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हाशिये का समाज

अलीगढ़ के प्राइवेट कीर्ति हॉस्पिटल में नवजात की लाश को कुतर गये चूहे, बिल वसूलने के बाद प्रबंधन ने धमकाया परिवार को

Janjwar Desk
26 Nov 2020 2:01 PM GMT
अलीगढ़ के प्राइवेट कीर्ति हॉस्पिटल में नवजात की लाश को कुतर गये चूहे, बिल वसूलने के बाद प्रबंधन ने धमकाया परिवार को
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नवजात की लाश हो चुकी थी बुरी तरह क्षत-विक्षत और उसे जन्म देने वाली मां

नवजात मृत बच्ची के पिता ने कहा जब उन्होंने बच्ची की लाश की दुर्दशा के बारे में अस्पताल प्रबंधन से पूछा तो डॉक्टर उनसे अभद्रता पर उतारू हो गये, कहा गया कि आपकी बच्ची जैसी थी वैसी ही है। फौरन अस्पताल का बिल भरकर बच्ची की लाश और उसकी मां को यहां से ले जाओ..

जनज्वार। अस्पतालों खासकर प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही और असंवेदनशीलता की तमाम खबरें मीडिया में छायी रहती हैं, जिन्हें देख लगता है कि अस्पताल के डॉक्टर भगवान नहीं यमराज हैं और अस्पताल सिर्फ लोगों की जान लेने के लिए बने हैं, न कि जान बचाने के लिए। कोरोना की भयावहता के बीच तो अस्पतालों का और भी निरंकुश चेहरा सामने आया है। अस्पताल ​प्रबंधन लाखों का बिल वसूलने के बाद ही मरीजों की लाश परिजनों को सौंप रहे हैं।

अब एक हैरतनाक मामला यूपी के अलीगढ़ में सामने आया है, जहां एक प्राइवेट अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को चूहे से कुतरा हुआ क्षत-विक्षत शव परिजनों को सौंपा।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण नवजात बच्ची की लाश को चूहे खा गये। शुरुआती जानकारी के अनुसार डिलीवरी के बाद नवजात की मौत होने के कारण शव को अस्पताल के डीप फ्रीजर में रखा गया था, मगर अगली सुबह जब बच्ची की लाश को परिजनों को देने के लिए निकाला गया तो वह बुरी तरह से क्षत—विक्षत था। उसे चूहों ने जगह-जगह से कुतर-कुतरकर नोचा हुआ था। कुल मिलाकर नवजात की लाश देखने लायक नहीं बची थी। शिकायत के बाद इस मामले में डीएम ने अस्पताल के खिलाफ जांच बैठायी है।

हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक राजेश कुमार पुत्र सुखपाल जोकि ग्राम पिलखुनी का रहने वाला है, उसने अतरौली थाने में शिकायत दी है कि उसकी पत्नी सपना देवी को 22 नवंबर को कीर्ति अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। देर रात 11 बजे सपना ने एक बेटी को जन्म दिया था। हमें अस्पतला ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों एकदम ठीक हैं, मगर रात करीब 12 बजे डॉक्टर ने बताया कि हम बच्ची को नहीं बचा पाये।

पहले डॉक्टरों ने बच्ची के शव को परिजनों को सौंपा, मगर फिर उसे वापस अस्पताल के डीप फ्रीजर में रख दिया। 23 नवंबर की सुबह को बच्ची की लाश परिजनों को सौंपी गयी तो वह शव क्षत विक्षत अवस्था में था।


पीड़ित पक्ष का कहना है कि जब उन्होंने बच्ची की लाश की दुर्दशा के बारे में पूछा तो उल्टा कारण बताने के डॉक्टर उनसे अभद्रता पर उतारू हो गये। कहा गया कि आपकी बच्ची जैसी थी वैसी ही है। फौरन अस्पताल का बिल भरकर बच्ची की लाश और उसकी मां को यहां से ले जाओ। राजेश कुमार के मुताबिक अस्पताल का पूरा बिल भरने के बाद ही बच्ची का शव उन्हें सौंपा गया।

इस मामले में सीएमओ डॉक्टर बीपी सिंह का कहना है कि बच्ची की लाश को चूहों ने कुतरा है या नहीं, यह जांच का विषय है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला स्पष्ट हो जायेगा। डीएम ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और 24 घंटेके अंदर मामले की जांच रिपोर्ट सौं दी जाएगी।

वहीं इस मामले में जांच बैठाने वाले जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि अतरौली क्षेत्र स्थित प्राइवेट कीर्ति हॉस्पिटल की लापरवाही का मामला सामने आया है। मामले की एसडीएम अतरौली व सीएमओ को 24 घंटे के अंदर जांच कर सौंपने के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।

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