खोरी गांव में हुआ लाठीचार्ज, सर्च ऑपरेशन जारी और सामाजिक कार्यकर्ताओं की हो रही गिरफ्तारी
घर ढहाये जाने के खिलाफ पुलिस से भिड़ रहे हैं खोरी के ग्रामीण, मगर डंडों के जोर पर की जा रही उनकी आवाज शांत
जनज्वार ब्यूरो। जनज्वार, फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के खोरी गांव में हो रही तोड़फोड़ के खिलाफ वहां के बाशिंदे और सामाजिक संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। आज 15 जुलाई की तड़के सुबह पहुंची पुलिस को लोगों ने कॉलोनी के अंदर विरोध—प्रदर्शनों के जरिए करीब 2 घंटे तक घुसने नहीं दिया। बाद में पुलिस लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने में सफल रही। पुलिस की मदद से एमसीडी के क्रेन और बुलडोजरों ने खबर लिखे जाने तक बंगाली कॉलोनी के करीब 100 घर तोड़ दिए हैं।
हरियाणा स्थित फरीदाबाद के गांव खोरी में अवैध बताकर हजारों मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई लंबे समय से शुरू हो चुकी है। लगातार यहां बुल्डोजर और जेसीबी मशीनों से मकानों का ढहाने का काम जारी है और मीडिया को रिपोर्टिंग से दूर रखा जा रहा है। आज 15 जुलाई को यहां से लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।
खोरी गांव से मिली जानकारी के मुताबिकअभी अभी यानी 15 जुलाई की सुबह लाठीचार्ज हुआ है, जिसमें DSU के प्रभाकर, बिगुल से जुड़े सार्थक, इंकलाबी मजदूर केंद्र के नितेश और गांव की दो महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि अवैध निर्माण ढहाने के नाम पर पुलिस और पैरामिलिट्री ने कल 14 जुलाई से ही खोरी गांव को छावनी में तब्दील किया हुआ है। ग्रामीणों का आरो है कि उन्हें लगातार चुप कराने की कोशिश की जा रही है, बावजूद इसके अपने मकानों को तोड़े जाने के खिलाफ ग्रामीण एकजुट हो गये थे, और रास्ता रोककर बैठ गए थे।
ग्रामीणों का कहना है कि जब हमने पुलिस को गांव को अंदर नहीं बढ़ने दिया गया तो बौखलाकर वहां लाठीचार्ज किया गया जिसमें कई लोगों को चोटें आई और लगभग आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फरीदाबाद का खोरी गांव कई साल पुराना असंगठित क्षेत्र के मजदूर परिवारों का गांव है, जिन्हें उजाड़ने का काम जोरों पर शुरू है और उनके विरोध की हर आवाज को दबाया जा रहा है।
गौरतलब है कि कल 14 जुलाई को जनज्वार भी यहां ग्राउंड रिपोर्टिंग करने पहुंचा था और हमने अपनी वीडियो रिपोर्ट में दिखाया था कि कैसे मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोका जा रहा है, ताकि सच सामने न आ पाये। इससे पहले गुरुवार 8 जुलाई को भी प्रशासन ने पुलिस और पैरामिलिट्री के साथ बड़े पैमाने पर मकान तोड़े थे और विरोध करने पर बड़ी संख्या में तब गिरफ्तारियां भी गयी थीं।
कल 14 जुलाई को अरावली की जमीन पर अवैध रूप से बसा बताकर खोरी गांव में प्रशासन का बुल्डोजर चला कल 14 जुलाई की सुबह करीब सवा 11 बजे ही प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच तोड़फोड़ शुरू कर दी थी। करीब दो घंटे चली कार्रवाई के दौरान जेसीबी और बुलडोजर से 300 के लगभग मकान ढहाये गये। हालांकि इस बीच ग्रामीणों ने अपना विरोध भी दर्ज किया, मगर पुलिस के डंडे के आगे उनकी एक न चली।
मीडिया को घटनास्थल से दूर रहने की नसीहत देता वीडियो आप जनज्वार पर देख सकते हैं। ग्रामीण अपने टूटते आशियानों को देखकर पुलिस प्रशासन से बुल्डोजर न चलाने की अपील कर रहे थे, मगर उनके आंसू किसी काम न आये। कल दोपहर में बारिश के कारण बाधित हुई कार्रवाई को आज यानी 15 जुलाई को सुचारू रूप से चलाने की बात प्रशासन द्वारा कही गयी थी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सात जून को स्थानीय प्रशासन को छह सप्ताह के अंदर में गांव में बने करीब दस हजार मकानों को तोड़ने का आदेश दिया था। इसकी रिपोर्ट 19 जुलाई को कोर्ट में पेश की जानी है और कोर्ट में रिपोर्ट देने से पहले प्रशासन ने अपना काम शुरू कर दिया है यानी खोरी को उजाड़ने का।
कल 14 जुलाई को सुबह छह बजे से ही खोरी गांव के आसपास पुलिस का सख्त पहरा था। पुलिस की गाड़ियां पहुंचने के साथ ही तोड़फोड़ दस्ता खोरी की तरफ बढ़ रहा था तो पुलिस ने गांव की तरफ आने वालों को रोकने के साथ ही दिल्ली से भी गाड़ियों की एंट्री रोक दी।। विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए लोगों को हिरासत में लेने के लिए हरियाणा रोडवेज की बसें भी मौके पर तैनात की गईं, कुछ जगह हल्का विरोध हुआ, लेकिन मीडिया को रोककर आधा मामला पहले ही सेट करने वाली पुलिस ने बाकी आवाज डंडे से दबा दी।
अरावली क्षेत्र में बसे खोरी गांव में लगभग 10 हजार मकान यानी 1 लाख के लगभग आबादी निवास करती है। सात जून को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और नगर निगम को यहां तोड़फोड़ कर जंगल की जमीन को फिर से जंगल बनाने के आदेश दिए थे। निगम को छह सप्ताह में तोड़फोड़ की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए थे। इसे बाद नगर निगम ने गांव में सक्रियता बढ़ा दी थी। निगम की ओर से गांव में मुनादी का काम शुरू किया गया। पुलिस प्रशासन की टीमें लोगों को घर-घर जाकर मकान खाली करने के लिए जागरूक कर रही थीं। यही नहीं मंगलवार 13 जुलाई को निगम ने खोरीवासियों के लिए पुनर्वास योजना की भी घोषणा की थी ताकि बिना विरोध के लोग अपना मकान छोड़ दें और प्रशासन को उन्हें तोड़ने में आसानी हो।