Patna news : परिवार कल्याण केंद्र से जुड़े हजारों कर्मचारियों को 5 माह से नहीं मिल रहा वेतन, किया एक दिन का कार्य बहिष्कार
आलोक कुमार की रिपोर्ट
Patna news : बिहार में परिवार कल्याण केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना संचालित है. इसमें केंद्रांश 60 प्रतिशत व राज्यांश 40 प्रतिशत राशि शीर्ष 2211 में डाला जाता है, तब जाकर कोरोना वॉरियर्स को वेतनादि मिलता है. पटना जिले के 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ हजारों वेतनभोगियों को पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इससे आक्रोशित शीर्ष 2211 से जुड़े परिवार कल्याण क्षेत्रीय कार्यकर्ता ए.एन.एम. बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार पर हैं।
सरकार बदली वैसे ही वेतन मिलना बंद
इस समय बिहार में महागठबंधन सरकार है.जबतक केंद्र और राज्य में एन.डी.ए.की सरकार थी,तबतक परिवार कल्याण क्षेत्रीय कार्यकर्ता ए.एन.एम. का वेतनादि शामिल समय अंतराल में मिल जाता था.जैसे ही सरकार बदली वैसे ही वेतन मिलना बंद हो गया है. पिछले छह माह से ए.एन.एम. का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है. इससे ए.एन.एम. परेशान हैं.एक तरह से कह सकते हैं कि उनका विकास का पहिया जाम हो गया है.
सत्ताधारी संघ होने से वेतन दिलवाने में दिलचस्पी नहीं
बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ के महासचिव अनिल कुमार सिंह ने कहा कि मजे की बात है कि सरकार की तरह ही स्वास्थ्य कर्मियों का नेतृत्व करने वाले संघ भी विभक्त हो गये है. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सरकार के वफादार होने के कारण स्वास्थ्य कर्मियों को वेतनादि दिलवाने में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ ने वेतनादि दिलवाने के लिए पहलकदमी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन किया था.उस समय स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह धरना ए.एन.एम.को वेतनादि दिलवाने के लिए नहीं है.इसके लिए फरवरी माह में व्यापक रणनीति बनायी जाएगी.
बिहार सरकार के राज्यकर्मी वेतनादि के अभाव में बेहाल
वेतन /मानदेय का भुगतान पांच महीनों से लंबित रहने के कारण बच्चों के स्कूल से नाम काट दिया गया है. राशन दुकानदार द्वारा बकाया नहीं दिए जाने के कारण नहीं दी जा रही है, इतना ही नहीं अगर वेतन व वेतन की पर्ची के अभाव में बैंकों के द्वारा ऋण भी नहीं दी जा रही है.कर्मियों के इलाज एवं दवा भी काफी योगदान है पूर्व से लिए गए बैंक ऋण की वसूली नहीं हो पाने के कारण बैंकों द्वारा तरह-तरह की यातनाएं भी दी जा रही है. ऐसी स्थिति में कलियों में भुखमरी के साथ रोग का भी प्रभाव बढ़ रहा है जिससे कर्मचारियों में काफी क्षोभ है.
आज कार्य बहिष्कार पर हैं ए.एन.एम.
बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया था कि यदि 10 जनवरी 2023 तक परिवार कल्याण क्षेत्रीय कार्यकर्ता ए.एन.एम. का सभी लंबित भुगतान सुनिश्चित करें अथवा बाध्य होकर 11 जनवरी से सभी संबंधित कर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी आपकी राज्य सरकार की होगी.इसके आलोक में ए.एन.एम.लोगों का कहना है कि काम का हड़ताल है पेट का सवाल है,वेतन हमारा अधिकार है स्वास्थ्य विभाग लाचार है, ये अन्याय ठीक नहीं हमें वेतन चाहिए भीख नहीं, मतलब का यार है ये कैसी सरकार है.
कार्य बहिष्कार शुरू
इस बीच राज्य में केंद्र सरकार के द्वारा प्रायोजित परिवार कल्याण नामक कार्यक्रम संचालित है. इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार के द्वारा 60 प्रतिशत क्रेंदांश और राज्य सरकार के द्वारा 40 प्रतिशत राज्यांश के बल पर संचालित है. इसमें परिवार कल्याण क्षेत्रीय कार्यकर्ता ए.एन.एम. का वेतनादि शामिल है.पिछले पांच माह से ए.एन.एम. का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है.इससे ए.एन.एम. परेशान हैं.एक तरह से कह सकते हैं कि उनका विकास का पहिया जाम हो गया है.
बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ के महासचिव अनिल कुमार सिंह का कहना है कि पांच महीने से वेतनादि नहीं मिलने के कारण हम अपने हक के लिए संघर्ष करना चाह रहे हैं तो इसे बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अमित वाले अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.इसलिए उनकी बातों में आने की कोई जरूरत नहीं है. मनेर पीएचसी के ए.एन.एम. लोग पता चला तो डर गई हैं. इन लोगों ने नौबतपुर में भी डराने की कोशिश की है, लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है इसलिए सभी पी.एस.सी. की ए.एन.एम.लोग डटकर मुकाबला करें फरवरी का इंतजार करेगा तो जून में अलॉटमेंट आएगा.
बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि सभी प्रखंड मंत्री/संयोजक एवं सभी सक्रिय सदस्य बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा पटना द्वारा दिनांक 10-01-2023 से कार्य बहिष्कार का निर्णय नहीं लिया गया है.बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ कार्य बहिष्कार में शामिल नहीं है. कार्य बहिष्कार का निर्णय दूसरे संघ का है,अफवाह से बचें और सभी साथियों को समझाये. विरोधाभास शब्दों से कर्मचारियों को गुमराह करने वाले संघ का क्या औचित्य है.
इस संबंध में पटना सिविल सर्जन डॉ.के.के.रॉय का कहना है कि सरकार के पास से राशि आने से पी.एच.सी.में वितरित कर दी जाती है. मतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सभी पी.एच.सी.को एक साथ वेतनादि की राशि विमुक्त नहीं कर रहे हैं.