संयुक्त किसान मोर्चा की चेतावनी, कहा सीएम खट्टर और दुष्यंत चौटाला को नहीं मनाने देंगे अंबेडकर जयंती
जनज्वार डेस्क। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के दौरान देशभर में तीन काले कानूनों का समर्थन करने वाली बीजेपी और इसके सहयोगी दलों के नेताओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
इसी आह्वान की रौशनी में आज 11 अप्रैल को सिंघु बॉर्डर पर सर्वजातीय अंतिल खाप के धरना स्थल पर हवा सिंह के नेतृत्व में एक सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत का आयोजन हुआ। इस पंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता भी उपस्थित थे। पंचायत में सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि 14 अप्रैल को राई हलके के गांव बडौली में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के आने का पुरजोर और शांतिपूर्वक विरोध किया जाएगा।
पंचायत ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारा विरोध बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण से नहीं है। मुख्यमंत्री को छोड़कर और कोई भी इस प्रतिमा का अनावरण करे तो किसानों को कोई ऐतराज नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस फैसले का समर्थन किया और इसमें पूरा सहयोग देने की घोषणा की। मोर्चे ने यह स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल के दिन हरियाणा में यह विरोध केवल मुख्यमंत्री खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यक्रमों तक सीमित रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस आन्दोलन को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मजबूत कर रहे आन्दोलनकारियों को लगातार परेशान किया जा रहा है। बेबुनियाद आरोपो के आधार पर पंजाब के लखा सिदाना के भाई गुरडीप सिंह उर्फ मुंडी सिदाना को दिल्ली पुलिस द्वारा जबरन उठाया गया व बेरहम ढंग से मारपीट की गई। किसी भी कानूनी प्रक्रिया की दरकिनार करते हुए गैरकानूनी, ग़ैरमानवीय व अलोकतांत्रिक तरीके से की गई इस तरह की कार्रवाई की हम कड़ी निंदा करते है व विरोध करते है।
मोर्चा ने आगे कहा कि यह सब प्रयास किसानों की आवाज को बंद करने के उद्देश्य से किये जा रहे हैं परंतु सयुंक्त किसान मोर्चा तब तक आन्दोलन वापस नहीं लेगा जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं हो जाते और एमएसपी पर कानून नहीं बन जाता। साथ ही हम यह भी स्पष्ट कर रहे हैं कि किसान व अन्य आन्दोलनकारी पुलिस की हिंसक कार्रवाई से डरे नहीं है न ही डरेंगे।
आज किसानों द्वारा KMP-KGP जाम को 24 घंटे के जाम के बाद खोल दिया गया। किसानों का यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा। किसानों ने सरकार को यह भी चेतावनी दी है कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तो इसके जैसे और भी कदम उठाएं जाएंगे।
14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती कार्यक्रम दिल्ली की सीमाओं के धरनास्थलों पर मनाया जाएगा। इस दिन देशभर से दलित बहुजन दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचेंगे।
सरकार के साथ बातचीत के सवाल पर कल कृषि मंत्री द्वारा किसानों को धरना उठाने और आगे करने के लिए कहा गया। सयुंक्त किसान मोर्चा यह समझता है कि कृषि मंत्री का यह बयान एक यह सलाह नहीं बल्कि शर्त है कि धरना उठाने के बाद बातचीत हो सकती है। किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए कभी मना नहीं किया है, सरकार बातचीत का प्रस्ताव भेजे, किसान नेता बातचीत के लिए तैयार है।