किसान आंदोलन में हर 16 घंटे में एक किसान की हो रही मौत, मोदी सरकार जवाब दे : राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर वोट घोटाले का आरोप लगाया।
जनज्वार। आजाद भारत में अबतक के सबसे लंबे किसान आंदोलन का आज 40वां दिन है। किसानों और सरकार के बीच आज सातवें दौर की महत्वपूर्ण बैठक है और इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार से किसानों की हो रही मौत पर जवाब मांगा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान अबतक 60 किसानों की मौत हो चुकी है।
राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के दौरान हर 16 घंटे में एक किसान की मौत हो रही है और यह सरकार की जिम्मेवारी है कि वह इस पर जवाब दे। राकेश टिकैट गाजीपुर बाॅर्डर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
So far, 60 farmers have lost their lives during the protest. One farmer is dying every 16 hours. It is the responsibility of the government to answer: Rakesh Tikait, Spox, Bharatiya Kisan Union at Gazipur border
— ANI (@ANI) January 4, 2021
The seventh round of talks between govt & farmers to be held today. pic.twitter.com/RrlEyHrFN3
राकेश टिकैत ने उम्मीद जतायी कि सरकार हमारी बातें मान लें और अगर वह मांगें नहीं मानती है तो यह आंदोलन चलेगा। किसान मोदी सरकार के द्वारा मानसून सत्र में पारित कराए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक मान्यता देने की मांग कर रहे हैं।
वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और एमएसपी गारंटी कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं। छह जनवरी को ट्रैक्टरों से मार्च किया जाएगा, सात जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी। मालूम हो किसानों ने 13 जनवरी को कृषि कानून की काॅपियां जलाकर लोहड़ी मनाने का ऐलान किया है, जबकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन वे ट्रैक्टर व ट्राली के जरिए किसान गणतंत्र परेड करते हुए दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और MSP गारंटी का कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं। 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा, 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी: सुखविंदर सिंह सभरा, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी #FarmersProtest pic.twitter.com/M5XAl0m94w
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021
उधर, किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंघु बाॅर्डर पर सुरक्षा बल की तैनाती बढा दी गयी है। वहीं, गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में बौद्ध भिक्षु भी आए हैं। बौद्ध भिक्षुओं ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। एक बौद्ध भिक्षु ने कहा, हम लखनऊ से आए हैं। किसान सड़क पर हैं इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं। जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। आज किसानों और केंद्र सरकार की बैठक होगी। #FarmersProtest pic.twitter.com/fCxneQROZ4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021
गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी है। प्रदर्शन में बौध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021
एक बौध भिक्षु ने बताया, "हम लखनऊ से आए हैं।किसान सड़क पर है इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं।जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे।" pic.twitter.com/qyTTSLl45P
कृषि कानून के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है। फरीदकोट के जिला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कि आज की बैठक में तीन कानूनों को रद्द करने की बात होगी। उम्मीद है कि बैठक में कुछ हल निकलेगा, अगर नहीं निकला तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है। फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, "आज की बैठक में तीन कानूनों को रद्द करने की बात चलेगी। उम्मीद है कि बैठक में कुछ हल निकलेगा, अगर नहीं निकला तो हमारा संघर्ष चलता रहेगा।" pic.twitter.com/4l3df1rMDv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021