Organic Farming In Chhattisgarh : स्वयं सहायता समूह ने केंचुए - कीड़े बेचकर कमाए 40 हजार रुपए
Organic Farming In Chhattisgarh : स्वयं सहायता समूह ने केंचुए - कीड़े बेचकर कमाए 40 हजार रुपए
Organic Farming In Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के कांकेर (Kanker) में सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित गौठान से छत्तीसगढ़ में जैविक खेती (Organic Farming In Chhattisgarh) को बढ़ावा देने के साथ साथ स्वालंबन व आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। शासन की महती गोधन न्याय योजना (Gaudhan Nyay Yojana) के तहत गोबर खरीदकर महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) की ओर से वर्मी खाद तैयार किया जा रहा है। गोबर को वर्मी खाद में बदलने वाले वर्म केंचुवा कीड़ा को भी हरनपुरी गौठान की महिला समूह की ओर से बिक्री की जा रही है, कीड़ा बेच कर 40 हजार रुपए की आमदनी हुई है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण कवाची ने बताया नगर पंचायत भानु प्रतापपुर के गौठान के लिए 01 कुंटल वर्म केंचुवा कीड़ा का आर्डर मिला था, हरनपुरी महिला समूह से संपर्क कर 02 सौ रुपए प्रति किलो की दर से 20 हजार रुपए में 01 कुंटल वर्म किड़ा नगर पंचायत को उपलब्ध करवाया गया, हरनपुरी महिला समूह ने भानुप्रतापपुर ब्लॉक के संबलपुर, रानीडोंगरी, डोगरकट्टा, मुंगवाल, कुंडाल, भेजा, जातावाड़ा, कराठी इत्यादि गांवो के गोठानों में भी 20 हजार रुपए का वर्म विक्रय किया गया।
महिला समूह को केंचुवा कीड़ा विक्रय से ही 40 हजार रुपए की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई, कृषि विभाग के सहयोग एंव मार्गदर्शन से समूह की महिलाओ को वर्मी खाद बनाने व केंचुवा कीड़ा पालन के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया था।
समूह की महिलाओं के सीखने की ललक, हुनर और मेहनत से ही गौठान में वर्मी खाद उत्पादन और केंचुवा कीड़ा उत्पादन (Organic Farming In Chhattisgarh) करने में महारत हासिल कर लिया।
हरनपुरी गौठान के जय मां अम्बे महिला स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष जयंत्री साहू ने बताया कि दो माह पूर्व ही गांव में गौठान खुलने के बाद गोधन न्याय योजना से गांव की महिलाए जुड़ी, वर्मी उत्पादक समूह में 12 सदस्य है, गोधन न्याय योजना से जुड़ने के बाद से इसका सीधा लाभ हम गांव की महिलाओ को मिलने लगा जिससे महिलाए उत्साहित है।
पंचायत सचिव रघुवर साहू ने बताया हरनपुरी गौठान तीसरा चरण में निर्मित नवीन गौठान है, गौठान में अभी वतर्मान में 06 वर्मी टैंक बना है तथा 14 वर्मी टैंक बनाने प्रस्ताव दिया गया है, 06 टैंक में वर्मी खाद बनना शुरू हो गया, समूह के महिलाओ द्वारा टैंक से प्रथम लेयर की छनाई से 50 बैग वर्मी खाद एकत्र कर छनाई पैकेजिंग कर किसानो को लेम्पस के माध्यम से विक्रय के लिए भंडारण की तैयारी कर ली गई है।
06 टैंक से द्वितीय व तृतीय लेयर की छनाई से 200 बैग तक वर्मी खाद निकाल ली जाएगी, पंचायत सचिव ने बताया गांव की महिला समूहो को उनकी रुचि के आधार पर विभिन्न मल्टीएक्टिविटीज कार्यो जैसे वर्मी उत्पादन, सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, सुकर पालन, बकरी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन सहित विभन्न आजीविका मूलक कार्यो से जोड़ा जा रहा है।