रोजगार, कर्पूरी ठाकुर फॉर्मूला, पूंजी पलायन पर रोक, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की लूट पर रोक के सवालों पर UP में उठेगी आवाज !

Lucknow News : रोजगार, कर्पूरी ठाकुर फार्मूला लागू करने, पूंजी पलायन और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की लूट पर रोक, महिला स्वयं सहायता समूहों को एक प्रतिशत ब्याज दर पर लोन की गारंटी, प्रदेश में रिक्त पड़े पदों को भरने और लोकतंत्र की रक्षा जैसे सवालों पर आज 17 नवंबर को जन गोलबंदी करने के लिए जवाहर नेहरू युवा केंद्र, चौक में रोजगार-सामाजिक अधिकार अभियान की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रदेश भर से सैकड़ों राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे। देर शाम तक चली बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव लिए गए और दिसंबर में जिलों में बैठक करने और जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल महोदया को पत्रक देने का निर्णय हुआ।
बैठक में रखे पर्चे में कहा गया कि बिहार चुनाव में जहां चुनाव आयोग समेत सरकारी तंत्र का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया, वहीं एनडीए के पक्ष में गैर मुस्लिम, गैर यादव, गैर रविदास समुदाय का एक बड़ा राजनीतिक सामाजिक समीकरण ने उसे मजबूत बनाया। महागठबंधन द्वारा जिस तरह से 'तेजस्वी प्रण' को उछाला गया उससे मोर्चे की स्वतंत्रता और स्वायत्त प्रभावित हुई जिसे भाजपा विरोधी लोकतांत्रिक समाज ने भी पसंद नहीं किया।
पर्चे में कहा गया कि यदि अति पिछड़ा और महिलाओं के लिए संसाधन उपलब्ध कराने और सरकारी तंत्र में वाजिब प्रतिनिधित्व दिलाने की बात महा गठबंधन ने की होती तो यह तबके नीतीश और बीजेपी के पीछे गोलबंद नहीं होते। राज्यतंत्र पर कॉर्पोरेट के नियंत्रण को हटाने और समावेशी विकास के लिए समाज के विभिन्न वर्गों समुदाय और महिलाओं के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में जोर बढ़ाना होगा।
बैठक के आयोजक और आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के संस्थापक अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रोजगार-सामाजिक अधिकार अभियान को जन आकांक्षाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व का केंद्र बनना चाहिए। रोजगार, पूंजी पलायन का मुद्दा मौजूदा राजनीति में बदलाव कर सकता है। उन्होंने कहा कि राजकीय कोष बढ़ाने के लिए जीएसटी का पुनर्गठन किया जाना चाहिए, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए साथ ही केंद्र सरकार राज्यों के कोष के लिए जो अनुदान देती है उसे हर हाल में जारी रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आर्थिक न्याय के बिना सामाजिक न्याय की यात्रा पूरी नहीं हो सकती। कर्पूरी ठाकुर फार्मूला प्रतिनिधित्व के साथ-साथ संसाधनों के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है। भेदभाव के शिकार पांच समुदाय अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, पसंमादा मुसलमान और महिलाओं के संसाधनों के अधिकार और प्रतिनिधित्व के सवाल को प्रदेश स्तरीय मुद्दा बनाया जाए।
बैठक में अध्यक्ष मंडल का भी गठन किया गया। इसके संयोजक राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल और अंबेडकर जन मोर्चा के अध्यक्ष श्रवण कुमार निराला को सह संयोजक बनाया गया। अध्यक्ष मंडल में पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के श्रीकांत गुप्ता, रामधनी बिंद, इंद्रजीत शर्मा, अजय शर्मा, साहब सिंह धनगर, घनश्याम कोरी, डॉक्टर बृज बिहारी, छात्र नेता शम्मी कुमार सिंह, रेड ब्रिगेड की उषा विश्वकर्मा, युवा मंच की सविता गोंड, इंजीनियर रामकृष्ण बैगा, राम सुरेश यादव, तिलकधारी बिंद, जोखू सिद्दकी, आलोक राजभर को चुना गया। अध्यक्ष मंडल में आमंत्रित सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह, एस. आर. दारापुरी, आलोक सिंह, दिनकर कपूर को रखा गया। अध्यक्ष मंडल में प्रदेश के हर जिले से प्रतिनिधित्व की बात भी तय की गई।





