किसान आंदोलन: 20 के पार हुआ किसानों की मौत का आंकड़ा, विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को लताड़ा
नई दिल्ली। किसान आंदोलन को तीन सप्ताह का समय बीत चुका है। हजारों की संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि अधिनियमों को निरस्त किया जाए। कई दौरों की वार्ता के बाद भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।
लेकिन किसानों को अपने लक्ष्य पर अड़ने रहना उनके समुदाय पर ही भारी पड़ रहा है। अब तक 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। कुछ की दुर्घटनाओं में मौत हो गई, किसी ने आत्महत्या कर ली या सर्द मौसम के साथ संघर्ष करते हुए गुजर गए। हालाकि इस आंदोलन के दौरान हताहत हुए लोगों के नामों की एक सटीक उपलब्ध नहीं है। 15 दिसंबर को सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और आंदोलन शुरू होने से मरने वाले 20 किसानों को श्रद्धांजलि दी।
पिछले डेढ़ दिनों में दो दुखद घटनाएं हुई हैं जिसमें एक सिख किसान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है जबकि एक अन्य किसान की कथित तौर पर सर्द मौसम के कारण मौत हो गई। दिल्ली-सोनीपत बॉर्डर पर कुंडली में प्रदर्शन में शामिल किसान बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली थी। उनका सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह सरकार के अन्याय के खिलाफ आक्रोश और पीड़ा व्यक्त करने के लिए अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं।
बुधवार को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा, दिल्ली में पिछले बीस दिनों से लाखों बैठे हैं। यह किस तरह की विचारशन्यू और हठी मोदी सरकार है? सत्ता का यह कैसा घमंड है जो प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और इस सरकार के मंत्रियों के सिर चढ़ गया है?
कुछ दिन पहले नौ दिसंबर को उन्होंने मृतक किसानों के नामों की एक सूची शेयर की थी। तब से अबतक यह संख्या बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर बढ़ती मौतों को लेकर निशाना साधा है।
10 Protesting Farmers have lost their Lives Until Now !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 9, 2020
1.Baljinder Singh
2. Dhanna Singh
3.Janak Raj
4. Gajjan Singh
5. Gurjant
6. Ajay
7.Gurmail Kaur
8.Kitab singh
9.lakhbir Singh
10.Gurubhash Singh
Does it not stir PM Modi's heart?#FarmersProtestDelhi2020
करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2020
कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है।
ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो! pic.twitter.com/rolS2DWNr1
15 दिसंबर को हरियाणा के करनाल जिले में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के ट्रक से टकराने के बाद कम से कम दो किसानों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। समूह दिल्ली सीमा से पटियाला लौट रहा था।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख में उनकी पहचान गुरप्रीत सिंह और लभ सिंह के रूप में की गईहैजो पटियाला के सेफेरल गांव से ताल्लुक रखने वाले थे। इसी तरह की एक अन्य घटना में किसानों को लेकर जा रही एक ट्रॉली दिल्ली से लौट रही थी जो भागमजरा गांव के पास एक मिनी ट्रक की चपेट में आ गई।
उसी दिन, मोहाली के 67 वर्षीय गुरमीत सिंह की सिंघू सीमा पर विरोध करते हुए बीमार पड़ने के बाद मृत्यु हो गई। कथित तौर पर वह सर्दी के मौसम से प्रभावित थे। पंजाब के मोगा के एक अन्य किसान की राष्ट्रीय राजधानी में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी।
विरोध प्रदर्शनों के शुरुआती दिनों में भी कई मौतें हुईं। नवंबर के अंत में 57 वर्षीय जनक राज किसानों के छह ट्रैक्टरों की मरम्मत के लिए दिल्ली-हरियाणा सीमा पर गए थे। जिस कार में वह सो रहे थे उसमें आग पकड़ने से उनकी मौत हो गई थी।