किसान आंदोलन के बीच आज देशभर के एलोपैथ डॉक्टर हड़ताल पर, केंद्र सरकार के आदेश का कर रहे विरोध
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जनज्वार। देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच अब देश के डॉक्टर भी आंदोलन की राह पर हैं। किसान जहां केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, वहीं डॉक्टर केंद्र सरकार के उस आदेश का विरोध कर रहे हैं, जिसमें आयुर्वेद डिग्रीधारी डॉक्टरों को भी सर्जरी करने की इजाजत दे दी गई है। इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित देश के डॉक्टरों के कई संगठनों ने आज काम ठप्प रखने का आह्वान किया है।
आईएमए और अन्य मेडिकल संगठनों के आह्वान के बाद आज देश भर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पहले ही 11 दिसंबर को देश भर में नॉन-कोविड मेडिकल सर्विसेज रोकने की घोषणा की थी।
आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी गैर-आपातकालीन और गैर-कोविड मेडिकल सेवाएं ठप्प रहेंगी। इस दौरान ओपीडी बंद रहेगी और कोई इलेक्टिव सर्जरी भी नहीं होगी, हालांकि इमरजेंसी सर्विसेज जारी रहेंगी।
डॉक्टरों का यह विरोध सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) के एक नोटिफिकेशन के कारण हो रहा है। इस नोटिफिकेशन के तहत आयुर्वेट से पोस्ट ग्रेजुएट्स को भी सामान्य सर्जरी की मंजूरी दे दी गई है।
आईएमए इसका विरोध करते हुए कह रहा है कि यह एक तरह से मिक्सोपैथी हो गई। जिस डॉक्टर ने सर्जरी के बारे में स्पेशलाइज्ड पढ़ाई नहीं की है, वह अगर सर्जरी करेगा तो मरीजों की जान पर बन सकती है।
आईएमए ने कहा है कि वह किसी भी मेडिसिन सिस्टम के खिलाफ नहीं है, जबतक वह अपने सिस्टम के तहत दवाइयों को प्रिस्क्राइब करता है। यानी अपने पास आए मरीजों को अपने सिस्टम के तहत दवाइयां देता है।
आईएमए ने आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की सामान्य मंजूरी दिए जाने को मिक्सोपैथी कहा है और इसे खारिज करने को कहा है। आईएमए लगातार इसके खिलाफ ट्विटर पर अपील कर रहा है और उसने लिखा है 'जनता को खिचड़ी सर्जन से बचाएं और आधुनिक चिकित्सा की मौलिकता को बचाएं।'
आईएमए ने कहा है कि 11 दिसंबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी गैर-जरूरी और गैर-कोविड मेडिकल सर्विसेज बंद रहेंगी।
कैजुअल्टी, लेबर रूम्स, इमरजेंसी सर्जरी की सर्विसेज चालू रहेंगी। आईसीयू और क्रिटिकल केयर जैसी सर्विसेज नहीं बंद होंगी। यह अपील सभी सेक्टर के मॉडर्न मेडिसिन डॉक्टर्स से किया गया है। इसके साथ ही इलेक्टिव सर्जरी भी बंद रहेगी।