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आंदोलन

गणतंत्र दिवस पर खिरियाबाग में निकली किसान-मजदूर परेड, जमीन-मकान जाने के सदमे में हो चुकी है 22 किसानों-मजदूरों की मौत

Janjwar Desk
27 Jan 2023 8:57 AM IST
गणतंत्र दिवस पर खिरियाबाग में निकली किसान-मजदूर परेड, जमीन-मकान जाने के सदमे में हो चुकी है 22 किसानों-मजदूरों की मौत
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आजमगढ़ के संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठन खिरिया बाग से निकाले जाने वाले किसान मजदूर परेड का हिस्सा रहे. परेड कलेक्ट्रेट पहुंचकर संयुक्त किसान मोर्चा और जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में एस एच ओ (कंधरापुर) के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा...

खिरिया बाग, आज़मगढ़ 26 जनवरी 2023. प्रशासन के लाख दबाव के बावजूद खिरिया बाग से किसान-मजदूर परेड निकली. दो दिनों की तमाम झंझावतों के बाद किसानों-मजदूरों ने ऐलानिया तौर पर किसान-मजदूर परेड निकालकर ऐलान कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की परियोजना रदद् करो. प्रशासन के लाख विरोध के बाद आज़मगढ़ एयरपोर्ट के चारो तरफ से परेड कर ऐलान कर दिया कि किसान-मजदूर जो चाहेगा वो इस मुल्क में होगा.

पूर्वांचल में आजमगढ़ के किसानों-मजदूरों ने किसान-मजदूर परेड करके देशभर में संघर्ष का एक नया इतिहास रचा है. किसानों-मजदूरों के इस आंदोलन में 22 किसानों-मजदूरों की जमीन-मकान जाने के सदमे से देहांत हो चुका है.

संयुक्त किसान मोर्चा व जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सुबह 9 बजे खिरिया बाग धरना स्थल पर राष्ट्रध्वज तिरंगा का ध्वजारोहण किया गया. उसके बाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों और किसान आंदोलन के शहीदों को श्रध्दा सुमन अर्पित किया गया. तत्पश्चात किसान-मजदूर भारी संख्या में खिरियाबाग से आजमगढ़ एयरपोर्ट तक परेड की. परेड में अमर शहीदों का बलिदान, याद रखेगा हिंदुस्तान, शहीद किसान-मजदूर अमर रहें, अमर शहीदों का पैगाम जारी रखना है संग्राम, पहले लड़ें थे गोरों से अब लड़ेंगें चोरों से, जमीन हमारी आपकी,नहीं किसी के बाप की, शहीद भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव को याद करेंगें-जुल्म नहीं बर्दाश्त करेंगे, किसान आंदोलनों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करो, खिरिया बाग की संघर्ष जिंदाबाद आदि नारें लगे।

ज्ञात हो कि पहली बार नई दिल्ली में 13 महीने तक चलने वाले ऐतिहासिक किसान आंदोलन के संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 जनवरी 2021 गणतंत्र दिवस पर किसान परेड निकली थी। किसानों के लिए उसका एक ऐतिहासिक महत्व बन चुका है. किसान-मजदूर देश का सबसे बड़ा उत्पादक वर्ग हैं. इस बार भी पूरे देश भर में संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान किया था कि गांव गांव तहसील ,ब्लाक और जिला स्तर पर किसान मजदूर परेड निकली जाए. आजमगढ़ के संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठन खिरिया बाग से निकाले जाने वाले किसान मजदूर परेड का हिस्सा रहे. परेड कलेक्ट्रेट पहुंचकर संयुक्त किसान मोर्चा और जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में एस एच ओ (कंधरापुर) के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन सौंपा.

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना या किसी अन्य परियोजना के लिए जमीन-मकान नहीं देंगे, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का मास्टर प्लान रदद् किया जाए, अवैध सर्वे रिपोर्ट रदद् की जाए, किसान नेताओं का उत्पीड़न न किया जाए और आंदोलनकारियों पर से फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं, 12-13 अक्टूबर के दिन और रात में सर्वे के नाम पर एसडीएम सगड़ी और अन्य राजस्व अधिकारी व भारी पुलिसबल के द्वारा महिलाओं-बुजुर्गों के साथ हुए उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए, किसानों की सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के सरकार द्वारा जारी वादाखिलाफी, लखीमपुर खीरी में किसान-पत्रकार नरसंहार के साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी की केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पद से बर्खास्तगी, शहीद किसानों के परिजनों को उचित मुआवजा, किसानों के उपर थोपे गए मुकदमों की वापसी की प्रमुख मांगे शामिल रहीं।

किसानों-मजदूरों की प्रशासन से अब तक सभी वार्ता बेनतीजा रही है. आंदोलनकारियों का कहना है कि सम्मानजनक वार्ता का हम सदैव सम्मान करेंगे, बशर्तें शासन द्वारा लिखित प्रस्ताव दिया जाए. आज़मगढ़ के लोगों ने कभी भी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग नहीं की थी तो क्यों एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर पूंजीपतियों के लिए जमीन-मकान छीनने का षडयंत्र किया जा रहा है.

परेड में रामनयन यादव, डा.रविंदर नाथ राय, राजकुमार भारत, दुखहरन राम, राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, राजस्थान के नेता सुखवंत हँसलिया भारतीय, मध्यप्रदेश से ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी, सीलम भारती, विनोद सिंह, वेद प्रकाश उपाध्याय, सूरज पाल, रामराज, जय प्रकाश, गुरु प्रसाद यादव, सुनील पंडित, राजेश आज़ाद, विनोद यादव, अवधेश यादव, हीरालाल यादव, रविंद्र यादव, मुरारी, प्रवेश निषाद, रामशब्द निषाद, अजय यादव, नंदलाल यादव, किस्मती, सुनीता, नीलम, फूलमती, अशोक, राहुल, अवधराज यादव, पुष्पा गुप्ता, महेंद्र यादव, प्रहलाद, सिंटू आदि प्रमुख रूप से रहे.

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