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संस्कृति

अल्मोड़ा में प्रगतिशील साहित्य की प्रदर्शनी के दौरान उमड़ा युवाओं का सैलाब, देश-दुनिया के प्रगतिशील साहित्य से रू-ब-रू हुए युवा

Janjwar Desk
12 Dec 2022 4:00 PM GMT
अल्मोड़ा में प्रगतिशील साहित्य की प्रदर्शनी के दौरान उमड़ा युवाओं का सैलाब, देश-दुनिया के प्रगतिशील साहित्य से रू-ब-रू हुए युवा
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Almora news : ऐसे माहौल में जब युवाओं को वाट्सऐप के माध्यम से अधकचरा और झूठा ज्ञान परोसकर उनकी सोच को साजिशन कुंठित बनाने का प्रयास किया जा रहा है तो इस प्रकार के आयोजन युवाओं के हित में बेहद आवश्यक हैं....

Almora news : "बेहतर जिंदगी का रास्ता किताबों से होकर गुजरता है", यह बात कितनी भी समाचिन क्यों न हो, लेकिन पुस्तके अगर पढ़ी ही न जाएं तो हर बार बेमानी साबित हो जाती है। वाट्सऐप और सोशल मीडिया के दौर में कहीं दूर बिसरा दी गई किताबों की दुनियां से युवाओं का परिचय कराने के लिए जब अल्मोड़ा के उत्तराखंड छात्र संगठन ने पहलकदमी का इरादा किया तो सबसे बड़ी समस्या किताब तक पाठक (दर्शक नहीं) को लाने की थी।

स्कूली जिंदगी में जी रहे इन बच्चों को भरोसा था कि शायद आभासी दुनिया से बाहर की दुनिया को देखने वाले लोगों का उन्हें साथ मिले। इसी जुनून के चलते उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की स्टूडेंट यूनिट उत्तराखंड छात्र संगठन ने नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के साथ मिलकर अल्मोड़ा में प्रगतिशील पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसे उनकी उम्मीद से ज्यादा रिस्पॉन्स हासिल हुआ।

सोमवार 12 दिसंबर को इस प्रगतिशील पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। जहां गार्गी, सम्भव, यात्री, अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन जैसे महत्त्वपूर्ण प्रगतिशील प्रकाशनों की मातीगारी, खून की पंखुड़ियां, भगत सिंह और आज़ादी से संबंधित किताबें, पाप और विज्ञान, मार्क्स से संबंधित किताबें, युद्ध लड़ रही लड़कियां, फ़िरदौस, गोरा, तुम्हारी क्षय, जूठन, देश विदेश पत्रिका, मुक्ति के स्वर पत्रिका जैसी पुस्तकों को मेहमानों के दीदार के लिए रखा गया।


प्रदर्शनी में हर स्टाल पर युवाओं व क्षेत्रीय जनता के फीड बैक भी लिए गए तो हर स्टाल पर उपलब्ध पुस्तकों की उन्हें संक्षिप्त जानकारी देते उसकी ऐतिहासिकता व राजनैतिक दर्शन से परिचित भी कराया गया। प्रदर्शनी में आने वाले लोगों ने देश व दुनिया को प्रगतिशील साहित्य मुख्य तौर पर सराहा। प्रदर्शनी में गार्गी प्रकाशन के अमित और कुलदीप ने पुस्तकों की विस्तृत जानकारी लोगों को दी। कल मंगलवार 13 दिसंबर को भी यह प्रदर्शनी गांधी पार्क अल्मोड़ा में आयोजित होगी।

प्रदर्शनी की बाबत उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पाण्डे ने कहा कि इस प्रदर्शनी में युवाओं के बीच कल मंगलवार को "किताबों से मुलाक़ात" विषय पर एक दोतरफा संवाद आयोजित किया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी की इन पुस्तकों के प्रति सोच का आकलन कर उन्हें उनकी अभिरुचि के अनुसार प्रगतिशील साहित्य उपलब्ध कराया जा सके।


उत्तराखंड की बौद्धिक राजधानी कहे जाने वाले अल्मोड़ा में पुस्तकों की इस प्रदर्शनी की सराहना करते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की किरन आर्या ने कहा कि ऐसे माहौल में जब युवाओं को वाट्सऐप के माध्यम से अधकचरा और झूठा ज्ञान परोसकर उनकी सोच को साजिशन कुंठित बनाने का प्रयास किया जा रहा है तो इस प्रकार के आयोजन युवाओं के हित में बेहद आवश्यक हैं।

लोगों के बीच इतिहास, भूगोल, राजनीति की सही जानकारी के लिए ऐसी गतिविधियों का आयोजन होते रहना चाहिए। जबकि उपपा के केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में तथ्यात्मक अध्ययन हेतु आवश्यक हैं। ऐसे दौर में जहां भ्रामक सूचनाएं परोसी जा रही हैं तब किताबों की उपयोगिता अनिवार्य हो जाती है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को पार्टी का समर्थन प्राप्त होता रहेगा। इस मौक़े पर नारायण राम, गोपाल राम, आंनदी वर्मा, हेमा पांडे, नाजिम, धीरेंद्र मोहन पंत आदि लोगों ने सहयोग प्रदान किया। इस प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय व विद्यालयों के अनेक छात्र- छात्राएं शामिल हुए।

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