Begin typing your search above and press return to search.
आजीविका

करोड़ों का मुनाफा कमाने वाले सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाने IMPCL को बेचे जाने के खिलाफ मजदूरों का हल्लाबोल

Janjwar Desk
17 Nov 2023 9:14 PM IST
करोड़ों का मुनाफा कमाने वाले सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाने IMPCL को बेचे जाने के खिलाफ मजदूरों का हल्लाबोल
x

file photo

IMPCL कारखाने से केवल श्रमिकों एवं कर्मचारियों को ही रोजगार नहीं मिला हुआ है, बल्कि क्षेत्र के किसान जड़ी-बूटियां, कंडे, गोमूत्र, आदि बेचकर अपनी जीविका चला रहे हैं। कारखाना बिकने के बाद पहाड़ों से पलायन और भी ज्यादा बढ़ेगा

रामनगर। भारत सरकार का एकमात्र आयुर्वेदिक कारखाना आईएमपीसीएल के विनिवेश के खिलाफ 20 नवंबर को प्रस्तावित धरने को सफल बनाने के लिए ठेका मजदूर कल्याण समिति ने रामनगर और अल्मोड़ा के मोहान क्षेत्र में प्रचार व नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया। आज 17 नवंबर को हुए इस आयोजन में श्रमिकों, कर्मचारियों व आम जनता से कारखाना गेट पर दिन में 11 बजे आयोजित धरना प्रदर्शन में भागीदारी करने की अपील की।

कारखाना गेट पर हुई सभा को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा ने कहा कि इस कारखाने से केवल श्रमिकों एवं कर्मचारियों को ही रोजगार नहीं मिला हुआ है, बल्कि क्षेत्र के किसान जड़ी-बूटियां, कंडे, गोमूत्र, आदि बेचकर अपनी जीविका चला रहे हैं। कारखाना बिकने के बाद पहाड़ों से पलायन और भी ज्यादा बढ़ेगा, अतः इस कारखाने का विनिवेश तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन श्रमिकों के पीएफ के फॉर्म पीएफ ऑफिस के लिए अग्रसारित नहीं कर रहा है, जिस कारण श्रमिकों को उनका बकाया 1.12 करोड रुपए नहीं मिल पाए हैं।

समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि विगत 30 अक्टूबर को कारखाने की तकनीकी टेंडर हो चुके हैं दूसरे दौर के फाइनेंशियल टेंडर भी होने वाले हैं। मैनकाइंड और बैद्यनाथ जैसी कंपनियां 35 एकड़ में फैले इस मिनी नवरत्न कारखाने को खरीदने के लिए लालायित हैं। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार पिछले 4 वर्षों में 1.92 लाख करोड़ रुपये की सरकारी संपत्तियों का विनिवेश कर चुकी है, जो कि देश की जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए बनाया गया पलायन आयोग जनता के लिए भ्रम से ज्यादा कुछ नहीं है।

सभा में मजदूरों ने कहा कि इस फैक्ट्री में काम करने से ही हमारा परिवार चलता है और जब यह फैक्ट्री ही बिक जाएगी तो हम कहीं के नहीं रहेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार लाभ में चलने वाले इस कारखाने के विनिवेश को रद्द करे। मजदूरों के पीएफ तथा अन्य देय राशि का तत्काल भुगतान किया जाए एवं सभी ठेका श्रमिकों को नियमित रोजगार की गारंटी दी जाए।

इस दौरान संतोष, महेश जोशी, बीडी नैनवाल, दीपक सुयाल, मदन मेहता आदि भी मौजूद थे।

Next Story

विविध