अभी से चर्चा में है सोशल रिफार्मर ज्योतिराव और सावित्रीबाई की बायोपिक 'फुले', ये कलाकार निभाएंगे दमदार किरदार

Social reformer Jyotirao-Savitribai Phule : जब भी आधुनिक भारत के महान समाज सुधारकों ( India Social Social Reformer ) की चर्चा होती है तो 'ज्योतिराव फुले' ( Jyotirao Phule) और सावित्रीबाई फुले ( Savitribai Phule ) का नाम सबसे टॉप पर होता हैं अब दोनों की जिंदगी पर फिल्म बनाए जाने की घोषणा की गई है। फिल्म का एक पोस्टर रिलीज किया गया है। पोस्टर में बताया गया है कि ज्योतिराव फुले की बायोपिक 'फुले' में प्रतीक गांधी ( Prateek Gandhi ) और पत्रलेखा ( Patralekha ) लीड रोल में नजर आएंगी। दोनों पर महान समाज सुधारक के किरदार को जीवंत बनाने की जिम्मेदारी है। फिल्म के डायरेक्शन की कमान अनंत नारायण महादेवन के हाथ में है।
2023 में होगी बायोपिक 'फुले' रिलीज
कलाकार प्रतीक गांधी ने अपने इंस्टाग्राम पर फिल्म का एक पोस्टर सभी से साझा किया है। साथ ही इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा बतौर एक्टर दुनिया को महात्मा फुले के बारे में बताने पर गर्व महसूस कर रहा हूं। ज्योतिबा फुले की 195वीं वर्षगांठ के मौके पर 11 अप्रैल को कंटेंट इंजीनियर्स और डांसिंग शिवा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित हिंदी बायोपिक फुले के फर्स्ट लुक का अनावरण किया गया। पोस्टर में प्रतीक गांधी महात्मा फुले और पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले के किरदार में नजर आ रहे हैं। महात्मा ज्योतिबा फुले की ये हिंदी बायोपिक को अगले साल 2023 में रिलीज किया जा सकता है।
डेढ़ बीघा जमीन में किसानों की हक लड़ते दिखाई देंगे प्रतीक
क्टर प्रतीक गांधी हाल में आई वेब सीरीज 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' में भी नजर आए थे। प्रतीक गांधी को वेब सीरीज 'स्कैम 1992' से काफी लोकप्रियता मिली। प्रतीक जल्द ही पुलकित के निर्देशन में बनी फिल्म 'डेढ बीघा जमीन' में अभिनेत्री खुशाली कुमार के साथ नजर आने वाले हैं। फिल्म में प्रतीक गांधी किसानों और गरीबों के हक में सिस्टम से लड़ाई लड़ते हुए दिखाई देंगे। इसके अलावा वो अरशद सईद के निर्देशन में बन रही फिल्म 'वो लड़की है कहां' में एक्ट्रेस तापसी पन्नू के साथ मुख्य किरदार में नजर आएंगे।
पहली बार प्रतीक और पत्रलेखा एक साथ काम करते दिखाई देंगे
दूसरी तरफ अभिनेत्री पत्रलेखा साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'नानू की जानू' में नजर आई थीं। ये पहला मौका होगा जब प्रतीक गांधी और पत्रलेखा किसी फिल्म में एक साथ काम करते दिखाई देंगे।
Social reformer Jyotirao-Savitribai Phule : बता दें समाज सुधारक ज्योतिबा फुले ( Jyotirao Phule ) ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर छुआछूत और जातीय भेदभाव के खिलाफ लंबे वक्त तक आंदोलन और प्रदर्शन किया है। 1873 में 'सत्य शोधक समाज' की स्थापना कर महिला, दलित और पिछड़ों के लिए समान अधिकारों की पुरजोर वकालत की। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के शिक्षा प्रदान करने समर्थन किया था। भारतीय समाज में फैली विभाजन और भेदभाव को दूर करने के लिए उन्होंने गुलामी के दौर में भी संघर्ष किया। उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ( Savitribai Phule ) ने 1848 में लड़कियों की एजुकेशन के लिए पहला स्कूल खोला था। इन सामाजिक कामों को करने पर दोनों लोगों को समाज का काफी विरोध झेलना पड़ा था। उनके प्रयासों का कही परिणाम है कि आज भारतीय समाज से कई बुराईयों को दूर करने में मदद मिली तो कई बुराईयों आज भी हमारे लिए चुनौती बनी हुई हैं।





