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आंदोलन

स्टेन स्वामी के निधन पर उठते आक्रोशित स्वर को दिशा देने की जरूरत, 15 जुलाई को रांची में राजभवन मार्च- दीपांकर

Janjwar Desk
10 July 2021 6:41 AM GMT
स्टेन स्वामी के निधन पर उठते आक्रोशित स्वर को दिशा देने की जरूरत, 15 जुलाई को रांची में राजभवन मार्च- दीपांकर
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(महेंद्र सिंह भवन में फादर स्टेन स्वामी की 'सत्ता प्रयोजित हत्या' के खिलाफ कार्यक्रम)

फादर स्टेन स्वामी के निधन पर लोगों का रोष कम नहीं हो रहा, शुक्रवार को रांची में आयोजित संकल्प सभा में सभी गैर भाजपा राजनीतिक दलों और सामाजिक जन संगठनों ने एक आवाज में जन अधिकारों की मुखर आवाज़ फादर स्टेन स्वामी की सत्ता प्रायोजित हत्या के खिलाफ 15 जुलाई को राजभवन मार्च की घोषणा की

विशद कुमार की रिपोर्ट

रांची जनज्वार। 9 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची के महेंद्र सिंह भवन में आयोजित संकल्प सभा में सभी गैर भाजपा राजनीतिक दलों और सामाजिक जन संगठनों ने एक आवाज में जन अधिकारों की मुखर आवाज़ फादर स्टेन स्वामी की सत्ता प्रायोजित हत्या के खिलाफ 15 जुलाई को राजभवन मार्च की घोषणा की है।

मोदी राज में हर दिन इमरजेंसी जैसे हालात- दीपांकर

संकल्प सभा में मुख्य वक्ता भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने फादर स्टेन की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश ही नहीं दुनिया भर में कहा जा रहा है 'ये सत्ता प्रायोजित हत्या है।' विचाराधीन बंदियों और विस्थापन के सवाल लगातार लड़ने वाले योद्धा को ही मोदी सरकार विचाराधीन बंदी और विस्थापित करके मारा है. ताकि सभी आंदोलन करनेवालों को एक सबक मिल सके। इसलिए फादर की मौत पर उठ रहे देश भर में आक्रोश के स्वर को संगठित राजनीतिक दिशा देने के लिए झारखंड को पहल करनी होगी। पहले के समय में देश में कुछ महीनों की इमरजेंसी लगी थी, लेकिन मोदी राज में तो हर दिन इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं।

फादर स्टेन स्वामी के बागईचा में आय़ोजित श्रद्धांजलि सभा में माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य व अन्य

कामरेड दीपांकर ने आगे कहा कि लोकतंत्र व संविधान को नष्ट करने पर अमादा और देश को कोरपोरेट निजी कंपनियों के हाथों तहस-नहस करा रही मोदी सरकार आज अपने खिलाफ उठने वाले हर विरोध व असहमति की आवाज़ों पर एनआईए-यूएपीए का इस्तेमाल कर आंदोलनकारियों को जेल में ही मार दे रही है। जिसे हटाने के लिए झारखंड से लेकर देश स्तर पर एक ऐसे व्यापक कारगर विपक्ष की ज़रूरत है, जो सड़कों पर जारी फादर स्टेन की सामूहिक संघर्ष परम्परा का वाहक बन सके। जिससे अगल होकर तटस्थ होने का सीधा मतलब है, वर्तमान की दमनकारी–जनविरोधी सत्ता का हिमायती होना। सभी गैर भाजपा विपक्ष की राज्य सरकारों पर यह अतिरिक्त दायित्व बनता है कि वह अपने प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करते हुए अपने-अपने प्रदेश के सभी विचाराधीन बंदियों के साथ सही न्याय करें।

मोदी सरकार को जागरूक नागरिक नहीं पसंद- सुप्रियो

वहीं भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि जल, जंगल, ज़मीन की लूट और पांचवी अनुसूची का भाजपा सरकारों द्वारा उल्लंघन तो किया ही गया, साथ-साथ आदिवासियों, सामाजिक वंचितों के सवालों और मानवाधिकार हनन के सवालों पर मुखर होने के कारण ही फादर को पिछली भाजपा गठबंधन सरकारों और खासकर रघुवर दास सरकार के समय से ही निशाना बनाया जा रहा था।

कार्यक्रम में विशेष वक्ता के तौर पर बोलते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी फादर की मौत को सत्ता प्रायोजित हत्या बताते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार देश के नागरिकों को अपनी प्रजा बनाकर राजशाही चलाना चाह रही है। इस केंद्र की सरकार को जनता का प्रजा की बजाय जागरूक नागरिक बनना कत्तई पसंद नहीं है। इसीलिए वह तमाम नागरिक व मानवाधिकारों के साथ-साथ राज्यों के भी संघीय अधिकारों को ख़त्म करने पर अमादा है।

15 जुलाई को राजभवन मार्च

सीपीएम के प्रकाश विप्लव ने कहा कि फादर स्टेन की मौत और यूएपीए–राज्य दमन के खिलाफ इंसाफ के लिए 15 जुलाई को गैर भाजपा विपक्षी दलों व सभी जन संगठनों द्वारा राजभवन मार्च को जोरदार ढंग से सफल बनाने में पूरी कोशिश की जानी चाहिए। उन्होंने विपक्षी गठबंधन को कारगर बनाने के लिए वामपंथी दलों को उसका केंद्र बनने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

महेंद्र सिंह भवन में आय़ोजित कार्यक्रम में फादर स्टेन स्वामी को श्रद्धांजलि देने जुटे लोग

सीपीआई के महेंद्र पाठक और राजद के राजेश यादव ने भी अपने दल की ओर से फादर स्टेन की मौत व मोदी सरकार के दमन राज्य के खिलाफ भाजपा विरोधी दलों व जन संगठनों द्वारा शुरू किये जा रहे संयुक्त संघर्ष कार्यक्रमों के प्रति एकजुटता जताई। वहीं वरिष्ठ आदिवासी बुद्धिजीवी व झारखंड एआईपीएफ़ के प्रेमचंद मुर्मू ने फादर की भांति आमजनों को वैचारिक संघर्ष से लैश बनाने की आवश्यक पर बल दिया। सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि यह बात सर्व विदित हो चुकी है कि फादर स्टेन को सिस्टम ने मारा है। उनको सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब हम दमनकारी मोदी राज के खिलाफ गांव-गांव जाकर लोगों से जुड़कर उन्हें एकजुट करेंगे।

जनआंदोलन की तैयारी

जन आंदोलनों की मुखर आवाज़ और वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्त्ता फादर स्टेन स्वामी की न्यायिक हिरासत में हुई मौत के खिलाफ 'आक्रोश को अंजाम तक ले जायेंगे' के आह्वान के साथ 'फादर स्टेन स्वामी न्याय मंच' द्वारा शहादत संकल्प सभा का आयोजन किया गया. साथ ही फादर स्टेन स्वामी की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ दो मिनट का मौन रखा गया और झारखंड जन संस्कृति मंच द्वारा प्रस्तुत शहीद गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की गयी।

संकल्प सभा को फादर स्टेन स्वामी न्याय मंच के सामाजिक कार्यकर्त्ता कुमार वरुण, सोशल एक्टिविस्ट सिराज दत्ता, आवामी इंसाफ मंच के एडवोकेट इम्तियाज़, एडवोकेट श्याम व झारखंड जन संस्कृति मंच के प्रदेश संयोजक जेवियर कुजूर समेत कई अन्य ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन एआइपीएफ़ के नदीम खान और धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ कर्मचारी नेता सुशीला तिग्गा ने किया। सभा से वक्ताओं ने फादर स्टेन की हिरासत में हुई मौत की स्वतंत्र जांच कराकर दोषियों को सज़ा देने, सरकार के विरोधियों पर यूएपीए का इस्तेमाल फ़ौरन बंद करने, तमाम राजनीतिक बंदियों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं और आंदोलनकारियों की अविलम्ब रिहाई, झारखंड प्रदेश के सभी विचाराधीन और निर्दोषों की रिहाई व प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में जारी पुलिसिया ज़ुल्म व हत्याओं पर रोक लगाने की मांग करते हुए सर्वसम्मति से तय किया गया कि 15 जुलाई को राजभवन मार्च कर उक्त मांगों पर गैर भाजपा संयुक्त और सामाजिक जन संगठनों द्वारा व्यापक जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

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