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Sawai Madhopur News: स्कूल में 11वीं कक्षा के दलित छात्र के साथ मारपीट, खुद के ही साथियों ने किया जातिसूचक शब्दों का प्रयोग, जान से मारने की दी धमकी
स्कूल में 11वीं कक्षा के दलित छात्र के साथ मारपीट, खुद के ही साथियों ने किया जातिसूचक शब्दों का प्रयोग, जान से मारने की दी धमकी
Sawai Madhopur News: दलितों के साथ मारपीट भेदभाव और अत्याचार के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला सवाईमाधोपुर जिले के बहरावण्डा खुर्द में सीनियर सेकेंडरी स्कूल से सामने आया है, जहां स्कूल में 11वीं कक्षा के दलित छात्र के साथ मारपीट की गई। छात्र के साथ मारपीट तथा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। ऐसा करने वाले उसके खुद के ही साथ ही थे। दलित छात्र को स्कूल में खूब पीटा गया और इसके साथ स्कूल के बाहर जाने के बाद भी उसकी पिटाई की गई। स्टूडेंट ने एसटीएसी एक्ट में मामला दर्ज करवाया है।
दलित छात्र के साथ की गई मारपीट
खंडार पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र ने बताया कि शनिवार को करीब 11 बजे साथ में पढ़ने वाला एक स्टूडेंट आया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने लगा और उसके साथ गाली गलौज करने लगा। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई। उसके हाथ की उंगली और शरीर में चोट आई है। स्कूल के दूसरे बच्चे बीच-बचाव करने आए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। बच्चे का आरोप है कि उसे जान से मारने की धमकी देकर स्कूल नहीं आने के लिए बोला गया था।
थाने में मुकदमा दर्ज करवाने पहुंचे परिजन
छात्र ने बताया कि अगले दिन रविवार को गांधी जयंती मनाने के लिए सीनियर स्टूडेंट के साथ स्कूल पहुंचा था। जिन बच्चों ने उसकी पहले पिटाई की थी उन्होंने दोबारा उसे जान से मारने की धमकी देकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। वहां मौजूद अन्य लोगों ने मामले को शांत करवाया, जिसके बाद देर शाम को दोनों बच्चों ने अपने परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी दोनों के घरवालों की सहमति से सोमवार को थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया।
एसटीएससी एक्ट में मामला दर्ज
मामले में खंडार सीबीईओ राजेन्द्र मीणा का कहना है कि स्कूल में बच्चों के आपस में लड़ने का मामला सामने आया है। स्कूल प्रशासन की कमी के कारण स्कूल का मामला बाहर गया। सभी बच्चों को आपस में पास बैठाकर उनकी काउंसलिंग करवानी चाहिए। मामले की जांच करवाएंगे। वहीं खंडार थानाधिकारी सुरेश चंद का कहना है कि बहरावण्डा खुर्द के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जाति सूचक शब्दों को प्रयोग करने पर बच्चों के साथ बड़ों का शामिल होना गलत है। एसटीएससी एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया है।