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संस्कृति

ऑस्कर पुरस्कारों में भारत को दो पुरस्कार, RRR के विजेता गाने नाटू-नाटू... का रहा जलवा

Janjwar Desk
14 March 2023 10:09 AM IST
ऑस्कर पुरस्कारों में भारत को दो पुरस्कार, RRR के विजेता गाने नाटू-नाटू... का रहा जलवा
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ऑस्कर पुरस्कारों को प्रस्तुत करने में भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी शामिल थीं, पर आश्चर्य यह है कि कट्टरपंथियों और अंधभक्तों की जो जमात उनकी फिल्मों का बहिष्कार करने का बेशर्मी से ऐलान करता है, उसने ऑस्कर पुरस्कार समारोहों के बहिष्कार का ऐलान नहीं किया...

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

Indian films got 2 Oscar awards, out of a total of 3 nominations. इस वर्ष 95वें अकैडमी अवार्ड्स, ऑस्कर, में तीन अलग-अलग श्रेणियों में भारतीय फिल्मों का नामांकन था – जिसमें से 2 श्रेणियों में पुरस्कार मिले। सर्वश्रेष्ठ मौलिक गाने के लिए, एस एस राजामौली की सुपरहिट फिल्म आरआरआर, के सुपरहिट गाने “नाटू-नाटू” को दिया गया। पहली बार भारत में पूरी तरह बनी किसी फ़िल्म के गाने को यह पुरस्कार दिया गया है। इससे पहले वर्ष 2009 में डैनी बॉयल की हॉलीवुड में बनी फिल्म, स्लमडॉग मिलेनियर के गाने जय हो... को यह पुरस्कार मिला था, जिसके संगीतकार एआर रहमान थे।

शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री श्रेणी में कार्तिकी गोजाल्विस द्वारा निर्देशित फिल्म एलीफैंट व्हिस्पररर्स को ऑस्कर से नवाजा गया। यह कार्तिकी गोजाल्विस द्वारा निर्देशित पहली फिल्म है और इसके प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा और अचिन जैन हैं। मानव और वन्यपशुओं कापसी तालमेल पर बनी यह फिल्म 41 मिनट की है। शौनक सेन की फिल्म, आल दैट ब्रीथ्स, का नामांकन डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म की श्रेणी में था, पर यह फिल्म पुरस्कारों से चूक गयी। इस श्रेणी में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नीतियों के प्रबल विरोधी और प्रजातंत्र समर्थक अलेक्सी नावेलनी, के विचारों और संघर्ष पर बनी फिल्म, नावेलनी, को ऑस्कर दिया गया।

आरआरआर के ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त गाने नाटू-नाटू... का पुरस्कारों के दौरान इस कदर जलवा था कि इसे मंच पर प्रस्तुत करने से पहले दीपिका पादुकोण जब इस गाने के बारे में बता रही थी, तब दर्शकों की वाहवाही और तालियों की आवाजों के कारण उन्हें बीच में कई बार रुकना पड़ा। मंच पर इसे इस गाने के गायकों राहुल सिप्लिगंज और कालभैरव ने प्रस्तुत किया, जिनके साथ नर्तकों का एक अंतरराष्ट्रीय दल नृत्य प्रस्तुत कर रहा था। इस गाने को चन्द्र बोस ने लिखा है और इसका संगीत एम एम कीरावानी ने दिया है।

मंच पर इस पुरस्कार को एम एम कीरावानी ने प्राप्त किया। दर्शकों में इस फिल्म के कलाकार रामचरण और जूनियर एनटीआर मौजूद थे, पर उन्होंने नृत्य नहीं किया। नाटू-नाटू गाने को अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि शुरू से ही मिली है, इसे गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के साथ ही क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड भी मिल चुका है। फिल्म में इस गाने को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से ठीक पहले राजधानी कीव में स्थित राष्ट्रपति भवन में फिल्माया गया था। गीतकार चन्द्र बोस ने इस पुरस्कार को भारतीय शब्दों, कविताओं, गानों और संगीत को मिला पुरस्कार बताया है।

एलीफैंट व्हिस्पररर्स की पृष्ठभूमि तमिलनाडु के मधुमलाई टाइगर रिज़र्व की है, जहां एक बेहद गरीब पति-पत्नी हाथी के दो अनाथ बच्चों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं। इनमें पहले बच्चे का नाम रघु है, जो बिलकुल मरने की कगार पर था और जिसे वन विभाग के कर्मचारी भी मरने के लिए छोड़ गए थे। एक ऐसे समय जब मनुष्यों पर जंगली हाथियों के हमले की खबरें ही आती हैं, मनुष्य और हाथियों के परस्पर सामंजस्य पर बनी कुल 41 मिनट की फिल्म बहुत कुछ कह जाती है और हमें वन्यजीवों के प्रति अपना नजरिया बदलने को बाध्य करती है।

इस वर्ष के ऑस्कर पुरस्कारों में डेनियल क्वान और डेनियल स्चेइनेर्त द्वारा निर्देशित और प्रोडूसर जोनाथन वांग की फिल्म, एव्रीथिंग एव्रीवेयर आल ऐट वन्स, का जलवा रहा, इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म के साथ ही कुल सात पुरस्कार, जिसमें सवश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ पटकथा और सर्वश्रेष्ठ सह-नायक और सह-अभिनेत्री का पुरस्कार शामिल है, मिले। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मलेशिया की अभिनेत्री, मिशेल योह, को मिला – वे यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली एशिया की पहली अभिनेत्री हैं। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, फिल्म द व्हेल के लिए ब्रेंडन फ्रेजर को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म का पुरस्कार, आल क्वाईट ऑन द वेस्टर्न फ्रंट, को दिया गया।

इस वर्ष के ऑस्कर पुरस्कारों में, रूथ ई कार्टर, ऐसी पहली अश्वेत महिला बनीं जिन्हें दो ऑस्कर पुरस्कार मिल चुके हैं। वे कास्ट्यूम डिज़ाइनर हैं, और इन्हें ब्लैक पैंथर फिल्म के सीक्वल के लिए इस वर्ष पुरस्कार दिया गया है। इससे पहले वर्ष 2019 में भी उन्हें ब्लैक पैंथर के लिए पुरस्कार दिया गया था।

इस वर्ष के ऑस्कर पुरस्कारों को प्रस्तुत करने में भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी शामिल थीं, पर आश्चर्य यह है कि कट्टरपंथियों और अंधभक्तों की जो जमात उनकी फिल्मों का बहिष्कार करने का बेशर्मी से ऐलान करता है, उसने ऑस्कर पुरस्कार समारोहों के बहिष्कार का ऐलान नहीं किया।

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