कौड़ियों के भाव बिक रहे लहसुन-प्याज से आक्रोशित किसानों ने इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन, सरकार को दिया 8 दिन का अल्टीमेटम
कौड़ियों के भाव बिक रहे लहसुन-प्याज से आक्रोशित किसानों ने इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन, सरकार को दिया 8 दिन का अल्टीमेटम
Garlic Farmer Protest : प्याज और लहसुन के गिरते दामों से किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों का कहना है कि वर्ष 2018 की बकाया भावांतर राशि का भुगतान भी नहीं हो रहा है। आज 26 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न संगठनों के किसानों ने कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव अरुण चौहान सोनू शर्मा आदि ने किया।
मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मालवा निमाड़ में प्याज और लहसुन बड़ी मात्रा में पैदा होता है। इस वर्ष मंडियों में प्याज और लहसुन कौड़ियों के मोल बिक रहा है। भाव इतने नीचे गिर गए हैं कि किसानों को मंडी तक माल लाने का भाड़ा भी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसानों का लहसुन और प्याज गांव में ही सड़ रहा है। प्याज दो-तीन रुपए और लहसुन 50 पैसे से एक रुपए किलो तक बिक रहा है। पूरे मालवा निमाड़ अंचल के किसानों में अपनी फसल की हो रही बर्बादी से आक्रोश की लहर है।
इस स्थिति के बाद कई जिलों में किसान आंदोलन की राह पर चल पडे हैं। इसी के साथ वर्ष 2018 और 2019 में सरकार द्वारा घोषित प्याज और सोयाबीन की भावांतर की राशि का भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ है इससे भी किसानों में आक्रोश है। ज्ञापन में किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि यदि 8 दिन में समस्या हल नहीं हुई तो मालवा निमाड़ के किसान बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन की होगी।
ज्ञापन में किसानों की तरफ से मांग की की गई है कि लहसुन और प्याज के गिरती कीमतों पर रोक लगाकर किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। यदि मंडियों में कम कीमत पर लहसुन और प्याज बिकता है तो मध्य प्रदेश सरकार भावांतर की राशि का भुगतान करें।
2018 और 19 में सरकार ने प्याज और सोयाबीन पर भावांतर राशि के भुगतान करने की घोषणा की गयी थी। इंदौर जिले में 7000 किसानों का प्याज का भावअंतर राशि बकाया है और करीब 20000 किसानों की सोयाबीन की राशि बकाया है। इसी के साथ गेहूं के बोनस राशि का भी हजारों किसानों का बकाया है, जिसका तत्काल भुगतान करने के आदेश सरकार की तरफ से दिये जायें।
इंदौर के 186 किसानों का करीब पौने तीन करोड़ रुपया लेकर 2019 से एक ही परिवार की पांच व्यापारिक फर्मे फरार चल रही हैं, उनकी संपत्ति भी मंडी समिति ने मंडी समिति ने जब्त की है, अतः किसानों का भुगतान मंडी निधि से कराए जाने के आदेश प्रसारित करें और किसानों का भुगतान जल्द से जल्द कराएं।
ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि 8 दिनों में इन समस्याओं का निपटान नहीं होता है तो फिर मालवा निमाड़ के किसान बड़े आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार और प्रशासन की होगी।