बैंक खाता धारक की मृत्यु हो जाने पर परिजन ऐसे निकाल सकते हैं जमा राशि
जनज्वार ब्यूरो, नई दिल्ली। खाताधारक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर परिजन मृतक के बैंक खाते में जमा राशि को बैंक के नियमों के अनुसार पा सकते हैं। मृतक खाताधारक के खाते से रुपये निकालने के लिये हमें सबसे पहले मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। मृत्यु प्रमाण पत्र हमें सम्बंधित स्थानीय निकाय ( पंचायत, पालिका, निगम) द्वारा जारी किया जाता है।
खाते से रकम निकालने के लिये अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग प्रक्रिया हैं।
सयुंक्त खाता (जॉइंट एकाउंट) होने पर-
अगर जॉइंट खाता है और एक खाताधारक की म्रत्यु हो जाती है तब खाते का दूसरा होल्डर मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र बैंक में जमा कर खाते को अपने नाम करा सकता है। इसके अलावा वह नया खाता खोलकर उक्त राशि को अपने खाते में स्थानांतरित करवा कर पुराने संयुक्त खाते को बन्द करा सकता है।
खाते में नॉमिनी होने पर-
खाता खुलवाते समय बैंक द्वारा नॉमिनी की डिटेल मांगी जाती है। ऐसे में खाता खुलवाते समय व्यक्ति को एक अन्य व्यक्ति को नामांकित करना होता है। खाता धारक की मृत्यु हो जाने पर नॉमिनी सम्बंधित बैंक शाखा में जाकर क्लेम कर सकता है। इसके लिये मृतक खाताधारक के मृत्यु प्रमाण पत्र व नॉमिनी की KYC डिटेल की जरूरत होती है। नॉमिनी खाते में स्थित पैसे को प्राप्त कर सकता है ।
RBI के निर्देशों के अनुसार नॉमिनी वाले मामलों में मिनिमम थ्रेसहोल्ड लिमिट होने पर बैंक द्वारा नॉमिनी को 15 दिन के अंदर भुगतान करना जरूरी है।
खाते में नॉमिनी न होने पर-
यदि खाते में नॉमिनी का नाम नहीं है तब खाताधारक के परिवार के उत्तराधिकारी जैसे पत्नी और बच्चे मृतक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र व मृतक के साथ अपने सम्बन्ध का वैध दस्तावेज जमा कर खाते में जमा राशि को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए पैसा प्राप्त करने वाले वारिस को बैंक में कानूनी सबूत देना होता है। इसके अंतर्गत वसीयत और अगर कोई वसीयत नहीं है तो उत्तराधिकार प्रमाण पत्र लगाना होता है।
पोस्ट ऑफिस के बचत खाते में नॉमिनी न होने पर भी मिलेगा पैसा-
पोस्ट ऑफिस की स्कीम के नियमों में बदलाव के दौरान यह प्रावधान किया गया था।पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम के अंतर्गत किसी व्यक्ति की जमा रकम पर उसकी मृत्यु के बाद दावे के नियमों को आसान किया गया है। अगर मृतक ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है, परिजनों के पास कोई कानूनी सबूत नहीं है तो भी उसके खाते में जमा रकम को हासिल करने के लिए परिजन दावा कर सकते हैं। ऐसे में निवेश की गयी रकम के आधार पर अलग-अलग प्राधिकारी बिना कानूनी साक्ष्य के राशि को मंजूर कर सकते हैं। नए नियम के अनुसार 6 महीने के अंदर दावे को स्वीकार करना होगा।
अन्य बैंकिंग स्कीम-
म्यूच्यूअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम के अंतर्गत 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है। इस अवधि के पूरा होने से पहले अगर निवेशक की मृत्यु हो जाती है तो उससे संबंधित नॉमिनी पैसा निकाल सकते हैं। बशर्ते यूनिट आवंटन के बाद 1 साल की अवधि पूरी हो गई हो।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाते में 15 साल का लॉक इन पीरियड होता है। इस अवधि के दौरान खाता धारक की मौत हो जाने पर नॉमिनी निर्धारित फॉर्म भरकर पैसा निकाल सकता है।
बैंकों की 5 साल की टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेशक की मौत हो जाने पर नॉमिनी लॉक इन पीरियड के दौरान भी पैसा निकाल सकता है।