बड़ी वजह के तौर पर चिन्हित किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि जजों की कमी से स्थानीय अदालतें ही नहीं बल्कि बड़ी अदालतें तक जूझ रही हैं। देश के राज्यों में स्थित हाई कोर्ट में 30 प्रतिशत जज कम हैं तो सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कमी का प्रतिशत 21 है। भारत के 28 में से दो उच्च न्यायालयों को छोड़कर सभी उच्च न्यायालयों में 12 से 46 प्रतिशत पद रिक्त हैं। राजस्थान और गुजरात की हाई कोर्ट में 46 प्रतिशत जज कम हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में 36 प्रतिशत, इलाहाबाद में 38 प्रतिशत, हिमाचल में 35 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है।

देश के सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में बड़ी संख्या में केसों के लम्बित रहने का एक मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट व हाईकोेर्ट में बड़ी संख्या में जजों के पद रिक्त होना भी है। 08 नवम्बर 2022 को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यू.यू. ललित के सेवानिवृत्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में कुल स्वीकृत जजों की संख्या 34 में से 27 कार्यरत रह गये है। मतलब वर्तमान की बात करें तो देश के सर्वोच्च न्यायालय में 21 प्रतिशत (7 जजों) के पद रिक्त हैै। देश के उच्च न्यायालयों में कुल 1108 जजों के पद स्वीकृत है जबकि कुल 773 पदों पर ही जज कार्यरत हैै औैर 30 प्रतिशत 335 पद रिक्त हैं।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने भारत सरकार के न्याय विभाग से सुुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त पदों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में न्याय विभाग के लोक सूचना अधिकारी ने वांछित सूचना का विभाग की वेबसाइट पर उपलब्धता का लिंक दिया। इस लिंक पर उपलब्ध 01 नवम्बर 2022 के विवरण इसकी सूचना उपलब्ध हुई है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूूचना के अनुसार 01 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों के 34 पद स्वीकृत हैं। जबकि अभी गुजरी 8 नवम्बर को सेवानिवृत्त हुये जस्टिस यूयू ललित सहित 28 न्यायधीश कार्यरत हैै। इनकी सेवानिवृत्ति के बाद 21 प्रतिशत 7 पद रिक्त हो गये हैं। देश के उच्च न्यायालयों में कुल 272 अतिरिक्त जजों के पदों सहित 1108 जजोें के स्वीकृत पद है जिसमें 136 अतिरिक्त जजों सहित 773 जज कार्यरत हैं। तथा 30 प्रतिशत 335 पद रिक्त हैं जिसमें 136 पद अतिरिक्त जजों केे रिक्त हैं।

सर्वाधिक रिक्त पदों वाले उच्च न्यायालयों में राजस्थान व गुजरात उच्च न्यायालय शामिल है इसमें 46 प्रतिशत पद रिक्त हैं। दूसरे स्थान पर 40 प्रतिशत पद मणिपुर व मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयोें में तथा तीसरे स्थान पर 38 प्रतिशत पद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिक्त हैं। चौथे स्थान पर 36 प्रतिशत रिक्त पदों वाले उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ तथा पटना उच्च न्यायालय हैै, पांचवें स्थान पर 35 प्रतिशत रिक्त पदों वाले हिमाचल प्रदेश, छठे स्थान पर 34 प्रतिशत पद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, सातवें स्थान पर 33 प्रतिशत पद उड़ीसा, आठवेें स्थान पर 30 प्रतिशत बाम्बे, नवें स्थान पर 28 प्रतिशत मद्रास, दसवें स्थान पर कलकत्ता व मेघालय उच्च न्यायालयों में 25 प्रतिशत, ग्यारहवें स्थान पर 23 प्रतिशत देहली, बारहवें स्थान पर 21 प्रतिशत तेलंगाना, केरल कर्नाटक उच्च न्यायालयों में, तेरहवें स्थान पर 19 प्रतिशत पद आंध्र प्रदेश, चैहदवेें स्थान पर 16 प्रतिशत झारखंड, पन्द्रहवें स्थान पर सबसे कम 12 प्रतिशत जम्मू एवं लद्दाख उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के पद रिक्त चल रहे हैं।

देश में 25 उच्च न्यायालयों में केवल दो उच्च न्यायालय सिक्किम व गौहाटी ही ऐसे है जिसमें कोई पद रिक्त नहीं हैै। गौहाटी उच्च न्यायालय में भी स्थायी न्यायाधीश के 2 पद रिक्त है लेकिन अतिरिक्त जज स्वीकृत संख्या में 2 अधिक कार्यरत हैैं इसलिये कुल रिक्ति नहीं हैं। बात करें उत्तराखंड उच्च न्यायालय की तो यहां पर कुल 2 अतिरिक्त न्यायाधीशों सहित 11 न्यायाधीशों के पद स्वीकृत हैं। जबकि केवल 7 स्थायी न्यायाधीश कार्यरत हैं। जिसका अर्थ है कि यहां 36 प्रतिशत 4 पद रिक्त हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 41 अतिरिक्त न्यायाधीशों सहित कुल 160 स्वीकृत पद हैं। जबकि 23 अतिरिक्त जजों सहित 100 जज ही कार्यरत हैं। यहां 30 प्रतिशत 60 जजों के पद रिक्त चल रहे हैं। हिमाचल उच्च न्यायालय में 4 अतिरिक्त जजों सहित 17 न्यायाधीशों के स्वीकृत पद हैं। जबकि 11 स्थायी न्यायाधीश कार्यरत हैं, 35 प्रतिशत 6 पद रिक्त हैं।

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