बेरोजगारी की मार: प्राइवेट कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड बनने पहुंच गए इंजीनियरिंग व MA पास उम्मीदवार
(प्राइवेट कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड बनने पहुंच गए इंजीनियरिंग और एमए पास अभ्यर्थी, लाइन में खड़े अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच करते कंपनी के लोग)
https://janjwar.com/livelihood/unemployment-engineering-and-ma-pass-candidates-came-in-private-company-to-become-security-guards-707511?infinitescroll=1
जनज्वार ब्यूरो/ सारण। देश में बेरोजगारी की स्थिति क्या है, यह सर्वविदित है। बिहार जैसे राज्य, जहां उद्योग-धंधे न के बराबर हैं, वहां स्थिति और भी बुरी है। बिहार के लाखों कामगार दूसरे प्रदेशों में पलायन कर छोटे-मोटे काम और दिहाड़ी कर जीवनयापन कर रहे हैं।
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार का वादा किया था, पर बेरोजगारों की फौज दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। और तो और लोगों के लगे-लगाए रोजगार भी छिन जा रहे हैं। बिहार की जेडीयू-बीजेपी की एनडीए सरकार ने भी हालिया चुनाव के दौरान 5 साल में 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया है। विपक्षी दल पीएम मोदी और बिहार के एनडीए सरकार के वादों को फकत 'जुमला' बताते रहे हैं।
बेरोजगारी का कुछ ऐसा ही आलम राज्य के सारण जिला में दिखा, जहां सिक्यूरिटी गार्ड उपलब्ध कराने वाली एक प्राइवेट कंपनी की बहाली में इंजीनियरिंग और एमए पास कैंडिडेट भी पहुंच गए।
सारण जिला के अमनौर में एसआईएस कम्पनी की सिक्युरिटी गार्ड की बहाली में एमए व इंजीनियरिग लाइन में खड़े दिखे। बताया जा रहा है कि एसआईएस कंपनी एक प्राइवेट कंपनी है, जो विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, प्रतिष्ठानों आदि में सिक्युरिटी गार्ड उपलब्ध कराती है। इनकी भर्ती एसआईएस द्वारा ही की जाती है और जहां से डिमांड होती है, वहां सिक्युरिटी गार्ड को लगा दिया जाता है।
एसआईएस सिक्युरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड कंपनी ने सुरक्षा जवान व सुपरवाइजर की बहाली के लिए विभिन्न समाचार पत्रों में बिज्ञापन निकाला था। सोमबार को अमनौर थाना के परिसर में कैपस सलेक्शन का आयोजन किया गया था।
अब बेरोजगारी की स्थिति देखें कि सिक्युरिटी गार्ड बनने की ख्वाहिश लिए दूर-दराज से चलकर हजारों की संख्या में युवा और बेरोजगार बहाली के लिए अमनौर आ पहुंचे। थाना के आस-पास सुबह से ही युवाओं का आना प्रारम्भ हो गया था। विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद लगभग दो सौ से अधिक युवाओं को कम्पनी द्वारा हाइट व योग्यता के आधार पर चयन किया गया।
आश्चर्यजनक बात तो यह रही कि इनमें से स्नातक पास तो लगभग सभी थे, कई एमए व कई इंजीनियरिंग की डिग्री लिए भी सिक्युरिटी गार्ड में बहाली के लिए लाइन में खड़े थे।
प्राइवेट कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड बनने के लिए लाइन में खड़े अभ्यर्थियों का कहना था कि देश में जिस प्रकार रोजगार के सेक्टर को सरकार निजी हाथों में दे रही है, बेरोजगारी बढ़ना लाजमी है। कोरोना संकट व जीएसटी लगाने के कारण बड़ी संख्या में उद्योग-धंधे बन्द हो गए हैं। रोजगार के लिए जाएं तो कहा जाएं। कई माह से घर का आटा गीला कर रहे हैं। घर पर मजदूरी भी नही मिल रही है।