कृषि बिल : विपक्ष ने किया संसद की कार्यवाही का बहिष्कार, गुलाम नबी ने एक और बिल की मांग उठायी
जनज्वार। कृषि विधेयक को लेकर संसद के जारी मानसून सत्र में सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच चल रहे तानातानी के बीच विपक्ष ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सांसद वाॅकआउट कर गए और गांधी प्रतिमा के सामने आठ सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन मे शामिल हुए।
इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम तब तक संसद के सत्र का बहिष्कार करेंगे जबतक सरकार हमारी तीन मंागें स्वीकार नहीं कर लेती है। उन्होंने कहा कि हम सरकार सदन में एक दूसर विधेयक लेकर आए जिसके माध्यम से किसानों को यह सुरक्षा दी जाए कि उनका फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर निजी खरीदार नहीं खरीद सकेंगे। इसके साथ ही एमएसपी स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें के अनुसार तय की जाए। साथ ही एफसीआइ जैसी सरकारी एजेंसियां भी एमएसपी से कम कीमत पर फसलों की खरीद नहीं कर सके।
जब ये बिल ला रहे थे तो MSP उस वक्त अनाउंस करनी चाहिए थी पर नहीं की। खैर MSP बाद में अनाउंस किया गया जिसका हम स्वागत करते हैं। MSP को लेकर हमने तीन कंडीशनें रखी हैं जब तक वो पूरी नहीं हो जाती ये बायकॉट जारी रहेगा : LoP गुलाम नबी आज़ाद pic.twitter.com/aySCy16vhs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 22, 2020
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि जब तक हमारे सांसदों के सस्पेंशन को वापस नहीं लिया जाता है और किसान के बिलों से संबंधित हमारी मागों को नहीं माना जाता है विपक्ष सत्र से बायकाॅट करता है। आजाद ने कहा कि पिछले दो दिनों में सदन में जो हुआ, मुझे लगता है कि उससे कोई भी खुश नहीं है, करोड़ों लोगों को जो रिप्रजेंट करते हैं उन्होंने करोड़ों लोग देखते हैं। जो लक्ष्य है यहां आने का वह पूरा होना चाहिए।
विपक्ष और सरकार दोनों को एक साथ बैठकर सदन चलाने में मदद करनी चाहिए। एक-दूसरे के सहयोग से लोकतंत्र जारी रहना चाहिए : एच.डी. देवगौड़ा पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद pic.twitter.com/bGPTSQ6E0V
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 22, 2020
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि अगर नंबरों की बात करें तो उस दिन हमारे पक्ष में 110 वोट थे और इनके पक्ष में 721। अगर निलंबित आठ सांसद इस पर पर खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस बात स सहमत है कि उन्हें सदन से बाहर नहीं होना चाहिए
अगर नंबरों की बात करें तो उस दिन हमारे पक्ष में 110 वोट थे और इनके पक्ष में 72। अगर वो (8 सांसदों द्वारा प्रदर्शित अनियंत्रित व्यवहार) इस पर खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस बात से सहमत है कि उन्हें सदन से बाहर नहीं होना चाहिए: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी pic.twitter.com/wyPOVwOqqE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 22, 2020