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यूपी और पंजाब का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे किसान नेता? राकेश टिकैत ने दिए संकेत

Janjwar Desk
12 July 2021 8:27 AM GMT
यूपी और पंजाब का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे किसान नेता? राकेश टिकैत ने दिए संकेत
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(चुनाव लड़ने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा: सितंबर में मुजफ्फरनगर में बैठक तय की गई है, वहां अगले कदम का निर्णय लिया जाएगा।)

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, क्या चुनाव लड़ना गलत चीज है? जो लोग वोट डाल सकते हैं वो चुनाव लड़ने का फैसला भी कर सकते हैं......

जनज्वार डेस्क। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने संकेत दिए हैं कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के आगामी चुनाव में किसान नेता चुनाव लड़ सकते हैं। टिकैत और किसान संगठन सितंबर 2020 में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते आठ महीने से दिल्ली और इसकी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

टिकैत समाचार चैनल आजतक से बातचीत कर रहे थे जहां उन्होंने बताया कि सितंबर में मुजफ्फरनगर में बैठक तय की गई है, वहां अगले कदम का निर्णय लिया जाएगा। महापंचायत के रूप में होने वाली इस बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसानों की भागीदारी होगी।

टिकैत ने कहा, क्या चुनाव लड़ना गलत चीज है? जो लोग वोट डाल सकते हैं वो चुनाव लड़ने का फैसला भी कर सकते हैं।

टिकैत किसानों के साथ 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 के खिलाफ आंदोलन पर बैठे हैं।

इस अवधि के दौरान उन्होंने आंदोलन का समर्थन हासिल करने के लिए कई राजनेताओं से मुलाकात की। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद विरोध जारी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तीन कानूनों को निरस्त नहीं करेगी और चाहती है कि किसान संगठन संवाद के माध्यम से समाधान निकालें। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक कृषि कानूनों को खत्म नहीं किया जाता है, तब तक वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।

किसान नेताओं ने अपना आंदोलन तेज करने की योजना की घोषणा की है। पिछले हफ्ते टिकैत ने कहा था कि किसानों के चल रहे विरोध को देखते हुए 22 जुलाई से 200 लोग संसद के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "अगर केंद्र कृषि कानूनों पर चर्चा चाहता है, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन, अगर बातचीत नहीं होती है या फलदायी परिणाम नहीं मिलते हैं, तो 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे।"

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