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आंदोलन

टाइम मैगजीन के कवर पेज पर छाईं आंदोलनकारी किसान महिलायें, लिखा मुझे डराया और खरीदा नहीं जा सकता

Janjwar Desk
5 March 2021 5:47 PM GMT
टाइम मैगजीन के कवर पेज पर छाईं आंदोलनकारी किसान महिलायें, लिखा मुझे डराया और खरीदा नहीं जा सकता
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टाइम मैगजीन ने कवर पेज पर जिन महिलाओं को जगह दी है, उसमें 41 वर्षीय अमनदीप कौर, गुरमर कौर, सुरजीत कौर, जसवंत कौर, सरजीत कौर, दिलबीर कौर, बिन्दु अम्मां, उर्मिला देवी, साहुमति पाधा, हीराथ झाड़े और सुदेश गोयत शामिल हैं। ये महिलायें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की हैं,,,,

जनज्वार। किसान आंदोलन में महिलायें भले ही हमारे देश या सरकार के लिए चर्चा का विषय न रही हों, मगर चर्चित पत्रिका टाइम मैग्जीन ने उन्हें अपने कवर पेज पर प्रकाशित कर जरूर सम्मानित किया है।

टाइम ने अपने ट्वीटर हैंडल पर मैग्जीन का कवर पेज शेयर किया है, जो भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनों में शामिल रहीं प्रमुख महिलाओं को डेडिकेट किया गया है। टाइम मैगजीन ने अपना इंटरनेशल कवर हमारे देश की उन किसान महिलाओं को समर्पित किया है, जो दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलनों प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं और महीनों से तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग के खिलाफ डटकर खड़ी हैं।

टाइम मैगजीन के नए इंटरनेशनल कवर पर एक टैगलाइन भी है, जिसमें लिखा है- मुझे डराया-धमकाया नहीं जा सकता और मुझे खरीदा भी नहीं जा सकता। भारत के किसान आंदोलनों का नेतृत्व करने वालीं महिलाएं।' टाइम मैगजीन के कवर पेज पर किसान आंदोलन में शामिल कुछ महिला किसानों की तस्वीर ळै, जिनके साथ कुछ छोटे-छोटे बच्चों को भी दिखाया गया है।

टाइम के कवर पेज पर दिख रहा है कि कुछ महिलाएं 3 कृषि कानूनों के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रही हैं। इस दौरान एक महिला की गोद में बच्चा भी दिख रहा है और एक-दो अन्य बच्चे भी हैं। तस्वीर में बुजुर्ग महिलाओं को भी शामिल किया गया है।

टाइम मैगजीन ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है, 'टाइम का नया इंटरनेशनल कवर।' टाइम मैगजीन ने कवर पेज पर जिन महिलाओं को जगह दी है, उसमें 41 वर्षीय अमनदीप कौर, गुरमर कौर, सुरजीत कौर, जसवंत कौर, सरजीत कौर, दिलबीर कौर, बिन्दु अम्मां, उर्मिला देवी, साहुमति पाधा, हीराथ झाड़े और सुदेश गोयत शामिल हैं। ये महिलायें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की हैं।

टाइम मैगजीन ने कवर पेज पर आधारित जो लेख लिखा है, उसमें इस बात का जिक्र है कि महिला किसानों ने किस तरह किसान आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया है, जबकि सरकार उन्हें घर जाने के लिए कह चुकी है। इसमें लिखा गया है कि कैसे ये किसान महिलाएं सरकार के कहने के बाद भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों का नेतृत्व करने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं।

गौरतलब है कि भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन ने विदेशों में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। कई इंटरनेशनल हस्तियां भी इसके सपोर्ट में उतर चुकी हैं। पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग जैसी अंतरराष्ट्रीय और मशहूर हस्तियों ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था। ये और बात है कि बाद में मीडिया ने यह प्रचारित किया कि ग्रेटा थनबर्ग भारत के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा की साजिश का हिस्सा थीं, जिसकी जांच की जा रही है।

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