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आंदोलन

किसान विरोधी कानूनों के विरोध में हरदोई में किसान महापंचायत का आयोजन

Janjwar Desk
7 March 2021 11:14 PM IST
किसान विरोधी कानूनों के विरोध में हरदोई में किसान महापंचायत का आयोजन
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हमारे पूर्वजों ने देश को बेहतर बनाने के लिए कुर्बानी दी हैं, परंतु हमारी सरकार के नुमाइंदे सबकुछ बेच दे रहे हैं, सबकुछ चालू होने के बाद भी हमारी आधी आबादी की जीवन रेखा रेल को सुचारू रूप से नहीं चला पा रही है...

हरदोई, जनज्वार। विकासखंड कछौना की ग्राम सभा पुरवा में किसानों की ज्वलंत समस्याओं व तीन कृषि कानून को समाप्त करने के लिए किसान महापंचायत का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोशलिस्ट पार्टी रमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित संदीप पाण्डेय ने किसानों को संबोधित करते हुए पानी की बोतल दिखा कर बताया कि सरकार हमें अच्छा शुद्ध जल तक मुहैया नहीं करा पा रही है। जिसपर नागरिक का मौलिक अधिकार है। हमारा पानी तक बेच दिया है। यह बोतल पेप्सी कंपनी की है। यह कंपनी अमेरिका की है। जल हमारा है। हमारा जल दोहन कर हमसे ही कई गुना लाभ लेकर हमें बेंच रही है। हम पानी की बोतल खरीद कर पीने को मजबूर हैं। हम धीरे-धीरे गुलामी की दास्तां में जा रहे हैं।

संदीप पांडेय ने आगे कहा सरकार हमारी उपज का स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर डेढ़ गुना कीमत नहीं दे रही है। क्रय केंद्रों पर बिचौलिए हावी रहते हैं। बिना कमीशन के किसानों की उपज का मूल्य नहीं मिल पाता है। जिससे वह औने पौने में बेचने को विवश हैं। सरकार की कथनी करनी में काफी अंतर है। यह सरकार किसान विरोधी है। किसानों की कमर तोड़ दी है।

मोहम्मद शोएब एडवोकेट ने तीनों कृषि कानूनों के बारे में लोगों को विस्तृत रूप से समझाया। उनकी समस्याओं का उत्तर भी दिया। सरकार केवल अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो रही है। एनएपीएम की अरुधंति धुरु ने कहा कि काले कृषि कानूनों की वापसी तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। यह कानून किसान विरोधी है।

सीतापुर से संगतिन किसान मजदूर संगठन की रिचा सिंह ने कहा किसानों की ज्वलंत समस्या छुट्टा सांड किसानों को पटक-पटक कर मार रहे हैं। किसानों ने अपनी फसल को बचाने के लिए खेतों में कटीले तार लगा रखे हैं, जिनकी चपेट में आने से गौवंश चोटहिल हो रहे हैं। वह तड़प-तड़प के मरने को विवश हैं, जिनको उठाने वाला कोई नहीं है। वह सड़ रहे हैं। उनसे बुरी दुर्गंध गांव में फैल रही है। वहीं बनाये गए गौ आश्रय स्थलों में चारा-पानी के अभाव में तड़प तड़प कर मर रहे हैं। आश्रय स्थल कब्रगाह बन गए हैं। यह कभी हमारे पशुधन हुआ करते थे, वह समस्या बन गए हैं। किसान पूरी रात रतजगा करने को विवश हैं।

प्रवक्ता सोशलिस्ट पार्टी मुन्ना लाल ने कहा मौजूदा सरकार धर्म, जाति के नाम पर राजनीति कर रही है। यह तीन कृषि कानून साजिश है। यह कानून निजी कंपनियों को ध्यान में रखकर बनाये गये हैं। अडानी—अंबानी की सरकार है।

रुबीना अयाज ने नज्म पेश कर किसानों के दर्द को पुकारा। ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान हैं। सरकार के संचालन के लिए जनसेवक चुनते हैं। हमारे पूर्वजों ने देश को बेहतर बनाने के लिए कुर्बानी दी हैं, परंतु हमारी सरकार के नुमाइंदे सबकुछ बेच दे रहे हैं। सबकुछ चालू होने के बाद भी हमारी आधी आबादी की जीवन रेखा रेल को सुचारू रूप से नहीं चला पा रही है। पैसेंजर ट्रेन बंद होने के कारण आम नागरिकों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ रही है। रेल आधी आबादी की रोजी रोटी का माध्यम है।

ग्रामीण पुत्ती लाल ने कहा हम हमेशा जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाते रहेंगे। कार्यक्रम के आयोजक रविंद्र कुमार ने सभी किसानों को एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन रिहाई मंच के राजीव यादव ने किया। इस महासम्मेलन में अनिल मिश्रा अध्यक्ष सोशलिस्ट किसान सभा, मानेश्वर प्रसाद, विजय कुमार गौतम, ओम प्रकाश, सर्व जाति सहित दूरदराज के किसानों ने भाग लिया।

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