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आंदोलन

खिरियाबाग के किसानों-मजदूरों ने की शिवपाल यादव से मुलाकात, 293 दिन से दे रहे हैं अपनी जमीन बचाने के लिए धरना

Janjwar Desk
1 Aug 2023 9:16 AM GMT
खिरियाबाग के किसानों-मजदूरों ने की शिवपाल यादव से मुलाकात, 293 दिन से दे रहे हैं अपनी जमीन बचाने के लिए धरना
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शिवपाल यादव ने आगामी मानसून सत्र में एयरपोर्ट के नाम पर किसानों को जमीन मकान से बेदखल करने के सवाल समेत पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक पार्क के नाम पर किसानों को जबरिया उजाड़ने के सवाल को सदन में उठाने का आश्वासन दिया...

खिरिया बाग, आजमगढ़। खिरिया बाग के किसान मजदूरों ने आज 1 अगस्त की सुबह सुबह ही रेलवे स्टेशन के पास रुके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव से मुलाकात की। किसानों की बात सुनने और उनका पत्रक लेने के बाद शिवपाल यादव ने आगामी मानसून सत्र में एयरपोर्ट के नाम पर किसानों को जमीन मकान से बेदखल करने के सवाल समेत पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक पार्क के नाम पर किसानों को जबरिया उजाड़ने के सवाल को सदन में उठाने का आश्वासन दिया।

खिरिया बाग के किसानों के प्रतिनिधि मंडल में पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव, अधिवक्ता संदीप उपाध्याय, अवधेश यादव, शशिकांत उपाध्याय, सुजय उपाध्याय, नंदलाल यादव, बलराम यादव, विजय यादव, जटाशंकर उपाध्याय, प्रेम चंद भारती, प्रमोद, रविन्द्र यादव, संदीप यादव, महेंद्र राय मौजूद थे।

किसानों ने कहा कि हम अन्नदाता हैं और यह देश खेतों, खलिहानों, जवानों, किसानों का देश है। हमारा आपसे अनुरोध है कि आप आगामी मानसून सत्र में इस सवाल को मजबूती से सदन में उठाएं कि हमारी जमीनों को विकास परियोजनाओं के नाम पर न छीना जाए। हमारी ग्रामसभा इस तरह की किसी भी परियोजना के लिए जमीन नहीं देगी।

किसानों ने कहा कि 293 दिन से आजमगढ़ के खिरिया बाग, जमुवा हरिराम मंदुरी में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर हवाई पट्टी विस्तारीकरण हेतु जमीन छीने जाने के विरोध में गदनपुर हिच्छनपट्टी, बलदेव मंदुरी, जिगिना करमनपुर, जमुआ हरिराम, कादीपुर हरिकेश, हसनपुर और अन्य गांव के लोग धरने पर बैठे हैं। वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे आजमगढ़ के सुमाडीह, खुरचंदा, बखरिया, सुलेमापुर, अंडीका, छजोपट्टी और सुलतानपुर के कलवारीबाग, भेलारा, बरामदपुर, सजमापुर के किसान औद्योगिक पार्क के नाम पर जमीन छीने जाने के विरोध में आंदोलनरत हैं। खेती हमारी जीविका का प्रमुख साधन है। एयरपोर्ट और औद्योगिक पार्क के नाम पर हमारे पुरखों के मकान और जमीन छीनकर हमारे गांव का अस्तित्व मिटाने की कोशिश हो रही.

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