गोधरा से बिलकिस बानो के समर्थन में पदयात्रा निकाल रहे संदीप पांडेय समेत आधा दर्जन को पुलिस ने रोका, लिया हिरासत में
Bilkis Bano Case : बिलकिस बानो केस में केंद्र सरकार साइलेंट मोड में, पूर्व सीबीआई प्रमुख ने बताया मोदी सरकार केस में अपना रही डबल स्टैंडर्ड
Bilkis Bano : गुजरात के गोधरा में बिलकिस बानो मामले में पदयात्रा निकालने जा रहे कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह लोग आज सोमवार 26 सितंबर को बिलकिस बानो के साथ हुए अन्याय को लेकर शांतिपूर्ण पदयात्रा निकालने वाले थे। इसी बीच गोधरा डीवीजन-।। की भारी संख्या में आई पुलिस ने खाना खाते समय सभी एक्टिविस्टों को गिरफ्तार कर लिया। एक्टिविस्टों ने अपनी इस पदयात्रा का स्लोगन 'बिलकिस हम शर्मिंदा हैं' रखा था।
बताया जा रहा है कि पदयात्रा की जानकारी मिलते ही रात के वक्त भारी तादाद में (पुलिस की संख्या 100 के लगभग बताई गई) पुलिस बल इन सभी की मौजूदगी वाली जगह पहुँच गई। यह सभी लोग उस वक्त इलाके के काउंसलर हनीफ के घर भोजन कर रहे थे। इनपुट है कि काउंसलर हनीफ कलंदर भी आज की इस पदयात्रा में शामिल होने वाले थे। मौके पर आई पुलिस ने इन सभी को डिटेन कर लिया और गोधरा के डीवीडन-।। थाने ले गई।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने सभी गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि, 'गोधरा पुलिस द्वारा डॉ संदीप पांडेय, नूरजहां दीवान, हनीफ कलंदर, तनुश्री, नितेश गंगारमानी, कौसर अली व टी गोपाल कृष्ण द्वारा प्रस्तावित यात्रा की पूर्व संध्या पर बिलकिस बानो का समर्थन है।'
Strongly condemn the detention of
— Shabnam Hashmi (@ShabnamHashmi) September 25, 2022
Dr. Sandeep Pandey, Noorjahan Diwan, Hanif Kalandar, Tanushree , Nitesh Gangaramani, Kausar Ali & T Gopal Krishna by Godhra police on the eve of the proposed Yatra is support of Bilkis Bano.
Demand their immediate release. @CMOGuj
जनज्वार से बात करते हुए शबनम हाशमी ने बताया कि, 'जब गोधरा डीवीजन - ।। की पुलिस इन सभी को गिरफ्तार कर ले गई तो उनमें मौजूद नूरजहां दीवान और तनुश्री ने हंगामा कर दिया, उन्होने पुलिस से कहा कि 'वह लोग कैसे किसी महिला को रात के वक्त घर से उठा लाकर थाने में रख सकते हैं।' इधर हनीफ काउंसलर के समर्थन में सैंकड़ों की तादाद में लोग थाने के बाहर जमा हो गये। जिसके बाद डिवीजन - ।। की पुलिस ने नूरजहां दीवान, तनुश्री और काउंसलर हनीफ को उसके घर लाकर छोड़ दिया। शबनम हाशमी ने हमें आगे बताया कि अभी थोड़ी देर पहले सूचना मिली है कि सुबह इन तीनों को पुलिस फिर से थाने ले गई है।
इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए नितेश गंगारमणी भारतीय ने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा कि, 'डॉ. संदीप पांडे और 6 अन्य लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया और गुजरात के गोधरा बी-डिवीजन पुलिस स्टेशन ले जाया गया, इससे पहले कि वे कल से बिलकिस बानो के साथ एकजुटता में अपनी सप्ताह भर की शांतिपूर्ण पद्यता शुरू करने वाले थे। जाहिर तौर पर सैकड़ों पुलिस कर्मियों की भारी टुकड़ियों ने नगरसेवक हनीफ कलंदर के घर को घेर लिया जहां रात का खाना खा रहे थे और उन्हें थाने ले गए। देर रात महिलाओं सहित शांतिपूर्ण यात्रियों को हिरासत में लेने वाली गुजरात सरकार की कार्रवाई पूरी तरह से निंदनीय है।
क्या था पदयात्रा का रूट?
बिलकिस बानो के समर्थन में यह सभी एक्टिविस्ट बिलकिस के गांव रंधीरपुर से यात्रा शुरू कर कबीर मार्ग, अहमदाबाद इंदौर हाइवे से, कबीर मठ फिर कबीर मठ से चिनचिलाव, इसके बाद गोधरा, गोधरा से् टिंबा रोड, यहां से थसरा, थसरा से अलीना, अलीना के बाद केसरा फिर हाथीजां को बाद अहमदाबाद में आकर समाप्त होनी थी। कुल पदयात्रा 176 किमी की थी। जिसपर पुलिस ने अघोषित पाबंदी लगाते हुए सभी को डिटेन कर लिया।
किन्हें किन्हें किया गया डिटेन
हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में जो नाम शामिल हैं उनमें, मैग्सेसे अवार्ड पाए लखनऊ निवासी डॉ संदीप पाण्डेय, नितेश गंगारमणी भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार तनुश्री गंगोपाध्याय, काउंसलर हनीफ हाजी कलंदर, नूरजहां दीवान, कौसर अली और टी. गोपाल कृष्ण प्रमुख रूप से शामिल हैं।
क्या है बिलकिस बानो मामला?
बता दें कि साल 2002 में पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो से गैंगरेप किया गया था. उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी. इस मामले में 21 जनवरी 2008 को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा था. लेकिन गुजरात सरकार ने माफी नीति के आधार पर इन 11 दोषियों को समय से पहले ही रिहा कर दिया था.