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रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए लखनऊ को तबाह करने में लगी है योगी सरकार, अकबरनगर के बाद कई और बस्तियों को उजाड़ने की तैयारी !

Janjwar Desk
11 July 2024 12:04 PM IST
रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए लखनऊ को तबाह करने में लगी है योगी सरकार, अकबरनगर के बाद कई और बस्तियों को उजाड़ने की तैयारी !
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अकबरनगर की जनता सरकार के आदेश के बाद बेघर, उनके मकानों को बुल्डोजर से कर दिया गया जमींदोज (file photo)

700 से भी ज्यादा मलिन बस्तियों को खत्म करने की सरकार की योजना है, जबकि सरकार ने वादा किया था जहां बस्ती वहीं पक्का मकान। आज उस वादे से मुकरकर सरकार रियल स्टेट खिलाड़ियों के लिए जमीन पूल करने का काम करने में लगी है...

लखनऊ। 'रियल एस्टेट कारोबारी के मुनाफे के लिए पूरे लखनऊ को तबाह करने में योगी सरकार लगी हुई है। साबरमती रिवर फ्रंट बनाने वाली गुजराती कंपनी को कुकरैल नाला का रिवर फ्रंट बनाने का ठेका देने में सरकार लगी है। सरकार के खजाने में जमा टैक्स पेयर के 6000 करोड रुपए से ज्यादा को इस प्रोजेक्ट में लगाया जायेगा। यह प्रोजेक्ट लखनऊ के पर्यावरण को तो नष्ट करेगा ही आम नागरिकों के जीवन को भी गहरे संकट में डाल देगा। बड़े पैमाने पर बेदखली होगी, अकबरनगर को तहस-नहस करने के बाद पंतनगर, खुर्रम नगर, अबरार नगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, स्कॉर्पियो क्लब आदि जगहों पर पैमाइश का काम शुरू कर दिया गया है। यह पैमाइश पूर्णतया मनमानेपन और अवैधानिक तरीके से की जा रही है। न तो कुकरैल नाले के केंद्र का कोई पता है और न ही फ्लड एरिया कितना होगा इसकी कोई जानकारी दी जा रही है। योगी सरकार की तबाही के खिलाफ शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन पूरे लखनऊ में खड़ा किया जाएगा।' यह प्रस्ताव लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के खुर्रम नगर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में आयोजित प्रथम सम्मेलन में लिया गया।

प्रस्ताव में कहा गया कि नजूल अधिग्रहण अध्यादेश के जरिए पूरे लखनऊ में नजूल की भूमि पर पुश्तैनी बसे हुए लोगों के ऊपर बेदखली का खतरा मंडरा रहा है। 700 से भी ज्यादा मलिन बस्तियों को खत्म करने की सरकार की योजना है, जबकि सरकार ने वादा किया था जहां बस्ती वहीं पक्का मकान। आज उस वादे से मुकरकर सरकार रियल स्टेट खिलाड़ियों के लिए जमीन पूल करने का काम करने में लगी है।

सम्मेलन में एकमत से सरकार से जारी बेदखली की कार्रवाई रोकने की मांग की गई और सभी चुने हुए जन प्रतिनिधियों, राजनीतिक संगठनों और गणमान्य नागरिकों के साथ सरकार के प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाने की मांग उठी। सम्मेलन में शीघ्र ही कमिश्नर लखनऊ रोशन जैकब से प्रतिनिधिमंडल के मिलने का निर्णय हुआ और 14 जुलाई को अबरार नगर में दूसरा सम्मेलन करने का फैसला लिया गया। इस अभियान को लखनऊ के कोने-कोने तक फैलाने का संकल्प व्यक्त किया गया।

सम्मेलन की अध्यक्षता सपा की मेयर प्रत्याशी वंदना मिश्रा ने की और संचालन राकेश मणि पांडेय ने किया। सम्मेलन को सपा विधायक रविदास महरोत्रा, कांग्रेस प्रदेश महासचिव मुकेश चौहान, आईपीएफ महासचिव दिनकर कपूर, सीपीएम से प्रवीन सिंह, सीपीआई से कांति मिश्रा, सीपीआई माले से मगन, एटक प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा भी उपस्थित रहीं।

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