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भारत पहुंचते ही फूट-फूटकर रो पड़ा अफगानी सांसद, बोला 20 साल में जो कुछ बनाया सबकुछ खत्म हो गया

Janjwar Desk
22 Aug 2021 7:37 AM GMT
भारत पहुंचते ही फूट-फूटकर रो पड़ा अफगानी सांसद, बोला 20 साल में जो कुछ बनाया सबकुछ खत्म हो गया
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(हिंडन एयरपोर्ट पर उतरते ही फफक-फफक कर रोए अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा)

नरेंद्र सिंह खालसा से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि एक सांसद के रूप में अपने देश को छोड़ने पर आप कितने दुखी हैं। तो इसके जवाब में वह फूट-फूटकर रोने लगे.....

जनज्वार। अफगानिस्तान की सूरत-ए-हाल दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान के नागरिक किसी तरह देश छोड़कर निकल रहे हैं। कुछ इरान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान की बॉर्डर से निकलने की कोशिश कर रहे हैं तो कुछ देश छोड़ने की उम्मीद में काबुल एयरपोर्ट पर जमे हुए हैं। इस बीच भारतीय वायुसेना का विमान भारतीय व अन्य देशों के नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रहा है।

भारतीय वायुसेना का विमान रविवार को गाजियाबाद में हिंडन बेस पर उतरा। इस विमान में 107 भारतीयों समेत 168 लोग सवार थे। इसी विमान से अफगानी सांसद नरेंद्र खालसा भी उतरे और पत्रकारों से बातचीत के दौरान वह फफक-फफक कर रो पड़े।

नरेंद्र सिंह खालसा से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि एक सांसद के रूप में अपने देश को छोड़ने पर आप कितने दुखी हैं। तो इसके जवाब में वह फूट-फूटकर रोने लगे। इस दौरान वहां मौजूद पत्रकारों ने उनका ढांढस बंधाया और कहा कि आप एक दिन अपने घर जाएंगे, रोइए मत..। इसके बाद खालसा ने कहा कियही तो रोना है कि जिस अफगानिस्तान में हम पीढ़ियों से रह रहे हैं वहां ऐसा नहीं देखा था। सबकुछ खत्म हो गया, जीरो हो गया और बीस साल जो सरकार बनी वह खत्म हो गयी।

खबरों के मुताबिक भारत अबतक काबुल से तीन सौ नागरिकों को वापस ला चुका है। भारतीय वायुसेना का विमान इस समय ताजिकिस्तान और कतर के रास्तेसे अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रहा है।

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि एआई 1956 की उडान से 87 भारतीय को दिल्ली पहुंचाया गया। दुशांबे (तजाकिस्तान) में हमारे दूतावास की मदद से दो नेपाली नागरिकों को भी निकाला गया। भारतीय वायुसेना के एक विमान द्वारा पहले काबुल से यात्रियों को निकाला गया था।

बता दें कि अमेरिकी सेना के हटते ही पूरे अफगानिस्तान पर बीस साल बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। तालिबान दूसरी बार अफगानिस्तान में सरकार बनाने जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर इन दिनों संयुक्त अरब अमीरात में हैं। उन्होंने सत्ता तालिबान के हाथों में सौंप दी है।

तालिबान इससे पहले साल 1996 से 2021 तक सत्ता में रह चुका है। पहले कार्यकाल के दौरान तालिबान की क्रूरता से अफगानिस्तान के लोग देख चुके हैं, इसलिए लोग देश छोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाना चाहते हैं। खासतौर पर महिलाएं काफी डरी हुई हैं क्योंकि उन्हें अब इस बात का डर सता रहा है कि वह तालिबानी शासन में शिक्षा हासिल नहीं कर पाएंगी और घरों में ही कैद रह जाएंगी।

साल 2001 में अमेरिका वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर हुए हमले के बाद के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना तैनात थी। इसके बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान तालिबान के साथ समझौता हुआ था। लेकिन नई अमेरिकी जो बाइडेन सरकार में अमेरिका ने अपनी सेना वापस बुला ली। बीते बीस वर्षों में तालिबान ने रणनीति बनाकर अपने संगठन को मजबूती दी और काबुल पर कब्जा कर लिया।

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