अधिवक्ताओं के लिए 250 करोड़ के राहत पैकेज सहित 4 सूत्री मांगों को लेकर वकील आज काला-सफेद बिल्ला लगाकर करेंगे प्रदर्शन
पटना। कोरोना काल में लंबे लॉकडाउन के दौरान समाज के अन्य तबकों के साथ न्यायालयीय कार्यों से जुड़े अधिवक्ता, ताईद, मुंशियों आदि की भी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम होने पर लॉकडाउन की पाबंदियों में अब धीरे-धीरे छूट दी जा रही है तथा हाट-बाजार और स्कूल-कालेज खोले जाने लगे हैं।
बिहार में भी धार्मिक स्थलों को छोड़ लगभग हर स्थान से पाबंदियां कम की गई हैं लेकिन न्यायालयों में अभी भी फिजिकल सुनवाई पूरी तरह से शुरू नहीं हो सकी है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ लायर्स ने अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर आज से आंदोलनात्मक रुख अख्तियार कर लिया है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ लायर्स के बिहार अध्यक्ष व पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रकोप के कारण लंबे लॉकडाउन से कोर्ट कार्यों से जुड़े लोगों की स्थिति बिगड़ गई है। वकील, मुंशी, ताईद सहित कोर्ट कैंपस के आसपास रोजी-रोटी कमाने वालों की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि बिहार के न्यायालयों में अभी भी फिजिकल सुनवाई पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है। अब चार सूत्री मांगों को लेकर बिहार के अधिवक्ता आज काला व सफेद बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे।
योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि उनकी चार सूत्री मांगों में पटना उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ जिला न्यायालयों में अविलंब भौतिक सुनवाई शुरू करने, कोरोना काल में अधिवक्ताओं के सहयोग के लिए सरकार द्वारा 250 करोड़ रुपये जारी किए जाने, सरकार द्वारा कोऑपरेटिव के माध्यम से अधिवक्तोंव अन्य लोगों को दैनंदिन की सामग्रियां उपलब्ध कराए जाने तथा काउंसिल पदाधिकारियों के रिक्त पदों पर अविलंब भर्ती किए जाने की मांगें शामिल हैं।
इंडियन एसोशिएशन ऑफ लायर्स के महासचिव रामजीवन प्रसाद सिंह ने कहा कि गत 8 अगस्त को एसोशिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा की अध्यक्षता में अधिवक्तागणों की वर्चुअल बैठक हुई थी।
बैठक में कोरोना काल में अधिवक्ताओं, मुंशी-ताईद सहित कोर्ट कार्य से जुड़े अन्य लोगों की समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गुरुवार, 12 अगस्त को अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर पटना उच्च न्यायालय तथा अधीनस्थ न्यायालयों के अधिवक्ता काला एवं सफेद बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि इसकी सूचना मुख्य न्यायाधीश महोदय को भी दे दी गई है।
बता दें कि कोरोना काल में कोर्ट कार्यों से जुड़े लोगों की समस्याओं को जनज्वार ने प्रमुखता से उठाया है। जनज्वार ने बिहार के सभी हिस्सों को कवर करते हुए न्यायालयीय कार्यों से जुड़े वकील, मुंशी-ताईद, मुवक्किल तथा कोर्ट परिसरों के आसपास छोटे-मोटे रोजगार कर रोजी-रोटी कमाने वालों की समस्याओं को लगातार प्रकाशित-प्रसारित किया है।
इसे लेकर जनज्वार की ओर से 'कोरोना में कोर्ट' नामक एक घण्टे की डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है, जिसका प्रसारण 10 अगस्त को बिहार बार काउंसिल, बिहार एडवोकेट्स एसोसिएशन तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ लायर्स के सहयोग से पटना के ब्रजकिशोर मेमोरियल हॉल में किया गया था। डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित हुए और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को कोर्ट कार्यों से जुड़े लोगों की समस्याओं की जीवंत तस्वीर बताते हुए काफी सराहना की।