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हाशिये का समाज

पिथौरागढ़ में थप्पड़ का बदला दलित चनरराम को मौत के घाट उतार कर लिया सवर्ण युवकों ने, 2 हत्यारोपियों को पकड़ा पुलिस ने तो एक भागा नेपाल

Janjwar Desk
10 Dec 2022 12:50 PM GMT
पिथौरागढ़ में थप्पड़ का बदला दलित चनरराम को मौत के घाट उतार कर लिया सवर्ण युवकों ने, 2 हत्यारोपियों को पकड़ा पुलिस ने तो एक भागा नेपाल
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पिथौरागढ़ में थप्पड़ का बदला दलित चनरराम को मौत के घाट उतार कर लिया सवर्ण युवकों ने, 2 हत्यारोपियों को पकड़ा पुलिस ने तो एक भागा नेपाल (फोटो : पिथौरागढ़ पुलिस फेसबुक वाल)

16 नवंबर को बेड़ा गांव में मुख्य आरोपी कृष्ण सिंह और खीम सिंह के साथ चनर राम का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था, चनर राम ने दोनों को थप्पड़ मार दिया था, जिसका बदला लेने के लिए दोनों ने 23 नवंबर की रात सामाजिक कार्यक्रम से लौट रहे चनर राम को मौत के घाट उतार दिया...

Pithoragarh crime news : 23 नवंबर को हुई एक दलित की हत्या के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करते हुए मामले का खुलासा कर दिया था। मामूली कहासुनी में एक थप्पड़ का बदला लेने के लिए आरोपियों ने चनरराम को मौत के घाट उतार दिया था। मामले में भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद बौद्ध ने कहा कि हम जिस बात पहले से कह रहे थे, बाद में पुलिस ने वही किया, जिस वजह से हत्यारे पुलिस की पकड़ में आ सके।

बता दें कि पिथौरागढ़ के राजस्व क्षेत्र इग्यारह देवी में एक सूचना पर राजस्व पुलिस ने बेड़ा निवासी चनर राम (40) पुत्र स्व.देव राम का शव 24 नवंबर को ग्राम बेड़ा में पानी की टंकी के पास झाड़ियों के पास से बरामद किया था। पंचनामे और पोस्टमार्टम की कार्यवाही के बाद मामले में भीम आर्मी से जुड़े लोगों ने चनरराम के शव के साथ हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया था। इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर दो समुदायों को भड़काने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने सहित शव का अपमान किए जाने का मुकदमा भी दायर किया था।

मृतक के भाई ने कुछ संदिग्ध लोगों के खिलाफ राजस्व पुलिस को तहरीर भी दी थी। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हत्यारोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया था, जिसको देखते हुए मामले की जांच राजस्व पुलिस से हटाकर रेगुलर पुलिस को दी गई थी।

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रेगुलर पुलिस को जांच के दौरान तथ्य मिले कि चनरराम 23 नवंबर को बेड़ा क्षेत्र में बच्चा होने की खुशी में खेल कार्यक्रम थे। इसी कार्यक्रम से लौटने के दौरान कृष्णा सिंह और खीम सिंह ने चनर राम के साथ कार्यक्रम से लौटने के दौरान मारपीट की थी, जिससे वह पानी की टंकी के पास गिर गया। आरोपियों ने पत्थर से उसके सिर पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

पुलिस ने हत्या के इस मामले की वजह तलाशने की कोशिश की तो पता चला इससे पहले 16 नवंबर को बेड़ा गांव में मुख्य आरोपी कृष्ण सिंह और खीम सिंह के साथ चनर राम का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। चनर राम ने दोनों को थप्पड़ मार दिया था, जिसका बदला लेने के लिए दोनों ने 23 नवंबर की रात सामाजिक कार्यक्रम से लौट रहे चनर राम को मौत के घाट उतार दिया।

इग्यारह देवी के बेड़ा गांव में हुई इस हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी को नेपाल सीमा कैनाल पुल से गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे आरोपी को घर से ही गिरफ्तार किया है। हत्या के मामले में तीसरा आरोपी फरार है। बताया जा रहा है कि वह नेपाल भाग गया है।

पुलिस टीम ने सर्विलांस की मदद से मुख्य आरोपी कृष्ण सिंह को नेपाल बॉर्डर पर कैनाल पुल कॉलोनी को जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार किया, जबकि दूसरे आरोपी प्रकाश भट्ट उर्फ प्रेम पुजारी को खितोली पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया। प्रकाश भट्ट हत्या में तो शामिल नहीं था, लेकिन उसे पूरे मामले की जानकारी थी। उसने दोनों मुख्य आरोपियों की भागने में मदद की थी।

पुलिस के अनुसार प्रकाश को पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी। उसने दोनों आरोपियों के नेपाल भागने में मदद भी की थी। कृष्ण सिंह तो नेपाल भागने से पहले पकड़ा गया, लेकिन खीम सिंह नेपाल भागने में सफल रहा। प्रकाश भट्ट की दोनों आरोपियों से घटना को अंजाम देने के बाद फोन पर बातचीत करने आदि की पुष्टि हुई है, जिस कारण पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। अब पुलिस तीसरे आरोपी खीम सिंह की तलाश कर रही है।

पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक मोहन चंद्र पांडे, एसआई मंगल सिंह, शंकर सिंह, सुरेश कंबोज, दिनेश चंद्र सिंह, प्रकाश पांडे, योगेश कुमार, हेम तिवारी, बेड़ीनाग थानाध्यक्ष मनोज पांडे, चौकोड़ी चौकी प्रभारी बसंत पंत, सर्विलांस सेल प्रभारी प्रियंका इजराल आदि शामिल थे। इस मामले में भीम आर्मी के गोविंद बौद्ध ने बताया कि पुलिस ने पहले इस मामले को हल्के में लेने का प्रयास किया। लेकिन भीम आर्मी के दवाब के कारण ही वह हत्यारों को गिरफ्तार करने पर मजबूर हुई। आंदोलन के दौरान उन पर जो मुकदमें लगे हैं। उनके संबंध में आगामी 19 दिसंबर को एक बड़ी बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दलित उत्पीड़न के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।

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